वेबसाइट पर हाई ट्रैफिक रहने से नहीं हो रही लाडली बडनों की ई-केवाईसी

अमरावती /दि.4 – ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना’ की लाभार्थी महिलाओं के लिए अगले दो माह के भीतर ई-केवाईसी करना सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया है. जिसके चलते इस योजना में शामिल सभी लाडली बहनों द्वारा योजना की वेबसाइट पर जाकर अपनी ई-केवाईसी करने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु इस चक्कर में वेबसाइट पर हाई ट्रैफिक हो गया है. जिसकी वजह से वेबसाइट बार-बार क्रैश हो रही है और ई-केवाईसी करने में एरर दिखाई दे रहा है. जिससे सभी लाभार्थी महिलाए काफी हद तक हैरान-परेशान हो गई है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, ई-केवाईसी के लिए अब लाभार्थी महिलाओं के पति या पिता की वार्षिक आय भी जांची जाएगी. जिसके चलते लाडली बहनों में काफी चिंता देखी जा रही है. वहीं दूसरी ओर विधवा व विभक्त रहनेवाली लाडली बहनों को निश्चित तौर पर ई-केवाईसी हेतु किसका आधार कार्ड जोडना होगा, यह अपने-आप में एक बडा सवाल है.
ज्ञात रहे कि, लाडली बहन योजना की वजह से सरकारी तिजोरी पर बढे आर्थिक भार को कम करने हेतु सरकार ने योजना के नियमों में काफी बडा बदलाव किया है. जिसके तहत अब ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है. जिले में 6 लाख 95 हजार लाडली बहनों द्वारा इस योजना का लाभ लिया गया है. जिनके बैंक खातों में प्रति माह डीबीडीटी के जरिए 1500 रुपए जमा हो रहे है. इस योजना के प्रारंभ में कई महिलाएं गृहिणी रहने के चलते उनकी व्यक्तिगत आय ढाई लाख रुपए से कम अथवा शून्य रहने की बात दिखाई दे रही थी. परंतु इस योजना के माणकों में परिवार की आय सालाना ढाई लाख रुपए से कम रहने की शर्त जोडी गई है. जिसके चलते अब नए सिरे से ई-केवाईसी करते हुए लाभार्थी महिलाओं के पति अथवा पिता की आय को लेकर भी पडताल करने का निर्णय लिया गया है.
* ऐसी रहेगी ई-केवाईसी की प्रक्रियाr
आवेदक महिला का आधार क्रमांक डालकर ओटीपी के जरिए पडताल की जाएगी. जिसके अगले चरण में पति अथवा पिता का आधार क्रमांक दर्ज करते हुए ओटीपी के जरिए प्रमाणिकरण होगा. इस समय पति अथवा पिता की वार्षिक आय ढाई लाख रुपए से अधिक रहने पर संबंधित महिला को इस योजना हेतु अपात्र ठहराया जाएगा. ऐसे में अब सभी लाडली बहने अपनी ई-केवाईसी कराने हेतु लगातार सेतू एवं सीएससी सेंटर पर चक्कर मार रही है, परंतु वेबसाइट क्रैश रहने के चलते अब तक उनकी ई-केवाईसी नहीं हो पाई है.





