राज्य सीमा पर चेकपोस्ट के बावजूद धडल्ले से हो रही ओवरलोड रेत ढुलाई

डंपर व 16 चक्का ट्रकों के जरिए की जा रही रेत तस्करी

अमरावती /दि.29 – अमरावती शहर सहित जिले में रेत तस्करी धडल्ले के साथ हो रही है और राज्य सीमा पर चेकपोस्ट रहने के बावजूद अवैध रेत की ढुलाई काम जमकर चल रहा है. देर रात से तडके तक ओवरलोड रेत लदे वाहनों द्वारा राज्य की सीमा पर स्थित चेकपोस्ट को पार किया जाता है. ऐसे में चेकपोस्ट पर निश्चित रुप से क्या काम चल रहा है, यह समझ से परे है. साथ ही इसे लेकर आरटीओ व पुलिस विभाग की भी चुप्पी है.
रोजाना लगभग 200 वाहनों के जरिए अमरावती जिले में नियमबाह्य तरीके से रेत की तस्करी हो रही है. ऐसे में सवाल उपस्थित होता है कि, रेती के अवैध उत्खनन, ढुलाई व चोरी को रोकने जिम्मेदारी रहनेवाले राजस्व विभाग के पथक क्या कर रहे है. साथ ही साथ मोर्शी एवं वरुड के एसडीओ व तहसीलदार भी सवालों के घेरे में है. क्योंकि इन्हीं दो तहसीलों में स्थित राज्य सीमा पर बने चेकपोस्ट को पार कर डंपर एवं 16 पहिया ट्रकों के जरिए अवैध रेत की जमकर ढुलाई की जाती है.
1 अप्रैल से अब तक रेत की अवैध ढुलाई को रोकने हेतु करीब 50 वाहनों पर कार्रवाई की गई है. जिसके तहत साधारणत: 90 लाख रुपयों का दंड वसूल किया गया है. सभी चेकपोस्ट पर लगातार जांच-पडताल का काम किया जा रहा है. साथ ही आगामी समय में इस मार्ग पर टोल नाका भी लगाया जाएगा. जहां पर पुलिस, राजस्व, एक्साईज व आरटीओ द्वारा संयुक्त रुप से कार्रवाई कर रेत सहित गौवंश एवं वनोपज को लेकर कार्रवाई की जाएगी.
– प्रदीप पवार
एसडीओ, मोर्शी-वरुड.

* पुसला में चेकपोस्ट ही क्यों?
मध्य प्रदेश से आनेवाले वाहनों की जांच-पडताल करने हेतु पुसला में राज्य सीमा चेकपोस्ट है, परंतु यहीं से रोजाना 200 से अधिक डंपर व 16 चक्का ट्रकों के जरिए रेत की अवैध ढुलाई होती है. जिसके चलते सवाल उपस्थित होता है कि, आखिर पुसला में चेकपोस्ट ही क्यों है. साथ ही साथ आरटीओ, राजस्व एवं पुलिस के कामकाज पर भी सवालिया निशान उपस्थित होते है तथा वरुड के तहसीलदार एवं मोर्शी-वरुड के एसडीओ भी संदेह के घेरे में है.

* कन्हान नदी के मार्ग पर वाहनों की कतारे
मध्य प्रदेश जिले में स्थित कन्हान नदी के मार्ग पर रेत का उत्खनन व ढुलाई करने हेतु रोजाना 200 से 250 डंपर व 16 चक्का ट्रक एक कतार में खडे रहते है. हर डंपर में 70 से 80 टन रेत को लादकर उसकी ढुलाई की जाती है और ऐसी रेत से लदे वाहन रोजाना ही मोर्शी एवं वरुड के तहसील कार्यालयों के सामने से होकर गुजरते है.

* जीरो रॉयल्टी के नाम पर लूट
मध्य प्रदेश से रेत की ढुलाई करने हेतु जीरो रॉयल्टी का प्रयोग किया जाता है, परंतु ऑनलाइन जीरो रॉयल्टी के लिए 17 रुपयों की बजाए 200 रुपए लिए जाते है, ऐसी जानकारी है. वहीं एक डंपर या 16 चक्का ट्रक से 25 टन रेत की ढुलाई अपेक्षित रहने पर भी ऐसे वाहनों के जरिए 70 से 80 टन रेत की ढुलाई की जाती है.
– इसके साथ ही जीरो रॉयल्टी देने का अधिकारी कुछ चुनिंदा लोगों को रहने के बावजूद इसके जरिए बडे पैमाने पर आर्थिक लेन-देन होता है और जिसके नाम पर जीरो रॉयल्टी है, उसी के नाम पर रहनेवाले वाहन के जरिए रेत ढुलाई करने का नियम रहने के बावजूद किसी भी वाहन के नाम पर जीरो रॉयल्टी बना दी जाती है.

 

 

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