मोसीकॉल की जमीन पर कॉम्प्लेक्स व हॉकर्स जोन की मांग

आनन-फानन में निर्णय की बजाए संतुलित नियोजन जरुरी

* पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विस्तारित रिपोर्ट
* विएमवि रोड पर ट्रैफिक जाम व अतिक्रमण की जबरदस्त समस्या
* समाधान हेतु ठोस निर्णय के लिए राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों सहित व्यापारियों ने दी राय
अमरावती/दि.10 – स्थानीय पुराना कॉटन मार्केट से शेगांव नाका की ओर जानेवाले विएमवि रोड पर रामपुरी चौक के पास स्थित मोसीकॉल कारखाने की विगत 20-22 वर्षों से खाली पडी करीब 25 एकड जमीन को रिहायसी व वाणिज्यिक प्रयोग हेतु नीलाम करने के लिए हाल ही में निविदा सूचना जारी की गई. जिसे लेकर आपत्ति उठाते हुए पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने मांग उठाई कि, इस पूरी जमीन को नीलाम करने की बजाए इसमें से 10 एकड जमीन को सार्वजनिक उपयोग हेतु आरक्षित रखा जाए तथा उस 10 एकड जमीन पर इतवारा बाजार की तरह सब्जी बाजार व हॉकर्स जोन तैयार किया जाए. जिसके चलते अब इस विषय को लेकर शहर में चर्चा एवं विचारमंथन का दौर तेज हो गया है. ऐसे में दैनिक ‘अमरावती मंडल’ ने मौजूदा व पूर्व जनप्रतिनिधियों के साथ ही व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों से इस बारे में चर्चा करते हुए उनके विचार जानने चाहे. जिसमें से अधिकांश का यह कहना रहा कि, मोसीकॉल एक तरह से सरकारी स्वामित्ववाली कंपनी है. ऐसे में उसकी जमीन पर सरकार का भी अधिकार है. इसके चलते सरकार उस जमीन की विक्री, नीलामी अथवा सार्वजनिक हित में प्रयोग के संबंधित निर्णय अपने स्तर ले सकती है. अत: सरकार ने अमरावती शहर के बीचोबीच स्थित इस जमीन का शहरवासियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रयोग करने के बारे में कोई निर्णय लेना चाहिए.
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* आम जनता का हित ही सर्वोपरी
मोसीकॉल की जमीन को लेकर सबसे पहले एक नया पर्याय सुझानेवाले पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख के मुताबिक किसी भी शहर में आम जनता के हितों और उनकी सुविधाओं को ही सबसे पहली प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इस समय अमरावती शहर में जगह-जगह पर सडकों के किनारे हाथठेले लगे दिखाई देते है. जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या हमेशा ही बनी रहती है और जिन दुकानों के सामने हाथठेले वालों द्वारा जगह घेरी जाती है, उन दुकानदारों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पडता है. साथ ही अंत में आम जनता ही भारी असुविधाओं का सामना करती है. ऐसे में यदि मोसीकॉल की लगभग 25 एकड जमीन में से 10 एकड जमीन को सार्वजनिक प्रयोग हेतु आरक्षित करते हुए वहां पर बाजार और हॉकर्स जोन बनाया जाता है, तो विएमवि रोड परिसर पूरी तरह अतिक्रमण की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा और इस परिसर में रहनेवाले आम लोगों को भी प्रशस्त सडकों के साथ-साथ सर्व सुविधायुक्त बाजार की सुविधा मिलेगी. अत: इस पर्याय पर विचार होना ही चाहिए.

* सभी संभावनाओं पर करना होगा विचार
अजीत पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य संजय खोडके ने इस मामले में अपनी एक अलग राय देते हुए कहा कि, मोसीकॉल भले ही सरकार के नियंत्रण में है, परंतु यह अपने-आप में एक स्वतंत्र महामंडल है. जिसके संचालक मंडल ने अमरावती स्थित मोसीकॉल कारखाने की जमीन को नीलाम करते हुए बेचने का निर्णय लिया है. चूंकि वह जमीन मोसीकॉल के स्वामित्व वाली है और उसका सरकार से सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में यदि उस जमीन अथवा उसके कुछ हिस्से को सार्वजनिक प्रयोग हेतु हासिल करना है, तो सरकार को उस जमीन के लिए प्रचलित बाजार मूल्य के हिसाब से मोसीकॉल को भुगतान भी करना होगा. ऐसे में कोई भी निर्णय आनन-फानन में नहीं लिया जा सकता, बल्कि इसके लिए तमाम संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना होगा.

