अमरावती महानगर पालिका 2025 की प्रारुप प्रभाग रचना घोषित

2017 की प्रभाग रचना की ट्रू-कॉपी है 2025 की प्रारुप रचना

* जवाहर स्टेडियम में रामपुरी कैम्प-कृष्णा नगर को एक करने के लिए 5 प्रभागों में किया गया फेरबदल
* इस बार प्रभागों को गली-कूचों से न काटते हुए मेन रोड व बडे नालों के इधर-उधर से काटे गये प्रभाग
* कई प्रभागों के जस का तस रहने के बावजूद दिग्गज दावेदारों के घर उनके प्रभागों से कटे
* प्रभाग क्रमांक 11, 12 और 18 में बडा फेरबदल, प्रभाग क्रमांक 6 और 7 में मामूली फेरबदल
* प्रभाग क्रमांक 1 से लेकर 5 जस के तस, परकोटे के अंदर की प्रभाग रचना जस की तस
* मुस्लिम एरिया की प्रभाग रचना भी 2017 जैसी ही, 15 प्रभागों में कुछ भी फेरबदल नहीं
* 21 प्रभाग 4 सदस्यीय, एक प्रभाग में 3 सदस्य संख्या, कुल 22 प्रभागों की प्रारुप रचना
* अंतिम प्रभाग की बजाए प्रभाग क्रमांक 9 वडाली को रखा गया 3 सदस्यीय प्रभाग
* वडाली प्रभाग में केवल 30 फीसद रिहायशी क्षेत्र, 70 फीसद जंगल एरिया
अमरावती/दि.4 – अमरावती महानगर पालिका के आगामी समय में होने जा रहे चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग की मान्यता पश्चात अमरावती मनपा की प्रारुप प्रभाग रचना कल देर रात घोषित कर दी गई. इस प्रारुप प्रभाग रचना के तहत सन 2018 की जनसंख्या को ही आधार मानते हुए अमरावती मनपा हेतु 22 प्रभाग घोषित किए गए है. 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के जरिए कराए जानेवाले मनपा चुनाव हेतु अमरावती महानगर पालिका के 87 सदस्यीय सदन के लिए 21 प्रभागों को 4 सदस्यीय रखा गया है. वहीं मात्र 30 फीसद रिहायशी क्षेत्र व 70 फीसद जंगल एरिया रहनेवाले प्रभाग क्रमांक 9 वडाली को 3 सदस्यीय प्रभाग रखा गया है. खास बात यह है कि, वर्ष 2025 की प्रारुप प्रभाग रचना पूरी तरह से वर्ष 2017 के चुनाव हेतु तैयार की गई प्रभाग रचना की ‘डिक्टो’ और ‘ट्रू-कॉपी’ है. जिसमें इक्का-दुक्का प्रभागों में हुए बदलावों को यदि छोड दिया जाए तो शेष प्रभागों में कोई बडा फेरबदल नहीं किया गया है. जिसके तहत जहां प्रभाग क्रमांक 1 से 5 तक सभी प्रभागों की प्रारुप रचना पिछली बार की तरह जस की तस है, वहीं परकोट के भीतर वाले बुधवारा प्रभाग सहित मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के प्रभागों के साथ ही बडनेरा के नईबस्ती व जुनीबस्ती प्रभागों को भी पिछली बार की तरह सी जस की तस रखा गया है.
नई प्रभाग रचना में सबसे बडा बदलाव प्रभाग क्रमांक 7 जवाहर स्टेडियम में किया गया. जिसमें रामपुरी कैम्प के साथ-साथ कृष्णा नगर को भी रखा गया है. जो पहले अलग-अलग प्रभागों का हिस्सा हुआ करते थे. विलास नगर प्रभाग से कृष्णा नगर को अलग करते हुए जवाहर स्टेडियम प्रभाग में जोडा गया है और ऐसा करने के लिए जवाहर स्टेडियम प्रभाग के साथ-साथ प्रभाग क्रमांक 6 विलास नगर के परिसीमन में भी फेरबदल किया गया है. इसके तहत गवलीपुरा परिसर को विलास नगर प्रभाग के साथ जोड दिया गया है, जिसके चलते गवलीपुरा परिसर के करीब 5 हजार मुस्लिम वोट अब विलास नगर प्रभाग के साथ जुड गए है. वहीं इस बदलाव का एक असर यह भी हुआ कि, श्रीकृष्णपेठ भी जवाहर स्टेडियम प्रभाग से कटकर अब विलास नगर प्रभाग का हिस्सा हो गया है. जिसके चलते श्रीकृष्णपेठ में रहनेवाले पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे का घर अब विलास नगर प्रभाग में चला गया.
