घरेलू बिजली उद्योगों से भी महंगी

‘कृषि’ की क्रॉस सबसिडी का 30 फीसद ग्राहकों पर बोझ

मुंबई /दि.8– महावितरण द्वारा भले ही घरेलू व अन्य विद्युत ग्राहकों की विद्युत दरों में थोडीबहुत कमी की गई है, लेकिन हकीकत में प्रति माह 100 यूनिट से अधिक विद्युत प्रयोग करनेवाले ग्राहकों में से लगभग 30 फीसद के आसपास मध्यमवर्गीय ग्राहकों हेतु विद्युत दरें औद्योगिक व वाणिज्यिक ग्राहकों की विद्युत दरों से भी अधिक है. उद्योगों की विद्युत दरों को और कम करने के लिए राज्य सरकार पर दबाव रहने के चलते ‘कृषि’ की ‘क्रॉस सबसिडी’ का बडा बोझ 30 फीसद घरेलू ग्राहकों पर लादा जा रहा है.
बता दें कि, अधिकांश मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ताओं के घरों में लाईट, पंखे, टीवी, फ्रीज, गिजर, ओवन, एसी, कम्प्युटर व लैपटॉप जैसे न्यूनतम जरुरतों वाले विद्युत उपकरण होते ही है. जिसके चलते ऐसे ग्राहकों के घरों में प्रति माह 250 से 500 यूनिट अथवा उससे भी अधिक बिजली का प्रयोग होता है. महावितरण ने 100 यूनिट तक विद्युत प्रयोग करनेवाले घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दरों को 1 जुलाई से 8.14 रुपए से घटाकर 7.31 रुपए तक कम कर दिया है. अब तक के इतिहास में पहली बार विद्युत दर कम की गई है. ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या 70 फीसद रहने के चलते घरेलू ग्राहकों को काफी बडा लाभ देने का श्रेय महायुति सरकार द्वारा लिया जाता है. परंतु शेष 30 फीसद यानि मध्यमवर्गीय ग्राहकों को औद्योगिक व वाणिज्यीक दरों से भी महंगी दरों पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है. जिससे उन पर काफी आर्थिक बोझ पड रहा है.
विद्युत आपूर्ति की दर यानि कॉस्ट ऑफ सप्लाई की दर 7 से 8 रुपए प्रति यूनिट रहने के बावजूद कृषि ग्राहकों को सस्ती दरों पर विद्युत आपूर्ति की जाती है. जिसके चलते बकाया में से काफी बडा आर्थिक बोझ केवल 30 फीसद घरेलू ग्राहकों पर पडता है. खास बात यह भी है कि, भाजपा द्वारा मध्यमवर्गीय मतदाताओं की ओर काफी अधिक ध्यान दिया जाता है. परंतु मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास उर्जा विभाग रहने के बावजूद घरेलू ग्राहक महंगी बिजली खरीदने पर मजबूर है.

* औद्योगिक विद्युत कनेक्शन लेने की मजबूरी
राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष महावितरण की विद्युत दरों के प्रस्ताव पर जनसुनवाई होती है तथा प्रयास जैसी अभ्यासक संस्थाओं सहित घरेलू उपभोक्ताओं के प्रतिनिधि व नागरिक अपना पक्ष रखते है. लेकिन इसके बावजूद घरेलू बिजली की दरे लगातार बढ रही है.
– पहले उद्योगो की बजाए घरेलू बिजली की दरे सस्ती रहने के चलते घर पर कोई छोटा-मोटा उद्योग करनेवाले लोगबाग घरेलू विद्युत कनेक्शन पर ही अपना कामकाज चलाया करते थे. परंतु अब घरेलू बिजली की दरे बढ जाने के चलते घर पर कोई उद्योग शुरु कर औद्योगिक विद्युत कनेक्शन लेने की नौबत घरेलू ग्राहकों पर आन पडी है.

* महावितरण के घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दरें औद्योगिक व वाणिज्यिक से अधिक रहने के चलते अब नागरिकों ने अपने घरों में कोई उद्योग व व्यवसाय शुरु करते हुए औद्योगिक कनेक्शन लेना चाहिए, ऐसी स्थिति बन गई है. मध्यमवर्गीय घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है. जिसके चलते उन्हें सबसे महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड रही है. शायद महावितरण को यह लगता है कि, औद्योगिक, व्यापारिक व वाणिज्यिक ग्राहकों की बजाए घरेलू ग्राहक ज्यादा अमीर है.
– अशोक पेंडसे
विद्युत विशेषज्ञ.

* 1 जुलाई से विद्युत दरें (प्रति यूनिट रुपए)
संवर्ग विद्युत दर
औद्योगिक (एचटी) 10.78
औद्योगिक (एलटी) 10.13
वाणिज्यिक (एचटी) 16.83
वाणिज्यिक (एलटी) 14.74

* घरेलू विद्युत दरें
प्रति माह प्रयुक्त यूनिट                   विद्युत दर
500 यूनिट से अधिक                        19.15 रु.
301 से 500 यूनिट                            17.56 रु.
101 से 300 यूनिट                            13.17 रु.
01 से 100 यूनिट                              7.31 रु.

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