* मोसीकॉल की जमीन बेचकर मिलनेवाले पैसों से इतवारा का हो विकास
युवा स्वाभिमान पार्टी के संस्थापक व बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, मोसीकॉल की 25 एकड जमीन पर भले ही कोई शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या रेसीडेन्शियल स्कीम का निर्माण हो, परंतु इस जमीन को बेचकर मिलनेवाली रकम का सरकार ने अमरावती के ही विकास हेतु प्रयोग करना चाहिए. उस रकम से अमरावती के इतवारा बाजार को सुनियोजित ढंग से विकसित किया जा सकता है. ताकि इतवारा बाजार को सर्व सुविधायुक्त व्यापारिक संकुल व परिसर बनाया जा सके. साथ ही साथ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में हॉकर्स जोन को भी सही ढंग से विकसित किए जाने की जरुरत है, ताकि सडकों पर हाथगाडियों की वजह से आवाजाही अवरुद्ध न हो.
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कुछ जमीन सार्वजनिक प्रयोग के लिए आरक्षित होनी चाहिए
एमआईडीसी इंडट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा भाजपा नेता किरण पातुरकर के मुताबिक मोसीकॉल की जमीन अमरावती शहर के मध्य स्थल में स्थित है. जिसकी नीलामी के बाद वहां पर निश्चित रुप से कोई व्यापारिक संकुल ही बनेगा. परंतु वहां पर कितने छोटे व मनझोले व्यापारियों को जगह मिल पाएगी, यह फिलहाल निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता. जिसका सीधा मतलब है कि, फुटकर व्यापारियों के लिए वहां शायद ही कोई जगह उपलब्ध होगी. ऐसे में यदि उस जमीन के कुछ हिस्से को सार्वजनिक प्रयोग के लिए आरक्षित किया जाता है, तो संभवत: फुटकर व्यापारियों व हाथठेले वालों के लिए भी उस जमीन पर व्यवसाय करने की संभावना पैदा हो. इस बात के मद्देनजर नियोजनपूर्ण तरीके से उस जमीन के सर्वसमावेशक विकास के बारे में सोचा जाना चाहिए.

* छोटे व्यापारियों को भी प्रोत्साहन मिलना जरुरी
बिजीलैंड व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष साबलानी के मुताबिक यदि मोसीकॉल की जमीन पर हॉकर्स जोन व साप्ताहिक बाजार को विकसित किया जाता है, तो इससे छोटे एवं फुटकर व्यापारियों को भी व्यवसाय हेतु प्रोत्साहन मिलेगा. जिससे शहर के व्यापार क्षेत्र को निश्चित तौर पर गति मिलेगी. साथ ही साथ पुरान कॉटन मार्केट से शेगांव नाका की ओर जानेवाले रास्ते से हाथठेले वालों व फुटकर व्यापारियों का अतिक्रमण भी खत्म होगा. जिससे वह रास्ता आवाजाही के लिए पूरी तरह खुला रहेगा.

* शहर में हॉकर्स जोन की सख्त जरुरत
सिटीलैंड व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश हरवानी का इस पूरे मामले पर कहना रहा कि, शहर में अलग-अलग स्थानों पर हॉकर्स जोन बनाने के साथ-साथ शहर के बीचोबीच भी एक बडासा हॉकर्स जोन बनाए जाने की सख्त जरुरत है. जहां एक ही स्थान पर लोगों को उनकी जरुरतों का साहित्य मिल सके. चूंकि इस समय शहर में इतवारा बाजार के अलावा अन्य कहीं पर भी ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते शहर के कई प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में सडकों के किनारे हाथठेले व हाथगाडियां लग जाते है. जिससे कई सडकों पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी पैदा होती है. जिसका समाधान करने हेतु बेहद जरुरी है कि, अगर शहर में कहीं पर भी सार्वजनिक उपयोग हेतु कोई जमीन उपलब्ध है, तो वहां पर सरकार एवं प्रशासन द्वारा हॉकर्स जोन व साप्ताहिक बाजार जैसी संकल्पनाओं को अमल में लाया जाए. साथ ही वहां पर पार्किंग जोन भी बनाए जाए, ताकि शहर की सडकों को नियमबाह्य पार्किंग व ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा मिल सके.

* हॉकर्स जोन ही बनना जरुरी
मोसीकॉल कारखाने के पास ही रामपुरी कैम्प यानि लेखुमल चौक पर आशीर्वाद इलेक्ट्रीकल्स नामक प्रतिष्ठान चलानेवाले दिनेश सोभाणी के मुताबिक इस परिसर में शाम ढलते ही हाथठेलों व हाथगाडियों की सडक के दोनों ओर काफी अधिक भीडभाड हो जाती है, जहां पर लोगबाग खरीदारी के लिए रुकते है. जिससे इस परिसर में दोनों ओर के रास्तों पर ट्रैफिक जाम हो जाता है. ऐसे में यदि मोसीकॉल की जमीन पर हॉकर्स जोन भी बनाया जाता है, तो वहां पर सभी हाथठेले वालों को समायोजित किया जा सकेगा. जिसके चलते ट्रैक जाम की समस्या भी सुलझेगी और लोगों को एक ही स्थान पर हर तरह की खरीदारी की सुविधा भी मिलेगी.

