शराब उत्पादन के हेतु 328 नये लाइसेंस का फैसला

नये 30 प्रतिशत लाइसेंस बीजेपी और राकांपा नेताओं के

* केन्द्रीय मंत्री गडकरी के पुत्र द्बारा खंडन
नागपुर/ दि. 25- प्रदेश मेें शराब अब उत्पादन के 328 नये लाइसेंस जारी करने का निर्णय किया गया है. जिसमें 96 लाइसेंस बीजेपी और राकांपा के नेताओं के रिश्तेदारों को दिए जाने का दावा खबर में किया गया है. बीजेपी के बडे नेता और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पुत्र सारंग ने खंडन किया है. उधर पुणे के शराब उद्यमी सदानंद बापट ने भी राकांपा नेता अजीत पवार के पुत्र जय पवार का शराब कंपनी से संंबंध नहीं होने का खुलासा किया है.
* नई नीति और नये लाइसेंस
लोगों के विरोध के कारण 1974 से नये लाइसेंस देना बंद किया गया है तथापि नई नीति प्रदेश के उत्पादन शुल्क मंत्री अजीत पवार ने जारी की है. शासन का लक्ष्य शराब विक्री से राजस्व वृध्दि का है. 328 वाइन शॉप के लाइसेंस सरकार जारी करनेवाली है. जिसमें से 96 लाइसेंस राजनीतिक दलों के नेताओं के रिश्तेदारों को दिए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी. उल्लेखनीय है कि इनमें बीजेपी के पांच, राकांपा अजीत पवार के चार और राकांपा शरद पवार के तीन नेताओं का समावेश बताया जा रहा है. बीजेपी नेताओं से संबंधित कंपनियों को 40 लायसेंस मिलने जा रहे हैं. जिसमें पंकजा मुंडे के पुत्र आर्यमन पालवे, पूर्व मंत्री बलिराम हीरे के पुत्र प्रसार हीरे, बीजेपी विधायक डॉ. अतुल भोसले और सुभाष भोसले के भतीजे महेश देशमुख की चीनी मिलों का समावेश रहने का दावा किया गया है. ऐसे ही अजीत पवार गट के पूर्व विधायक संजय मामा शिंदे, मोहोल के पूर्व विधायक राजन पाटिल की भागीदारी कंपनी एवं स्वयं अजीत पवार के पुत्र जय पवार की भागीदारी कंपनी का समावेश है. राकांपा शरद पवार के नेता जयंत पाटिल के पुत्र प्रतीक पाटिल की अध्यक्षतावाली चीनी मिल,शिराला के पूर्व विधायक मानसिंह नाइक की पत्नी और पुत्र- पुत्री संचालक रहनेवाली कंपनी एवं पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष सोनिया होलकर के पति सत्यजीत होलकर की कपंनी का शराब उत्पादन लायसेंस में नाम रहने की जानकारी रिपोर्ट में दी गई है.
* नेताओं के खुलासे
बीजेपी विधायक सुभाष देशमुख ने साफ कह दिया कि परिवार जनों द्बारा उद्योग स्थापित करने में गलत नहीं है. जनप्रतिनिधि और व्यवसाय दोनों अलग- अलग बातें हैं. वहीं जय पवार के पाटर्नर एवं पुणे के शराब उद्यमी सदानंद बापट ने स्पष्ट किया कि उस कंपनी में जय पवार का कुछ लेना देना नहीं है. जिसमें शराब निर्माण लायसेंस हैं. ऐसे ही सारंग नितिन गडकरी ने भी स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी ने शराब उत्पादन का लाइसेंस मांगा नहीं और उनकी कंपनी वाइन शॉप व्यवसाय में नहीं है.

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