मोबाइल मामले की जांच हेतु अपराध शाखा की टीम पहुंची जेल
पीआई संदीप चव्हाण ने दो कैदियों से की पूछताछ

अमरावती/दि.10- हाल ही में स्थानीय मध्यवर्ती कारागार में बंद रहनेवाले सजायाप्ता कैदियों के पास से एक के बाद एक 6 मोबाइल फोन बरामद होने की घटना के सामने आते ही शहर पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया ने खुद इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देते हुए सेंट्रल जेल का दौरा किया था और मामले की जांच का जिम्मा फ्रेजरपुरा पुलिस की बजाए अपराध शाखा को सौंपने का आदेश भी जारी किया था. जिसके बाद यह आदेश जारी होते ही आज शहर पुलिस की अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक संदीप चव्हाण अपनी टीम के साथ सेंट्रल जेल पहुंचे, जहां पर पीआई संदीप चव्हाण ने सबसे पहले उन कैदियों से बात व पूछताछ की. जिनके पास से मोबाइल जब्त हुए थे. इस समय पीआई चव्हाण ने उन कैदियों के बयान भी दर्ज किए.
बता दें कि, विगत दिनों बेहद अति सुरक्षित माने जाते अमरावती मध्यवर्ती कारागार के अति सुरक्षा विभाग स्थित अंडा सेल में रखे गए दो सजायाप्ता कैदियों के पास तीन मोबाइल हैंडसेट सहित दो मोबाइल बैटरियां बरामद होने का मामला सामने आया था. जिसके चलते अंडासेल में रखे गए कैदी क्रमांक सी-6484 दरवेश खान तथा कैदी क्रमांक सी-6420 दस्तगीर गफूर शाह के खिलाफ फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. इसमें से तरबेज खान को बोरीवली-डिंडोशी के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने हत्या, जबरियां चोरी, हत्या का सबूत नष्ट करने जैसे फौजदारी मामलो में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस कैदी को इससे पहले नाशिक रोड सेंट्रल जेल में रखा गया था, जहां से उसे सुरक्षा कारणों के चलते बची हुई सजा भुगतने हेतु 12 नवंबर 2024 को अमरावती सेंट्रल जेल में भिजवाया गया था. वहीं दस्तगीर गफूर शहा के खिलाफ अहिल्या नगर जिले के श्रीरामपुर पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज है. जिसे श्रीरामपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस कैदी को कोल्हापुर की सेंट्रल जेल से 8 अप्रैल 2024 को अमरावती सेंट्रल जेल में भिजवाया गया था. इन दोनों कैदियों की जेल में गतिविधियां संदिग्ध दिखाई देने के चलते कुछ दिन पहले ही इन दोनों कैदियों को कडी सुरक्षा व निगरानी रहनेवाली अंडा सेल में बंद किया गया था. जहां पर इन दोनों कैदियों के पास से एक एंड्राईड फोन सहित तीन मोबाइल फोन व दो बैटरियां बरामद हुई है. जिसके बाद जेल प्रशासन ने अन्य कैदियों की तलाशी लेनी भी शुरु की, तो अन्य कुछ कैदियों के पास से और तीन मोबाइल बरामद हुए. जिसके चलते बरामद मोबाइल की संख्या 6 पर जा पहुंची. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया ने अमरावती सेंट्रल जेल का दौरा किया था और गत रोज इस मामले की जांच का जिम्मा फ्रेजरपुरा पुलिस की बजाए अपराध शाखा को सौंपने का निर्णय भी लिया था. जिसके बाद अपराध शाखा के दल ने अमरावती सेंट्रल जेल पहुंचकर इस मामले में जांच-पडताल करनी शुरु कर दी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपराध शाखा द्वारा इस मामले की जांच शुरु किए जाने के चलते कई रहस्यों से परदा उठेगा और जेल में बंद कैदियों तक मोबाइल पहुंचाने वाले कर्मचारियों सहित इस मामले में शामिल जेल अधिकारियों के नाम भी उजागर होंगे, ऐसी पूरी संभावना दिखाई दे रही है.
* एक कैदी को किया गया वर्धा जेल में शिफ्ट
इस बीच सामने आई जानकारी के मुताबिक इस मोबाइल कांड में शामिल एक कैदी को आज दोपहर ही अमरावती जेल से वर्धा जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही मोबाइल कांड में शामिल अन्य कैदियों के भी बयान दर्ज करते हुए उन्हें अन्य जेलो में शिफ्ट करने के बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है. खास बात यह है कि, मोबाइल कांड में अब तक जितने कैदियों के नाम सामने आए है, वे सभी कैदी हत्या एवं मोक्का जैसी संगीन धाराओं के तहत सजायाप्ता है और राज्य के अलग-अलग हिस्सों की जेलों से सजा काटने हेतु अमरावती की सेंट्रल जेल में भेजे गए थे. जहां पर रहते हुए उन्होंने आपसी गठजोड बनाने के साथ ही जेल के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलिभगत करते हुए आयफोन व एंड्राइड फोन भी हासिल कर लिए थे.





