सिलेंडर लिया नहीं, फिर भी 16 रुपए सबसीडी खाते में जमा

संबंधित ग्राहक को घरेलू गैस सिलेंडर वितरण में धांधली होने का संदेह

* साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज की शिकायत
* पुलिस का मामले की तह तक जाने का प्रयास
* गैस कंपनी के अधिकारियों के बयान दर्ज
अमरावती/दि.27 – शहर के अनेक ग्राहकों को घरेलू गैस सिलेंडर की बुकिंग अथवा डिलीवरी न होने के बावजूद खाते में 16 रुपए की सबसीडी जमा हो रही है. यह एक तरीके की संबंधित गैस एजेंसी के संचालकों की मिलीभगत के साथ कालाबाजारी होती रहने का संदेह निर्माण होने से एक ग्राहक ने इस मामले की शिकायत साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज की है. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने संबंधित गैस एजेंसी के संचालक और अधिकारियों से पूछताछ कर मामले की तह तक जाने का प्रयास करना शुरु किया है.
जानकारी के मुताबिक राजापेठ थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर आरोप किया है कि, उसमें किसी भी तरह की घरेलू गैस सिलेंडर की ऑनलाइन बुकिंग नहीं की है और न कोई डिलीवरी ली है. इसके बावजूद घरेलू गैस सिलेंडर पर दी जाने वाली 16 रुपए की सबसीडी उसके खाते में जमा हो गई है. इस बात पर से संबंधित शिकायतकर्ता को संदेह है कि, उसका सिलेंडर किसी और को गैस एजेंसी द्वारा अवैध रुप से बुकिंग कर बेचा गया है. यह मामला वैसे तो काफी छोटा लगता है. लेकिन इस तरह के कारनामे अनेक ग्राहकों के साथ होते दिखाई दे रहे है. इस कारण घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाजारी भारी मात्रा में होती रहने का संदेह है. संबंधित शिकायतकर्ता ने इस बाबत 6 मई 2025 को शिकायत दर्ज करवाई थी. साइबर सेल पुलिस ने इसे गंभीरता से लेकर जांच करते हुए मामले की तह तक जाने का प्रयास किया है. शिकायत के आधार पर संबंधित गैस एजेंसी के अधिकारियों से साइबर पुलिस ने पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किये है. यह भी पता चला है कि, अनेक ग्राहकों को गैस एजेंसी की तरफ से अपने आप ही मैसेज आते है. जिसमें सिलेंडर का बुकिंग नंबर, रिफिल नंबर क्रिएट हुआ दिखाई देता है. इस बाबत गैस एजेंसी के अधिकारियों ने साइबर पुलिस को बताया है कि, यह एक प्रक्रिया के तहत भेजा जाता है. यह पूरी प्रक्रिया सिस्टम में रहती है. जबकि ग्राहकों के सिलेंडर संबंधित एजेंसी के स्टॉक में सुरक्षित रहते है. लेकिन साइबर पुलिस की जांच जारी है. यदि ग्राहकों के सिलेंडर एजेंसी के पास सुरक्षित रहते है, तो उनके खातों में बिना कोई बुकिंग और सिलेंडर की डिलीवरी लिये 16 रुपए की सबसीडी कैसे जमा हो रही है? ऐसा सवाल निर्माण होता है. अब देखना है इस प्रकरण में साइबर पुलिस कहा तक पहुंच पाती है, या फिर मामले को अधिकारी और गैस एजेंसी के संचालक के बयान लेकर छोड देती है. इस ओर नागरिकों का ध्यान केंद्रीत है.

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