इसके साथ ही जवाहर स्टेडियम प्रभाग के परिसीमन का असर इस प्रभाग से सटे अगले कुछ प्रभागों पर भी पडा है. जिसके तहत पिछली बार स्वामी विवेकानंद प्रभाग का हिस्सा रहनेवाले रुक्मिणी नगर को इस बार दो हिस्सों में बांटकर फ्रेजरपुरा व स्वामी विवेकानंद प्रभागों के साथ जोडा गया है तथा फ्रेजरपुरा की बजाए रुक्मिणी नगर-फ्रेजरपुरा प्रभाग बनाया गया है. साथ ही रुक्मिणी नगर-स्वामी विवेकानंद प्रभाग के स्थान पर केवल स्वामी विवेकानंद प्रभाग का परिसीमन किया गया है. इसके अलावा प्रभाग क्रमांक 8 जोग स्टेडियम व प्रभाग क्रमांक 10 बेनोडा-भिमटेकडी-दस्तुर नगर में भी आंशिक फेरबदल हुए है. जिसका असर प्रभाग क्रमांक 18 राजापेठ-श्री संत कंवरराम पर भी पडा है और प्रभाग क्रमांक 18 के परिसीमन में थोडाबहुत फेरबदल दिखाई दे रहा है. इसके अलावा प्रभाग क्रमांक 19 साईनगर, प्रभाग क्रमांक 20 सूतगिरणी, प्रभाग क्रमांक 21 जुनीबस्ती बडनेरा व प्रभाग क्रमांक 22 नईबस्ती बडनेरा का परिसीमन लगभग जस की तस है.
* प्रभाग क्रमांक 11, 12, 14, 15 व 16 सबसे छोटे
– वडाली प्रभाग भौगोलिक रुप से सबसे बडा
अमरावती मनपा क्षेत्र में जनसंख्या के घनत्व अनुपात को ध्यान में रखते हुए प्रभाग रचना तैयार की गई है. जिसके तहत सबसे कम 20,452 जनसंख्या वाला प्रभाग वडाली है. वहीं सर्वाधिक 32,673 जनसंख्या प्रभाग क्रमांक 16 अलिम नगर-रहमत नगर की है. इसके अलावा सभी प्रभागों की जनसंख्या 27 हजार से 32 हजार के औसत अनुपात वाली है. वहीं हैरत वाली बात यह है कि, सबसे कम जनसंख्या रहनेवाला प्रभाग क्रमांक 9 वडाली भौगोलिक तौर पर शहर में सबसे बडा प्रभाग है. इसके पीछे सबसे मुख्य वजह यह है कि, इस प्रभाग में करीब 70 फीसद क्षेत्र जंगल एरिया यानि फॉरेस्ट लैंड है, वहीं शेष 30 फीसद क्षेत्र में दूर-दूर फैली हुई रिहायशी बस्तीयां है. जबकि शहर के बिचोबिच स्थित प्रभाग क्रमांक 11 रुक्मिणी नगर-फ्रेजरपुरा, प्रभाग क्रमांक 12 स्वामी विवेकानंद, प्रभाग क्रमांक 14 जवाहर गेट-बुधवारा, प्रभाग क्रमांक 15 छाया नगर-गवलीपुरा व प्रभाग क्रमांक अलिम नगर-रहमत नगर भौगोलिक रुप से काफी छोटे प्रभाग है.
