चांदुर रेलवे में आखिरकार चल ही गया डॉ. नीलेश विश्वकर्मा का जादू

डॉ. प्रियंका नीलेश विश्वकर्मा बनी चांदुर रेलवे की नई नगराध्यक्ष

* ‘आपले चांदुर’ पैनल से थी प्रत्याशी, 171 वोटों से जीता चुनाव
* कांग्रेस व भाजपा की रणनीति रह गई धरी की धरी, चांदुर रेलवे की राजनीति में पहली बार हुआ बडा उलटफेर
चांदुर रेलवे /दि.21- जिला मुख्यालय से महज 30 किमी की दूरी पर स्थित चांदुर रेलवे नगर परिषद के चुनाव हेतु आज की गई मतगणना के बाद क्षेत्र की राजनीति में पहली बार बडा उलटफेर होता नजर आया, जब वंचित बहुजन युवा आघाडी के प्रदेशाध्यक्ष एवं ‘आपले चांदुर’ पैनल के प्रणेता डॉ. नीलेश विश्वकर्मा का जादू आखिरकार चांदुर रेलवे शहर के मतदाताओं पर चलता दिखाई दिया. जब ‘आपले चांदुर’ पैनल की ओर से नगराध्यक्ष पद की प्रत्याशी व डॉ. नीलेश विश्वकर्मा की पत्नी डॉ. प्रियंका विश्वकर्मा ने अपनी प्रतिस्पर्धी प्रत्याशियों को पछाडते हुए नगराध्यक्ष पद के चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की. बता दें कि, चांदुर रेलवे में नगराध्यक्ष पद के चुनाव हेतु कांग्रेस की ओर से पूर्व नगराध्यक्ष नीलेश उर्फ सीटू सूर्यवंशी की पत्नी पूनम सूर्यवंशी तथा भाजपा की ओर से स्वाती राजेश मेटे की प्रबल दावेदारी थी. परंतु इन दोनों प्रत्याशियों को पीछे छोडते हुए पहली बार चुनावी अखाडे में उतरी डॉ. प्रियंका विश्वकर्मा ने चांदुर रेलवे की नई नगराध्यक्ष निर्वाचित होने का बहुमान हासिल किया.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत करीब दो दशकों से राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहनेवाले डॉ. नीलेश विश्वकर्मा की पहचान युवा नेता के साथ-साथ शिक्षाविद व जोशिले खिलाडी के तौर पर भी रही है और वे जयहिंद क्रीडा मंडल के संस्थापक अध्यक्ष रहने के साथ ही युवाओं के लिए प्रति वर्ष विभिन्न क्रीडा स्पर्धाओं का आयोजन भी करते है. साथ ही साथ-साथ उन्होंने इस क्षेत्र में नर्सिंग कॉलेज सहित व्यवसायाभिमुख पाठ्यक्रमों के डिग्री कॉलेज भी शुरु किए. किसी समय कांग्रेस के साथ जुडकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करनेवाले डॉ. नीलेश विश्वकर्मा ने आगे चलकर वंचित बहुजन आघाडी का दामन थाम लिया था और वे अब तक दो बार विधानसभा तथा एक बार नगराध्यक्ष पद के चुनाव में भी हिस्सा ले चुके है. परंतु तब शायद उनकी कुंडली में राजयोग प्रबल नहीं था. वहीं इस बार चांदुर रेलवे नगर परिषद का नगराध्यक्ष पद सर्वसाधारण (महिला) प्रवर्ग के लिए आरक्षित होने के चलते डॉ. नीलेश विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी डॉ. प्रियंका विश्वकर्मा को नगराध्यक्ष पद के लिए चुनावी अखाडे में उतारा. साथ ही वंचित बहुजन आघाडी, शरद पवार गुट वाली राकांपा, अजीत पवार गुट वाली राकांपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना को साथ मिलाते हुए ‘आपले चांदुर’ नामक पैनल के बैनरतले चांदुर रेलवे नगर परिषद में सदस्य पदों हेतु अपने प्रत्याशी खडे किए. शायद इस बार डॉ. नीलेश विश्वकर्मा की कुंडली में राजयोग प्रबल था और उनके भाग्य में सत्ता सुख भी लिखा हुआ था. जिसके चलते इस बार डॉ. प्रियंका विश्वकर्मा के जरिए चांदुर रेलवे का नगराध्यक्ष पद डॉ. नीलेश विश्वकर्मा के हिस्से में आ ही गया. जिसके चलते माना जा रहा है कि, आखिरकार विगत डेढ-दो दशकों की कडी मशक्कत के बाद चांदुर रेलवे शहर में डॉ. नीलेश विश्वकर्मा का जादू चल ही गया है.

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