कोंडेश्वर रोड पर साकार होगा ई-बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन
30 वर्षों की लीज पर मिलेगी 2.38 हेक्टेअर जमीन

* पुराना जकात नाका के पीछे वाली जमीन होगी आवंटित
* राज्य कैबिनेट में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला
अमरावती/दि.8- केंद्र सरकार की पी.एम.ई. बस योजना के तहत अमरावती शहर को ई-बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन की सौगात मिलने जा रही है. इस उद्देश्य के लिए महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, अमरावती महानगरपालिका को मौजा बडनेरा क्षेत्र में 2.38 हेक्टेयर जमीन आगामी 30 वर्षों के लिए उपयोग हेतु उपलब्ध कराने को मंजूरी दे दी है. इस निर्णय से अमरावती में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा और हरित परिवहन व्यवस्था को बल मिलेगा. शहर में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ नागरिकों को भी सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा. राज्य सरकार ने यह कदम शहरी परिवहन को प्रदूषणमुक्त, टिकाऊ और आधुनिक बनाने की दिशा में उठाया है. आगामी समय में अमरावती में ई-बसों का संचालन, चार्जिंग की बेहतर व्यवस्था और इलेक्ट्रिक वाहन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का कार्य किया जाएगा.
बता दें कि, विगत फरवरी माह के दौरान मनपा ने जिलाधीश कार्यालय से कोंडेश्वर रोड पर पुराना जकात नाका के पास स्थित सरकार की दो हेक्टेअर ई-क्लास जमीन मांगी थी. क्योंकि अमरावती शहर में हवा को शुद्ध रखने को प्रदूषण के स्तर को घटाने हेतु केंद्र सरकार ने अमरावती मनपा के लिए 50 इलेक्ट्रीस बसे मंजूर की थी. परंतु मनपा के पास इन बसों को पार्क करने व बसों हेतु चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए शहर में इतनी बडी पर्याप्त जगह भी उपलब्ध नहीं थी. जिसके चलते जिलाधीश ने मनपा की ओर से मिले प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इससे संबंधित फाइल को राज्य के राजस्व मंत्रालय के पास भेज दिया था. जिस पर हुए विचार विमर्श के उपरांत गत रोज हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को राज्य सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती महानगर पालिका को 10 लाख तक जनसंख्या वाले शहरों की कैटेगिरी में शुद्ध हवा वाले शहर के तौर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ था. ऐसे में शहर की आबोहवा और भी अधिक साफसुथरी हो, इस हेतु केंद्र सरकार ने अमरावती मनपा से इलेक्ट्रीक बस से संबंधित प्रस्तावित तैयार कर भेजने हेतु कहा था. साथ ही मनपा की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा एक माह के भीतर ही स्वीकार करते हुए अमरावती मनपा के लिए 50 इलेक्ट्रीक बसे मंजूर भी की गई. परंतु 9 मीटर लंबाई वाली 40 तथा 12 मीटर लंबाई वाली 10 ऐसी कुल 50 इलेक्ट्रीक बसों को एक साथ खडे करने और इलेक्ट्रीक बसों को चार्ज करने के लिए अमरावती मनपा के पास पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में मनपा ने कोंडेश्वर रोड पर जकात नाके के पीछे स्थित जिलाधीश के स्वामित्व वाली जमीन मिलने हेतु जिलाधीश के पास प्रस्ताव भेजा था. जिसे जिलाधीश ने स्वीकार कर अंतिम मान्यता हेतु राज्य सरकार के पास भेज दिया था. इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद रहने के चलते अमरावती मनपा ने कोंडेश्वर रोड पर स्थित 2.83 हेक्टेअर क्षेत्रफल वाली जमीन पर ई-बस डिपो तैयार करने के साथ ही दो एकड क्षेत्रफल में चार्जिंग स्टेशन का निर्माण करने का नियोजन करते हुए विगत जुलाई माह में निविदा प्रक्रिया भी शुरु कर दी थी. इस ई-बस प्रकल्प की कुल लागत 30 करोड रुपए तय हुई थी. जिसमें से 8 करोड की लागत से चार्जिंग स्टेशन व ई-बस डिपो का निर्माण करना तय किया गया था. खास बात यह भी है कि, चार्जिंग स्टेशन के निर्माण में केंद्र एवं राज्य सरकार की हिस्सेदारी 60 व 40 फीसद के अनुपात में तय की गई है. साथ ही कुछ कामों का खर्च मनपा को उठाना होगा.
इस संदर्भ में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से मिलनेवाली बसों के रखरखाव व दुरुस्ती का जिम्मा केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त व बसों की आपूर्ति करनेवाले ठेकेदार की ओर ही रहेगी. वहीं इन बसों के परिचालन का जिम्मा महानगर पालिका द्वारा उठाया जाएगा. जिसके तहत बसों के लिए चालक व वाहक की नियुक्ति करने एवं रोजाना होनेवाली टिकटों की विक्री का हिसाब-किताब रखने का काम महानगर पालिका द्वारा किया जाएगा. इस जानकारी के साथ ही अब यह उम्मीद बन रही है कि, आगामी नए वर्ष 2026 का प्रारंभ होते-होते अमरावतीवासियों को नववर्ष की सौगात के तौर पर ई-बसों का तोहफा प्राप्त होगा और फिलहाल अस्तित्व में रहनेवाली डीजल चलित सिटी बसों को शहर की सडकों से हटाते हुए उनके स्थान पर बेहद आरामदायक तथा प्रदूषण रहित व शोर रहित इलेक्ट्रीक बसे शहर की सडकों पर दौडती दिखाई देंगी.





