हमें उग्र व हिंसक आंदोलन करने पर मजबूर मत करो
पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने सरकार को दिया एक ओर अल्टीमेटम

* कर्जमाफी की मांग को लेकर बच्चू कडू का एक और एल्गार
* पत्रवार्ता में की दो बडे आंदोलनों को लेकर की घोषणा
* 5 जुलाई से 12 जुलाई तक करेंगे 138 किमी की पदयात्रा
* पापल गांव से यवतमाल जिले के चिलगव्हाण तक जाएंगे पैदल
* अगले माह 5 से 8 अगस्त तक नागपुर में निकाली जाएगी सिंदूर यात्रा
* रामटेक से दीक्षा भूमि तक कार्यकर्ताओं संग पैदल चलेंगे बच्चू कडू
* 9 अगस्त को क्रांति दिवस पर होगा समापन, पीएम मोदी व सीएम फडणवीस के चित्रों पर बांधी जाएगी राखी
अमरावती/दि.24 – किसान कर्जमाफी सहित दिव्यांगों, निराधारों व विधवा महिलाओं की विभिन्न मांगों को लेकर विगत 8 से 14 जून तक गुरुकुंज मोझरी में बेमियादी अनशन कर चुके प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यद्यपि सरकार को किसान कर्जमाफी एवं दिव्यांगों के मानधन वृद्धि जैसी दो प्रमुख मांगों को पूरा करने के लिए आगामी 2 अक्तूबर तक का समय दिया है. लेकिन पूर्व मंत्री बच्चू कडू सरकार को इस दौरान चैन से बैठने देने के मूड में कतई दिखाई नहीं दे रहे. संभवत: यही वजह है कि, पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने आज दोपहर अचानक ही स्थानीय सरकारी विश्राम गृह में एक पत्रवार्ता बुलाते हुए किसानों व खेतिहर मजदूरों सहित दिव्यांगों, निराधारों व विधवा महिलाओं की मांगों के लिए अपने दो बडे आंदोलनों का ऐलान कर दिया. जिसके तहत पूर्व मंत्री बच्चू कडू द्वारा बताया गया कि, वे आगामी 5 जुलाई को अपने जन्म दिवस वाले दिन से शिक्षा महर्षी व देश के प्रथम कृषिमंत्री डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहेब देशमुख के पैतृक गांव पापल से 138 किमी की पदयात्रा प्रारंभ करने जा रहे है. यह पदयात्रा 7 दिन में पूरी होगी और यवतमाल जिला अंतर्गत चिलगव्हाण गांव में जाकर समाप्त होगी. इसके उपरांत अगस्त माह में 5 से 8 अगस्त तक रामटेक से नागपुर स्थित दीक्षा भूमि तक सिंदूर यात्रा निकाली जाएगी और यह दूरी पैदल चलते हुए तय करने के साथ ही 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर दीक्षा भूमि में अनूठे ढंग से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. जिसके तहत किसान विधवाओं द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के छायाचित्रों को राखीयां बांधी जाएंगी.
इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उन्होंने राज्य सरकार पर भरोसा रखते हुए अपना आंदोलन कुछ समय के लिए स्थगित किया था और सरकार अपने आश्वासन को कहीं भूल न जाए, इस बात को ध्यान में रखते हुए वे संवैधानिक मार्ग व अहिंसक तरीके से आंदोलन करते हुए किसानों व खेतिहर मजदूरों को जागरुक करने का काम करते रहेंगे. इस समय बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, गुरुकुंज मोझरी में हुआ अन्नत्याग आंदोलन तो केवल ट्रेलर था और अब पिक्चर का पहला पार्ट शुरु होने जा रहा है. जिसके बाद दूसरा पार्ट भी शुरु होगा. जो पहले से कहीं ज्यादा सनसनीखेज रहेगा. क्योंकि अब प्रहार जनशक्ति पार्टी आरपार की लडाई के मूड में है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि, सरकार द्वारा समय रहते उनकी मांगों पर सकारात्मक भूमिका अपनाई जाए और उन्हें उग्र आंदोलन करने पर मजबूर न किया जाए.
