महाराष्ट्र में रैपीड एंटीजन टेस्ट के कई परिणाम गलत
मरीजों की संख्या को लेकर संभ्रम सटीक रिपोर्ट के लिए डॉक्टर कर रहे आरटी-पीसीआर पर भरोसा
हिं.स/दि.२७
मुंबई-कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है अथवा नहीं यह पता लगाने हेतु इन दिनों रैपीड एंटीजन टेस्ट की जा रही है. जिससे मात्र २० मिनट में रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है. किंतु पाया जा रहा है कि, अधिकांश मामलों में रैपीड एंटीजन टेस्ट की पॉजीटिव व निगेटीव रिपोर्ट गलत आ रही है. जिसके चलते कई राज्यों में इस टेस्टींग को लेकर संभ्रम दिखाई दे रहा है. इसमें भी मुंबई व महाराष्ट्र में कई ऐसे मामले सामने आये, जिनमें मरीजों की रैपीड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटीव आयी थी, वहीं आरटी-पीसीआर की टेस्ट में ऐसे मरीज कोरोना पॉजीटिव पाये गये. जिसके चलते रैपीड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पर पूरी तरह से निर्भर रहने की बजाय आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट करवाने का निर्णय महाराष्ट्र सहित तमिलनाडू जैसे तेजी से कोरोना संक्रमित हो रहे राज्यों द्वारा लिया गया है. मुंबई की दो बेहद महत्वपूर्ण प्रयोगशालाओं द्वारा की गई टेस्टिंग के आंकडों से स्पष्ट होता है कि, रैपीड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट में निगेटीव पाये गये ६५ प्रतिशत लोग आरटी-पीसीआर टेस्टिंग में कोरोना पॉजीटिव पाये गये है. ऐसे में अब तक जिन-जिन लोगोें की रैपीड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटीव आयी है, उनकी रिपोर्ट को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों के निश्चित आंकडों को लेकर संभ्रम देखा जा रहा है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, देश की राजधानी दिल्ली में रैपीड एंटीजन टेस्ट होने के बाद कोरोनामुक्त होनेवाले लोगों की संख्या बढी. जिसे दिल्ली प्रदेश की एक बडी सफलता माना गया. महाराष्ट्र में भी ऐसी ही परिस्थिति रहना अपेक्षित था. किंतु १८ जून से २१ जुलाई के दौरान की गई एंटीजन टेस्ट में कोरोना निगेटीव बताये गये १५ प्रतिशत लोग आरटी-पीसीआर टेस्टिंग में कोरोना पॉजीटिव पाये गये. जिसके चलते रैपीड एंटीजन टेस्ट को लेकर काफी शंकाएं उत्पन्न होनी शुरू हुई. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक २८ जून से ३१ जुलाई की कालावधि के दौरान दिल्ली में ३ लाख ६० हजार लोगोें की एंटीजन टेस्ट की गई. जिसमें केवल ६ प्रतिशत लोग कोरोना संक्रमित पाये गये. वहीं जिन लोगोें की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटीव आयी थी, जब उनके थ्रोट स्वैब सैम्पलों की आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की गई, तो उसमें से १५ प्रतिशत मरीज कोरोना संक्रमित पाये गये. एंटीजन टेस्ट को लेकर उपजे संदेह के चलते तमिलनाडू के ११३ अस्पतालों में रोजाना करीब ५० हजार लोगों की सीधे आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की जा रही है. जिसके लिए इन सभी अस्पतालों को पर्याप्त संख्या में टेस्टिंग कीट व मशीन दी गई है. उधर कर्नाटक के बेंगलोर में २० जुलाई से एंटीजन टेस्ट करनी शुरू की गई और वहां की प्रयोगशालाओं में अब तक ८ हजार ५०० सैम्पल संकलित किये गये. जिसकी रिपोर्ट मिलना बाकी है. किंतु एंटीजन टेस्टिंग की रिपोर्ट के पूरी तरह सही व सटीक नहीं रहने की संभावना को देखते हुए अब स्वास्थ व चिकित्सा क्षेत्र से जुडे विशेषज्ञों द्वारा आरटी-पीसीआर टेस्टिंग को ही तवज्जो देने का निर्णय लिया गया है.
राज्य में ९ हजार ४३१ नये कोरोना संक्रमित
महाराष्ट्र में अब तक २ लाख १३ हजार २३८ कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घर गये है और गत रोज ६ हजार ४४ मरीजों को कोरोना मुक्त घोषित करते हुए अस्पतालों से डिस्चार्ज दिया गया. किंतु इसके बावजूद देश के अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में मरीजों के ठीक होने का प्रमाण ८ प्रतिशत से कम है. देश में रविवार तक कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने का औसत प्रमाण ६४ प्रतिशत पर था, जो राज्य में ५६.७४ प्रतिशत रहा. राज्य में रविवार को ९ हजार ४३१ नये कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये. जिसके चलते राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या ३ लाख ७५ हजार ७९९ पर जा पहुंची. वहीं रविवार को महाराष्ट्र में २६७ मरीजों की मौत हुई. बता दें कि, राज्य में अब तक कुल १३ हजार ६५६ मरीजों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है.
देश में ४८ हजार ६६१ नये मरीज
वहीं देश में रविवार को कोरोना के ४८ हजार ६६१ नये मरीज पाये गये. जिसके चलते देश में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या बढकर १३ लाख ८५ हजार ५२२ पर जा पहुंची है. जिसमें से सर्वाधिक राहतवाली बात यह है कि, अब तक ८ लाख ८५ हजार ५७७ मरीज कोरोनामुक्त हो चुके है. वहीं रविवार को देश में ७०५ कोरोना संक्रमित मरीजोें की मौत हुई. जिसके चलते कोरोना संक्रमण की वजह से मरनेवालों का आंकडा ३२ हजार ६३ पर जा पहुंचा है.
को-वै्कसिन के नतीजे समाधानकारक
उधर रोहतक स्थित पोस्ट ग्रॅज्युएट इन्स्टिटयूट ऑफ मेडिकल सायन्सेस में को-वै्कसिन नामक इंजे्नशन के मानवीय परीक्षण से संबंधित नतीजे समाधानकारक व उत्साहवर्धक है. यह जानकारी संस्था की प्रमुख इन्वेस्टीगेटर कविता वर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि, संस्था में ६ लोगोें पर इस व का परीक्षण किया गया है. वहीं देश की १२ वैद्यकीय संस्थाओं में इस वै्नसीन का मानवीय शरीर पर परीक्षण किया जा रहा है.