मोर्शी तहसील में मूसलाधार बारिश से फसलों को नुकसान

किसानों को खेतों तक पहुंचने में हो रही परेशानी

* फसल अपने घर तक लाना भी हुआ मुश्किल
* मातोश्री समृध्दी सडक योजना बेअसर
मोर्शी/दि.22 – तहसील में हर साल की अपेक्षा इस साल हुई मूसलाधार बारिश के चलते किसानों को अपने खेतोंं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है. रास्ते इतने खराब हो चुके है कि उन्हें अपनी फसल घर तक लाने में मुश्किलों का सामना करना पड रहा है. किसानों ने हजारों रूपए खर्च कर अपने खेतों में फसलों की बुआई की थी. किंतु बारिश के चलते फसल उनके हाथों से निकल गई है. ऐसे में किसानों को अपनी बची कूची फसल को भी अपने घरों तक लाने में खराब रास्तों के कारण परेशानी हो रही है.
फसल निकालने सोयाबीन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर या बैलगाडी भी क्षतिग्रस्त रास्तो से गुजरकर खेतों तक पहुंच नहीं पा रही है. किसानों को बडा संघर्ष करना पड रहा है. उनके सामने बडा सवाल है कि अपनी फसल घर तक कैसे लाए? तहसील के निम्भरनी के हजारों किसानों की सोयाबीन खेतों में पडी है. अगर सोयाबीन की कटाई सही समय पर नहीं हुई तो बची हुई सोयाबीन की फल्लीयां फटने की आशंका है. इसके चलते किसान संकट में आ गए है.
उल्लेखनिय है कि भारी बारिश के कारण किसानों को बडे प्रमाण में नुकसान हुआ है. सोयाबीन की जो नगदी फसल कट चूकि है वह अब बेकार हो चूकि है. वहीं किसानों कि कपास की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. हालांकि पिछले दो दिनों से बारिश रूकने से किसानों को थोडी राहत मिली है. लेकिन उनके सामने संकटों का सिलसिला खत्म नहीं हुआ है. किसान खेतों में बची हुई सोयाबीन को निकालने की तैयारी कर रहे है. लेकिन खेतों तक जानेवाले रास्तों की हालत बेहद खराब है. ऐसे में किसानों के सामने यह सवाल खडा हो गया है कि वे अपनी कृषि उपज खेतों से कैसे निकाले और घर तक कैसे लाए? इसके चलते सरकार की ग्रामीण सडक योजना बेअसर साबित हुई है. 2 वर्ष में राज्य में मातोश्री समृध्दि फार्म सडक योजना शुरू की गई थी. इस योजना पर करोडो रुपए खर्च किए गए थे. इस योजना का मुख्य उद्देश खेतों में कच्ची जमीन और पगडंडी मार्ग बनाना था हालांकि तहसील के शिवार में रास्तों की हालत देखते हुए यह स्पष्ट हुआ कि यह योजना बेअर रही.

Back to top button