संपादकीय

विशाखा समिति स्थापना का उचित निर्णय

जिलाधीश शैलेश नवाल ने सभी शासकीय कार्यालयों को निर्देश दिये है कि, वे पांच दिनों के भीतर विशाखा समितियों की स्थापना करें. कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार आदि रोकने के लिए कार्यालय में शिकायत निवारण समिति की स्थापना अनिवार्य की गई है. समिति से प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई के बारे में अनुपालन रिपोर्ट पांच दिनों में सभी कार्यालयों को जिलास्तरीय समिति को सौंपना जरुरी रहेगा. तहसीलस्तर पर स्थानिय समितियों के सनियंत्रण के लिए तहसीलदार के अध्यक्षता में तहसीलस्तरीय समिति स्थापित की जाएगी. निश्चित रुप से जिलाधीश द्बारा जारी किये गये निर्देश कार्यस्थल पर महिलाओं को बडी सुरक्षा प्रदान करेेंगे. इस समिति अंतर्गत कार्यालयीनस्तर की स्थानीय समिति की ओर से महिलाओं की शिकायतों का 30 दिनों में निवारण हो सकेगा. यदि ऐसा नहीं हुआ तो महिलाएं जिला समिति की ओर शिकायत कर सकती है. गौरतलब है कि, इस तरह की समितियों की स्थापना के निर्देश वर्षों पूर्व सभी कार्यालयों को दिये गये थे. लेकिन कुछ ही कार्यालयों ने इस समिति की स्थापना की थी. बार-बार इस बारे में कार्यालयों को सूचित किया जाता रहा है. लेकिन इस बारे में सरकारी कार्यालयों की ओर से कोई विशेष प्रतिसाद नहीं दिया गया. यहीं कारण है कि, कार्यालयों में महिलाओं के साथ मानसिक व अन्य स्तर की प्रताडना की जाती थी. किसे शिकायत करें? यह प्रश्न महिलाओं के लिए हरदम कायम रहता था. अब जिलाधीश द्बारा निर्देश दिये जाने के बाद सभी शासकीय कार्यालय किन समितियों का गठन करेंगे. इससे महिलाओं को भी भारी राहत मिलेगी. सरकारी कार्यालयों में महिलाओं के साथ अन्याय होने की कई वारदातें सामने आती है. इस तरह की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए ही समिति की स्थापना अनिवार्य की गई है. मेलघाट में वन विभाग की एक अधिकारी ने कार्यस्थल पर हो रही प्रताडना से तंग आकर स्वयं पर गोली चलाकर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद इस मामले को तुल मिला है. खासकर महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों की शिकायत दूर करने की जिम्मेदारी इस समिति की रहती है. लेकिन यहा पर यह समिति न होने के कारण महिलाओं के साथ अन्याय होता रहा है.
वर्तमान में आये दिन समाचार पत्रों में सुर्खीया रहती है कि, फला कार्यालय में महिला के साथ अन्याय होने के कारण उसने अपने आपको मिटा दिया. लेकिन यह इसलिए होेता था कि, महिला को इस बात का ऐहसास रहता था कि, यदि वे अपने बारे में वरिष्ठों को शिकायत करेंगी, तो उन्होंने सहकर्मियों के कोप का शिकार होना पडेगा. इसलिए वे कई बार अन्याय बर्दाश भी कर जाती थी. इस समिति के गठन से महिलाओं का मनोबल बढेगा, साथ ही कार्यस्थल पर महिलाओं को अकेला पाकर गलत कृत्य करने की भावना रखने वाले तत्वों पर भी रोक लगेगी. क्योंकि उन्हें इस बार का ऐहसास रहेगा कि, उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. जरुरी है कि, इस समिति का तत्काल गठन होकर समिति द्बारा कार्य भी आरंभ कर देना चाहिए. महिलाओं को चाहिए कि, वे भी अपने साथ होने वाले अन्याय के विरोध में मुखर हो. समिति को शिकायत करें तथा समितियों का भी दायित्व है कि, वे ऐसे मामलों को गंभीरता से ले तथा दोषी पाये जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करें. कुलमिलाकर कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय पर अंकुश लगाने के लिए जरुरी था इस तरह की समितियां गठीत हो, जिलाधीश के कार्यालय की ओर से इस बारे में सभी सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिये गये है कि, वे शीघ्र समिति गठीत करें. जिससे महिलाओं का मनोबल उंचा होने के साथ-साथ वे अन्याय के खिलाफ भी मुखर हो सकेगी.

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