इस पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, विगत लंबे समय से देश को धार्मिक व मजहवी कट्टरता वाले माहौल में झोंक दिया गया है. जिसके तहत जाति व धर्म की लडाई को जमकर हवा दी जा रही है. यही वजह है कि, महाराष्ट्र में भी ओबीसी व मराठा संवर्ग के बीच तनावपूर्ण माहौल है. लेकिन जाति व धर्म की राजनीति से हमेशा दूर रहनेवाली प्रहार जनशक्ति पार्टी ने किसानों व खेतिहर मजदूरों जैसे मेहनतकशों की मांगों को उठाकर संघर्ष करना शुरु किया. इसके चलते आज समूचे महाराष्ट्र में किसान व खेतिहर मजदूर अपनी मांगों के लिए एकजुट खडा दिखाई दे रहा है. यह गुरुकुंज मोझरी में किए गए अन्नत्याग आंदोलन की सबसे बडी सफलता है. जिसके चलते दो माह के भीतर ही डेप्युटी सीएम व वित्त मंत्री अजीत पवार को किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर अपने सूर बदलने पडे. दो माह पहले तक अजीत पवार किसान कर्जमाफी के वायदे से साफ इंकार कर रहे थे. वहीं अजीत पवार अब किसान कर्जमाफी के लिए समिति गठित करने की बात कर रहे है. पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उनके द्वारा किया गया आंदोलन किसी भी तरह की श्रेय की लडाई नहीं था. बल्कि यह मौजूदा दौर की सबसे बडी जरुरत का मुद्दा है. क्योंकि, मौजूदा सरकार के विगत 6 माह के कार्यकाल दौरान लगभग एक हजार किसान आत्महत्याएं हो चुकी है. इसके बावजूद इस गंभीर समस्या की ओर अक्षम्य अनदेखी की जा रही थी. जिसकी ओर बडी मजबूती के साथ सरकार का ध्यान दिलाया जाना बेहद जरुरी हो चला था.
इस समय बच्चू कडू ने व्यंगात्मक अंदाज में कहा कि, अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में करीब 300 लोगों की मौत हो जाने का हम सभी को दुख हुआ. लेकिन शायद सरकार को उस घटना का दुख थोडा ज्यादा हुआ. यही वजह है कि, उनका अनशन छुडाने के लिहाज से गुरुकुंज मोझरी पहुंचे राज्य के राजस्व मंत्री व जिला पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अपने 10 मिनट के संबोधन में लगभग तीन बार अहमदाबाद हादसे के मृतकों का उल्लेख किया. लेकिन सरकार को शायद किसानों की आत्महत्या का कोई दुख नहीं है. यही वजह है कि, पालकमंत्री बावनकुले के भाषण में किसानों की आत्महत्या को लेकर एक बार भी कोई उल्लेख नहीं हुआ है. इस पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री बच्चू कडू के साथ प्रहार पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष जवंजाल, महानगर प्रमुख बंटी रामटेके, जिला संघटक गोलू पाटिल व रविकिरण पाटिल सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
* उग्र आंदोलन करने पर मजबूर न करें
इस पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उन्होंने राज्य सरकार पर भरोसा रखते हुए अपना आंदोलन कुछ समय के लिए स्थगित किया था और सरकार अपने आश्वासन को कहीं भूल न जाए, इस बात को ध्यान में रखते हुए वे संवैधानिक मार्ग व अहिंसक तरीके से आंदोलन करते हुए किसानों व खेतिहर मजदूरों को जागरुक करने का काम करते रहेंगे. इस समय बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, गुरुकुंज मोझरी में हुआ अन्नत्याग आंदोलन तो केवल ट्रेलर था और अब पिक्चर का पहला पार्ट शुरु होने जा रहा है. जिसके बाद दूसरा पार्ट भी शुरु होगा. जो पहले से कहीं ज्यादा सनसनीखेज रहेगा. क्योंकि अब प्रहार जनशक्ति पार्टी आरपार की लडाई के मूड में है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि, सरकार द्वारा समय रहते उनकी मांगों पर सकारात्मक भूमिका अपनाई जाए और उन्हें उग्र आंदोलन करने पर मजबूर न किया जाए.
* नाम भले ‘बच्चू’ है, लेकिन ‘कडू’ भी हूं
इस समय जब मीडिया द्वारा यह जानने का प्रयास किया गया कि, कहीं सरकार ने आश्वासन का लॉलीपॉप देकर अन्नत्याग आंदोलन को खत्म तो नहीं करवा दिया. तो इस सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री बच्चू कडू का कहना रहा कि, उनका नाम भले ही ‘बच्चू’ है, लेकिन वे ‘कडू’ भी है. यह बात सरकार में शामिल लोगों ने भुलनी नहीं चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, उन्होंने एकतरह से आंदोलन में ‘पीएचडी’ कर रखी है और उनके आंदोलनों का ‘सक्सेस रेट’ 80 फीसद है. इस बात को भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए. इस समय बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उन्होंने अब तक 180 शासनादेश जारी करवाएं है और वे राज्यमंत्री भी थे. जिसके चलते उन्हें सरकारी कामकाज के बारे में पूरी जानकारी व अनुभव भी है. ऐसे में किसानों की कर्जमाफी व दिव्यांगों की मानधन वृद्धि की मांग को लेकर वे सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए किसी भी स्तर पर जाने हेतु पूरी तरह तैयार है.
