उप मुख्यमंत्री अजीत दादा का साफ- साफ कहना
पालक मंत्रियों सप्ताह में तीन दिन निर्वाचन क्षेत्र में रहें

* संगठन की व्यस्तता से छोडना पड सकता मंत्री पद
* राकांपा का नागपुर में शुरू हुआ चिंतन शिविर
नागपुर/ दि. 19- उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने आज राकांपा के यहां शुरू हुए चिंतन शिविर में पार्टी संगठन मजबूत करने के लिए कडे निर्णयों के संकेत दिए. पवार ने कहा कि पार्टी के मंत्री अन्य कामों में व्यस्त रहे तो मंत्री पद छोडना पड सकता है. उसी प्रकार पालक मंत्री को निर्वाचन क्षेत्र में सप्ताह में तीन दिन रहना ही होगा. शिविर में राकांपा अजीत पवार के सभी मंत्री , सांसद, विधायक, पदाधिकारी, वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे.
अजीत पवार ने कहा कि सभागार की उपस्थिति देखकर उन्हें आज बडा भला लग रहा है. 500 से अधिक वरिष्ठ पदाधिकारी, नेता, सहयोगीा उपस्थित हैं. मैं अपने आसपास देखता हूं तो मुझे भीड नहीं अपना परिवार दिखाई पडता है. आप सभी को लाखों लोगों का साथ समर्थन प्राप्त हैं. आपकी उपस्थिति से मुझे नई उर्जा और शक्ति के साथ आगे बढने की प्रेरणा मिलेगी.
पार्टी के सर्वेसर्वा ने स्पष्ट कर दिया कि चिंतन शिविर केवल अगले चुनाव तक सीमित नहीं है. बल्कि आनेवाली पीढी के लिए महत्वपूर्ण हैं. केवल भाषणों से समय बरबाद नहीं करना है. प्रमाणिक चर्चा, साहसी कल्पना औैर ठोस निर्णय करने हैं. आज शाम तक हम सब मिलकर जो प्रारूप तय करेंगे, उसे ही हम नागपुर डिक्लेरेशन के रूप में गर्व के साथ प्रस्तुत करेंगे.
अजीत दादा ने कहा कि संगठन केवल उपरी लेवल से मजबूत नहीं होता. बल्कि जमीनी स्तर पर सुदृढ होना चाहिए. इसलिए वे कहते हैं कि प्रत्येक नेता और पदाधिकारियों ने निर्धारित प्रकार के संवाद और टच पाइंट लोगों के साथ रखना चाहिए. बूथ स्तर पर संवाद, प्रभाग सभा, जन संवाद शिविर, राकांपा परिवार मिलन, युवक टाउन हाल, महिला बचत गट बैठक, उद्योग और रोजगार सुविधा शिविर संपूर्ण वर्ष किए तो हमारा दल सदैव लोगों के साथ रहेगा.
अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की प्रगति और स्थिरता हेतु ठोस निर्णय आवश्यक है. उन्होंने कहा कि अपने अंतरंग की आवाज सुनकर उन्होंने यह निर्णय किया. उन्होंने यह भी कहा कि उनका राजनीतिक में आने का उद्देश्य यही था कि लोगों के जीवन में कोई सकारात्मक परिवर्तन लाएं. उन्होंने कहा कि जब किसी गांव को उनके द्बारा आगे बढाई गई फाइल के कारण पीने का पानी मिलता है तो उन्हें बडा संतोष मिलता है.् महाराष्ट्र के विकास का सामाजिक दायित्व रहने का सदैव अहसास उन्हें है. अजीत दादा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के प्रति आभार व्यक्त किया. जिन्होंने महाराष्ट्र के प्रति बडा दिल रखा.
प्रफुल्ल पटेल ने सुना दी पालकमंत्रियों को
राकांपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व केन्द्रीय मंंत्री प्रफुल्ल पटेल भी फार्म म ें नजर आए. उन्होंने साफगोई से कह दिया कि मंत्रियों को विदर्भ में पर्यटन के लिए नहीं आना है. यहां आना है तो योग्य रीति से अपने सहयोगियों को क्या सहायता की जा सकती है, यह विचार कर आए. सांसद पटेल न े स्पष्ट कहा कि दो घंटे के लिए विदर्भ में आना और फिर मुंबई जाकर अजीत दादा एवं सुनील तटकरे के सामने कहना कि मैं इन जिलों में जाकर आया हूं, इसका कोई अर्थ नहीं. पटेल ने कहा कि विदर्भ मेें पार्टी ने वाशिम, बुलढाणा और भंडारा गोंदिया में पालकमंत्री, संपर्क मंत्री नियुक्त किए हैं. उनका स्पष्ट संकेत कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे, वाशिम, मकरंद पाटिल, (बुलढाणा) और बाबासाहब पाटिल (भंडारा, गोंदिया) की ओर रहा. पटेल ने कहा कि वे किसी को चेतावनी नहीं दे रहे हैं. किंतु पालकमंत्री को मात्र झंडा फहराने नहीं आना है. हमारे यहां पालकमंत्री की भूमिका में आना चाहिए. प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया कि विदर्भ में पार्टी का जनाधार रहा है. उसे बढाने पर विचार आज हम कर रहे हैं. नागपुर की पवित्र भूमि में यह हो रहा है.