* सामने कमर्शियल व रेसीडेंशियल इमारत के साथ बाजार भी जरुरी
लेखुमल चौक पर ही विजय प्रोव्हीजन्स नामक प्रतिष्ठान के संचालक मुकेश चांदवानी ने अपनी राय देते हुए कहा कि, मोसीकॉल की बरसों से खाली पडी जमीन पर सामने की ओर कमर्शियल और पीछे की ओर रेसीडेन्शियल इमारत बनाने के साथ ही इस जमीन के एक हिस्से पर हॉकर्स जोन भी बनाया जाना चाहिए, ताकि इस परिसर का सही ढंग से विकास हो सके. ताकि हॉकर्स का भी व्यापार-व्यवसाय चलता रहे और आम लोगों को भी किसी तरह की कोई असुविधा न हो.

* उस जमीन पर निवासी संकुल व हॉकर्स जोन बने
लेखुमल चौक पर राम-लक्ष्मण संकुल में स्थित हेमनदास सुगनचंद एंड सन्स नामक किराणा प्रतिष्ठान के संचालक जय हरीश छुटलानी ने अपनी बेहद संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, इस परिसर में एक अच्छे रेसीडेन्शियल प्रोजेक्ट की सख्त जरुरत है. ऐसे में बहुत अच्छा रहेगा कि, मोसीकॉल की जमीन पर एक शानदार रिहायशी क्षेत्र विकसित करने के साथ-साथ जमीन के दर्शनी यानि बाहरी हिस्से में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स भी विकसित किया जाए, ताकि परिसरवासियों की जरुरते भी पूरी हो सके. इसके अलावा इस जमीन के कुछ हिस्से को हॉकर्स जोन के लिए भी आरक्षित रखा जा सकता है.

* सर्व सुविधायुक्त रिहायशी संकुल व बाजार बने
मोसीकॉल की जमीन से ही सटकर बने लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स में जय दुर्गा प्राईड कीचन नामक प्रतिष्ठान चलानेवाले नीलेश गुल्हाने के मुताबिक विएमवि रोड एक ऐसा रास्ता है, जिससे होकर शेगांव नाका होते हुए परतवाडा, दर्यापुर, मोर्शी, वरुड व नागपुर की ओर भी आवाजाही चलती रहती है. साथ ही यह शहर का सबसे बडा डीपी रोड भी है. जिसके चलते इस परिसर में व्यापार एवं रिहायशी क्षेत्र के विकास के लिहाज से काफी अधिक संभावना है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए मोसीकॉल की जमीन पर एक शानदार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तथा सर्व सुविधायुक्त रिहायशी संकुल का निर्माण होना चाहिए, साथ ही यहां पर एक शानदार बाजार अथवा हॉकर्स जोन भी बनाया जा सकता है.

* बाजार के साथ शॉपिंग व रेसीडेन्शियल कॉम्प्लेक्स भी बने
मोसीकॉल कारखाने की जमीन की ओर जानेवाले रास्ते पर चौधरी चौक पर स्थित श्री टाईल्स के संचालक रामचंद्र गुप्ता की दुकान के सामने रोजाना शाम ढलते ही बडी संख्या में हाथगाडियां लग जाती है. इसके बावजूद रामचंद्र गुप्ता का कहना रहा कि, मोसीकॉल कारखाने की खाली पडी जमीन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और रेसीडेन्शियल स्कीम ही बनना चाहिए और जहां तक सडक किनारे लगनेवाले हाथठेलों के लिए हॉकर्स जोन बनाने का सवाल है, तो उसके लिए प्रशासन को कुछ अलग कदम उठाने होंगे. जिसके तहत इतवारा बाजार को मुंबई व पुणे की मंडई सहित अमरावती के पुराना कॉटन मार्केट की तर्ज पर विकसित किया जा सके. यदि इतवारा बाजार को ही सुनियोजित ढंग से विकसित किया जाए और मनपा प्रशासन द्वारा शहर में कहीं पर भी सडकों के किनारे हाथठेले वालों को खडे ही नहीं रहने दिया जाए, तो ट्रैफिक की समस्या अपने-आप ही हल हो जाएगी. साथ ही साथ लोगों को भी अपनी जरुरतों के सामान खरीदने की सुविधा एक ही जगह पर उपलब्ध होगी.

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