6 अक्तूबर से 11 अभिजात भारतीय भाषाओं की परिषद

संगाबा विद्यापीठ में 3 दिवसीय आयोजन, 55 तज्ञ होगे सहभागी

* कुलगुरु डॉ. अविनाश आवलगांवकर ने दी प्रेसवार्ता में जानकारी
अमरावती /दि.4 – संगाबा विद्यापीठ के स्वामी विवेकानंद सभागृह में 6 से 9 अक्तूबर तक देश की 11 अभिजात भाषाओं की परिषद का आयोजन किया गया है. ऐसी जानकारी मराठी भाषा विद्यापीठ रिध्दपुर के कुलगुरू डॉ. अविनाश आवलगांवकर ने प्रेसवार्ता में दी. डॉ. आवलगांवकर ने बताया कि मराठी भाषा को 3 अक्तूबर 2024 को अभिजात मराठी भाषा का सम्मान प्राप्त हुआ है. जिसे एक वर्ष पूर्ण हो चुका है. इसके उपलक्ष्य में शासन की ओर से 3 से 9 अक्तूबर तक अभिजात मराठी भाषा सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसमें मराठी भाषा विद्यापीठ रिद्धपुर तथा महाराष्ट्र शासन की ओर से 6, 7 व 8 अक्तूबर तीन दिवसीय 11 भारतीय अभिजात भाषा की राष्ट्रीय परिषद का आयोजन संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के स्वामी विवेकानंद सभागृह में किया जा रहा है. परिषद में देश के विविध राज्यों के अभिजीत भाषा के तज्ञ, अभ्यासक, संशोधक व कुलगुरु सहभागी होंगे.
कुलगुरु डॉ. आवलगांवकर ने बताया कि, इस परिषद के लिए 11 अभिजात भाषाओं से संबंधित 55 प्रतिनिधियों को निमंत्रित किया गया है. जिसमें मराठी सहित तमील, तेलगू, कन्नड, मलयालम, उडीया, बंगाली, पाली, प्राकृत, आसामी तथा संस्कृत भाषाओं का आगामी 50 वर्षों में भविष्य कैसा रहेगा और इन भाषाओं को किस पद्धती से समृद्ध किया जाए, इस पर चर्चा होगी और रिपोर्ट केंद्र सरकार को भिजवाई जाएगी.
6 अक्तूबर को सुबह 10.30 बजे परिषद का उद्घाटन होगा. इस अवसर पर उच्च व तकनिक शिक्षामंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल, मराठी भाषा विकास मंत्री तथा राज्य के उद्योगमंत्री उदय सामंत, संभागीय आयुक्त श्वेता सिंघल सहित अनेक मान्यवर उपस्थित रहेंगे. उद्घाटन के पहले सुबह 9.30 बजे सभागृह से ग्रंथ दिंडी निकाली जाएगी. 7 अक्तूबर को 6 अभिजात भाषा तथा दूसरे दिन 8 अक्तूबर को 5 अभिजात भाषाओं पर मंथन होगा, ऐसा कुलगुरु डॉ. आवलगांवकर ने कहा. परिषद के माध्यम से मराठी सहित अन्य भाषाओं को समृद्ध करने को बढावा मिलेगा, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. प्रेसवार्ता में मराठी भाषा विद्यापीठ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राम राठोड सहित प्राध्यापक उपस्थित थे.

* भाषाओं की अडचन होगी दूर
इस राष्ट्रीय परिषद मेें सभी अभिजात भाषाओं के तज्ञों को उनकी भाषा ओं की रिपोर्ट अथवा संबोधन करने की अनुमति रहेगी. एक दूसरे की भाषा समझ में आने के लिए प्रत्येक डेक्स पर इलेक्ट्रॉनिक्स पैनल लगाए जायेंगे. अन्य भाषा के तज्ञ द्बारा उनकी भाषा में संबोंधित करने पर वहां उपस्थित दूसरी भाषा के तज्ञ को पैनल के सामने पढने को मिलेगा. जिसकी वजह से भाषा की अडचन नहीं आने की बात कुलगुरू डॉ. आवलगांवकर ने स्पष्ट की है.

Back to top button