मानसिक स्वास्थ्य सुद्दृढ बनाए रखने समुपदेशन एकमेव पर्याय

डॉ. सिकंदर अडवानी का प्रतिपादन

अमरावती /दि.17 – मानवी मेंदु की रचना और कार्यप्रणाली यह अद्वितीय हैं. इसे समझना आवश्यक हैं. तनाव, निराशा और मानसिक बिमारी का मेंदु पर होने वाला प्रभाव समझकर उपचार करना सहज होता हैं. मानसिक स्वास्थ्य को सुद्दृढ रखने समुपदेशन एकमात्र पर्याय हैं. ऐसा प्रतिपादन शहर के सुप्रसिद्ध निरोलॉजीस्ट डॉ. सिकंदर अडवानी ने किया.
संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ केे आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग के एम.ए. समुपदेशन व मानसोपचार इस अभ्यास क्रम के विद्यार्थियो के लिए ‘इंडक्शन प्रोग्राम’ का आयोजन किय गया था. इस अवसर पर वे प्रमुख वक्ता के तौर पर बोल रहे थें. कार्यक्रम की अध्यक्षता आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग के संचालक श्रीकांत पाटिल ने की डॉ.अडवानी ने आगे कहां की समाज में विविध सामाजिक, पारिवारीक समस्याए निर्माण होती है. जिसकी वजह से परिवार में वाद विवाद होता हैं. समुपदेशन न रहने से समस्या का रूपांतर बिमारी में हो जाता हैं.
वहीं अध्यक्षिय भाषण में डॉ. श्रीेकांत पाटिल ने विभाग में शुरू एम.ए समुपदेशन व मानसोपचार यह अभ्यासक्रम शुरू करने के पिछे की भुमिका विषद करते हुए कहां की समुपदेशन के लिए देश में 10 करोड समुपदेशको की आवश्यकता है. कार्यक्रम की शुरूआत कर्मयोगी श्रीसंत गाडगे बाबा की प्रतिमा के पुजन व विद्यापीठ के गित से की गई. अतिथिओ का परिचय प्रा.शिवानी अग्रवाल ने करवाया. संचालन राहुल कुकलकर ने किया. व आभार संमन्वयक प्रा.अर्चना ढोरे ने माना कार्यक्रम को सफल बनाने प्रा. सुरेश राहटे, प्रा. विनय रत्नपार्खी, प्रा. प्रगती तंबागडे, दिपक अडसड, विलास राउत, विनीत बोकाडे, वर्षा मानकर ने अथक प्रयास किए.

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