माकपा ने किसान विरोधी नीति का किया निषेध

तहसील कार्यालय पर किया प्रदर्शन

* भरी बरसात में देशव्यापी हडताल को दिया समर्थन
नांदगांव खंडेश्वर/दि.10-कामगार, किसान, खेतिहर मजदूर, आशा, आंगनवाडी, पोषण आहार कर्मचारी और युवाओं ने 9 जुलाई को देशव्यापी हडताल को समर्थन देते हुए नांदगाव खंडेश्वर में भरी बरसात में तहसील कार्यालय पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पक्ष, अ. भा. किसान सभा व सीट के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. इस दौरान देश की भाजपा के मोदी सरकार ने व महाराष्ट्र सरकार ने किए जनविरोधी, कामगार, किसान, विद्यार्थी, युवक व महिला विरोधी कानून और नीति के विरोध में निषेध करते हुए महामहीम राष्ट्रपति को तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया. आंदोलन का नेतृत्व किसान सभा जिला सचिव शाम शिंदे ने किया.
आंदोलन दौरान चार श्रम संहित कानून रद्द किया जाए, जन सुरक्षा विधेयक रद्द करें, आंगनवाडी आशा, शालेय पोषण आहार कर्मचारी व खेतिहर मजदूरों को कामगार सुविधा लागू कर 26000/- रुपए न्यूनतम वेतन लागू करें, किसानों के कृषि माल की खरीदी करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाएं, किसानों को संपूर्ण कर्जमाफी दें, बिजली की नए स्मार्ट मीटर योजना रद्द करें, बिजली की दरें कम करें, कृषि पंप को लगतार 12 घंटे बिजली आपूर्ति करने संबंध में आश्वस्त करें, मनरेगा अंतर्गत साल में कम से कम 200 दिवस काम व रु. 600/- प्रतिदिन मजुरी दें, शहरी क्षेत्र में भी मनरेगा योजना शुरु करें, वन अधिकार कानून का अमल करें, आदि सहित अन्य मांगे की गई. तथा इन मांगों का ज्ञापन राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया. आंदोलन में रामदास मते, दिलीप महले, अशोक केसारखाने, मोहसीन शेख, विजय पाटील, सय्यद राजिक, रुस्तम खा पठाण, मारुती बंड, प्रतीक सुने, किशोर शिंदे, राजगुरू शिंदे, जयेंद्र सुने, पुंडलिक पुंड, कातेश्वर पुंड, रमेश कालेकर, अंकुश शिंदे शामिल हुए.

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