* पिछली बार जैसी प्रभाग रचना के फायदे व नुकसान
बता दें कि, इससे पहले वर्ष 2017 में भी 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति से ही चुनाव कराए गए थे और उस समय बिलकुल यही प्रभाग रचना अमल में लाई गई थी, जिसका प्रारुप गत रोज घोषित किया गया. उस समय मनपा के सदन में कई दिग्गज पार्षद हुआ करते थे. जिन्होंने अपने हिसाब से प्रभागों का परिसीमन कराते हुए प्रभाग रचना को तैयार कराया था. हालांकि उस समय उस प्रभाग रचना का भाजपा को जबरदस्त फायदा मिला था और मनपा के इतिहास में पहली बार भाजपा के 45 सदस्य निर्वाचित होकर सदन में पहुंचे थे. ऐसे में अब प्रभाग रचना का प्रारुप घोषित होते ही इस बात को लेकर कयासबाजी शुरु हो गई है कि, आखिर आंशिक सुधार व संशोधन के साथ घोषित की गई इस प्रभाग रचना का किस राजनीतिक दल को कितना फायदा या नुकसान हो सकता है.
यहां पर यह ध्यान दिया जा सकता है कि, वर्ष 2017 में जब अमरावती मनपा के चुनाव हुए थे, तब अमरावती शहर का विधायक पद भाजपा के पास था. जिसका भाजपा को सीधे तौर पर फायदा भी पहुंचा था. साथ ही साथ उस समय शहर भाजपा जबरदस्त उत्साह से लबरेज रहने के साथ ही पूरी तरह से एकजुट भी थी. वहीं इस बार अमरावती विधानसभा क्षेत्र का विधायक पद अजीत पवार गुट वाली राकांपा के पास है और इस समय भाजपा अंदर ही अंदर तीन गुटो में बटी हुई है. जिसका भाजपा को काफी हद तक नुकसान भी हो सकता है. क्योंकि अमरावती में अजीत पवार गुट वाली राकांपा का नेतृत्व कर रहे विधायक खोडके दंपति द्वारा इस बार मनपा में अपने दम पर अपनी पार्टी के कम से कम 20 सीटे चुनकर लाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि खोडके गुट द्वारा एक बार फिर मनपा की सत्ता को काबिज किया जा सके.
वहीं दूसरी ओर पिछली बार भाजपा विधायक के तौर पर भाजपा का नेतृत्व करते हुए मनपा में भाजपा के 45 सदस्य चुनकर लाने का कारनामा कर चुके और अब कांग्रेस में रहनेवाले पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख भी अमरावती शहर पर अपनी पकड व ताकत दिखाने की पूरी तैयारी में जुटे हुए है. जिसके तहत पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख व एड. यशोमति ठाकुर अपने बेहद खास सिपहसालारों पूर्व महापौर विलास इंगोले व मिलिंद चिमोटे एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत के साथ मिलकर पूरी ताकत के साथ मनपा चुनाव लडने की तैयारी कर रहे है. ताकि मनपा के सदन में कांग्रेस के कम से कम 25 से 30 पार्षदों को चुनाव जीताकर पहुंचाया जा सके.
इसके अलावा विगत विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनावी अखाडे में उतरने के साथ ही 55 हजार से अधिक वोट झटककर बडा उलटफेर करनेवाले आजाद समाज पार्टी के डॉ. अलिम पटेल भी अपने नेतृत्व तले मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से अपने दावेदारों को मैदान में उतार सकते है. साथ ही साथ पिछली बार मनपा के चुनाव में जबरदस्त सफलता हासिल करते हुए 10 सीटे जीतनेवाली मजलिसे इत्तेहादूल मुस्लिमीन यानि एमआईएम भी इस बार पहले की तुलना में ज्यादा सीटे जीतने की तैयारी में जुटी हुई है. इस बार एमआईएम का नेतृत्व ख्यातनाम बिल्डर हाजी इरफान द्वारा किया जा रहा है. जिसके चलते एमआईएम के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में अच्छा-खासा उत्साह भी देखा जा रहा है. इन सबके साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि, इस वक्त दो धडों में विभाजित शिवसेना द्वारा मनपा चुनाव में किस तरह का प्रदर्शन किया जाता है, क्योंकि इससे पहले शिवसेना के दोनों धडे एकीकृत रहने पर भी शिवसेना ने कभी भी मनपा के सदन में दहाई की संख्या को पार नहीं किया था. इसके अलावा बसपा व रिपाइं जैसे अन्य दल भी अपना अस्तित्व बचाए रखने हेतु मनपा के चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए बेताब है.

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