* किसी के समर्थन की जरुरत नहीं, अपने दम पर पूरा भरोसा
इस पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, वे विगत 25-30 वर्षों से राजनीति में सक्रिय है और उन्होंने एक लोकसभा चुनाव सहित पांच विधानसभा चुनावों में हिस्सा लिया तथा चार बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक भी निर्वाचित हुए. अपनी इस पूरी राजनीतिक यात्रा में उन्होंने एक बार भी किसी राजनीतिक दल का समर्थन हासिल नहीं किया. बल्कि अपने दम पर चुनाव लडते हुए जीत हासिल की. क्योंकि उनकी सबसे बडी ताकत आम जनता है. यही वजह है कि, उनके द्वारा अब तक किए गए प्रत्येक आंदोलन को आम जनता का हमेशा ही पूरा साथ व समर्थन मिलता रहा. जिसका ताजा उदाहरण गुरुकुंज मोझरी में उनके द्वारा किया गया अन्नत्याग आंदोलन रहा. जिसमें उनके साथ लगभग 50 किसान आमरण अनशन पर बैठे थे. साथ ही अनशन स्थल पर रोजाना ही हजारों लोगों की मौजूदगी रहा करती थी.
* समस्याएं समझने के साथ ही आभार ज्ञापित करने करेंगे पदयात्रा
इस पत्रवार्ता में आगामी 5 जुलाई से शुरु होने जा रही पदयात्रा के बारे में जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, भाऊसाहेब देशमुख के जन्म गांव पापल से शुरु होनेवाली यह पदयात्रा उमर्डा बाजार, बोदेगांव, दारव्हा, तिवरी, तुपटाकली, कालीदौलत व गुंज गांव होते हुए चिलगव्हाण पहुंचेगी. जहां पर साहबराव करपे नामक किसान द्वारा हाल-फिलहाल के दिनों में आत्महत्या की गई है. इन सभी स्थानों पर संवाद सभा का आयोजन करते हुए स्थानीयों की समस्याओं को सुना व समझा जाएगा. साथ ही साथ अन्नत्याग आंदोलन में दिए गए साथ व समर्थन के लिए किसानों के प्रति आभार भी ज्ञापित किया जाएगा.
* सक्ती वाली कर्ज वसूली को नहीं करेंगे बर्दाश्त
पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने इस पत्रवार्ता में यह भी कहा कि, सरकार द्वारा एक ओर तो किसान कर्जमाफी पर सकारात्मक ढंग से विचार करने की बात कही जा रही है. वहीं दूसरी ओर बैंकों द्वारा किसानों बेहद कडाई के साथ पुराने कर्ज की वसूली की जा रही है. जबकि इस समय खरीफ फसलों की बुआई के लिए तैयारी में जुटे किसानों को ही पैसों की जरुरत है. ऐसे में उन्होंने सरकार के समक्ष मांग उठाई है कि, किसानों से बैंको द्वारा किसी भी तरह की सख्त वसूली न की जाए. यदि इसके बावजूद किसी बैंक द्वारा किसानों से सख्ती के साथ वसूली की जाती है, तो ऐसी बैंकों के प्रबंधन के साथ ‘प्रहार स्टाईल’ में निपटा जाएगा. साथ ही साथ बच्चू कडू ने बुआई से कटाई तक कृषि संबंधी कामों को रोजगार गारंटी योजना में शामिल किए जाने की मांग भी दोहराई और कहा कि, इसका दिव्यांग किसानों व महिला किसानों को विशेष फायदा मिलना चाहिए.
* ईवीएम कांग्रेस का पाप, खुद कांग्रेस हुई शिकार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सीएम फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र में पांच माह के भीतर 8 फीसद मतदाता बढ जाने से संबंधी लगाए गए आरोप के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, ईवीएम पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है, यह बात अब तक कई बार साबित हो चुकी है. ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि, ईवीएम के जरिए होनेवाले चुनाव में धांधली नहीं हो सकती. साथ ही बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, ईवीएम यह एक तरह से कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया गया पाप है और इस पाप के परिणाम आज खुद कांग्रेस पार्टी ही भुगत रही है. इस समय बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, ईवीएम के जरिए चुनावों को पारदर्शक बनाने के लिए बेहद जरुरी है कि, वोट डालने के बाद वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची मतदाता के हाथ में आए और उस पर्ची को मतदान केंद्र पर ही एक डिब्बे में जमा किया जाए. जिसके बाद ईवीएम में पडे वोटों और वीवीपैट से निकली पर्चियों का आपस में मिलान किया जाए. तब ईवीएम से निकलने वाले चुनावी नतीजों को विश्वसनीय एवं पारदर्शक माना जा सकेगा.





