लगातार बारिश के बावजूद नदियां और नाले सूखे
फसलें अच्छी स्थिति में हैं, फिर भी किसान भविष्य को लेकर चिंतित

नांदगांव खंडेश्वर/दि.30 – पिछले आठ दिनों से तहसील में लगातार बारिश हो रही है और आधा मानसून बीत जाने के बावजूद नदियों में पानी नहीं आया है. इसलिए, फसलें अच्छी होने के बावजूद, किसान भविष्य को लेकर चिंतित हैं. अगर मानसून इसी तरह जारी रहा, तो किसानों को पानी की कमी का सामना करना पडेगा. इसलिए, फसलें अच्छी होने के बावजूद, नदियां और नाले सूखे पडे है.
तहसील में 65206 हेक्टेयर में बुवाई हुई है, जिसमें से 6,644 हेक्टेयर में कपास, 47717 हेक्टेयर में सोयाबीन, 10564 पर तुअर, 42 पर उडद, 34 पर मूंग, 205 पर अन्य फसलें, कुल 65206 हेक्टेयर में 99.17 प्रतिशत फसलें बोई गई हैं. जुलाई में तहसील में वर्षा 158.4 मिलीमीटर दर्ज की गई है. यह पिछले साल से कम है. इसलिए, यह देखा जाता है कि किसानों को आगामी फसलों के लिए दमदार बारिश होकर नदियों और नहरों में जलसंग्रह बढने की बहुत आवश्यकता है. यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो चना और गेहूं जैसी आगामी फसलों के लिए पानी की कमी होगी क्योंकि मानसून के आधे समय के बाद भी, कुओं का स्तर समान बना हुआ है और इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है. इसलिए किसानों के सामने यह सवाल खडा हो रहा है कि अगर बारिश जारी रही तो फसलें तो अच्छी हो सकती हैं, लेकिन अगली फसलें प्रभावित हो सकती हैं.
हर साल इस समय कुओं का जलस्तर बढ जाता है और इस वजह से हमें गेहूं और चना जैसी अगली फसलों के लिए पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन इस साल आधा मानसून बीत जाने के बाद भी कुओं का जलस्तर नहीं बढा है और नदी-नाले पूरी क्षमता से नहीं बह रहे हैं, इसलिए हमें चिंता है कि आगे क्या होगा.
– विठ्ठलदास लष्करे, किसान, धामक
मानसून शुरू हुए दो महीने हो गए हैं, लेकिन नदियों और नहरों में पानी उतना नहीं बढा है जितना बढना चाहिए, इसलिए भले ही अभी फसलें अच्छी हैं, लेकिन आगे की फसलें प्रभावित हो सकती हैं.
– निखिल मोरे, युवा किसान, पलसमंडल





