संपादकीय

स्वास्थ्य सेवा को दे प्राथमिकता

वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते लोगों को भारी समस्याओं से गुजरना पड रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पाया गया है कि, अनेक अस्पतालों में मरीजों को बेड पाने के लिए दरदर भटकना पडा. आज भी भटकना पड रहा है. अनेक अस्पतालों में समय पर ऑक्सीजन न मिलने के कारण जो मरीज स्वस्थ्य होने की ओर अग्रसर थे, उन्हें मौत का शिकार होना पडा. इस कार्य के दौरान कोरोना के लिए आवश्यक इंजेक्शन की कालाबाजारी, कोविड सेंटरों में मृत मरीजों के मंगलसूत्र, मोबाइल सहित अन्य वस्तूओं की चोरी जैसी घटनाएं सामने आयी है. ऐसे में अब यह आवश्यक हो गया है कि, सेवाभावी संस्थाएं स्वास्थ्य सुविधा के लिए पहल करें, क्योंकि जब तक सामाजिक स्तर पर यह कार्य नहीं होता, लोगों को योग्य सुविधा नहीं मिल पायेगी. इस मामले में सिख समाज में अनुठी पहल की है. उन्होंने फैसला किया है कि, गुरुद्बारों के सौंदर्यीकरण की जगह देशभर में अस्पताल बनाये जाएंगे. इन अस्पतालों मेें कम शुल्क पर लोगों का इलाज किया जाएगा. इंदौर में बेटमा साहिब, संत नगर में मानव सेवा ट्रस्ट या फिर इमली साहिब गुरुद्बारें के पीछे की जमीन पर अस्पताल बनाया जाएगा. इससे पूर्व सिख गुरुद्बारा प्रबंधक कमेटी बिहार के अध्यक्ष सूरजसिंह नलवा में जानकारी दी कि, कोरोना की पहली लहर के दौरान जब लोग पलायन कर रहे थे, तब श्री अकालतख्त साहिब के रिश्तेदार की ओर से आदेश हुआ था कि, ज्यादा से ज्यादा लोगों को सहायता दी जाये.
अब तक अन्नदान को श्रेष्ठदान माना गया था, इसके चलते सामाजिक संस्थाओं और धार्मिक संस्थाओं की ओर से अनेक लोगों को भोजन की व्यवस्था की जाती थी. धार्मिक कार्यक्रम बंद रहने के कारण अनेक मंदिरों में भोजन का प्रबंध अत्यंत सीमित तौर पर किया जा रहा है. लेकिन अब यह महसूस होने लगा है कि, जनसामान्य को योग्य स्वास्थ्य सुविधा देना अतिआवश्यक है, यदि उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती है, तो कोई भी बीमारी महामारी का रुप नहीं ले सकती. बीते कुछ दशकों में हर कोई धनसंवर्धन की दौडभाग में लग गया था. इसके चलते स्वास्थ्य की ओर हर किसी का दुर्लक्ष होता चला गया. सरकारी अस्पतालों मेें अव्यवस्था का आलम तथा निजी अस्पतालों के मनमानी बील से सामान्य व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा मिलना कठिन हो गया है. इसके लिए हमें प्राचिन परंपरा के अनुसार स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरुरी हो गया है. इसके लिए संस्थाओं को आगे आना होगा.
हर वर्ष अनेक संस्थाओं द्बारा अन्नदान किया जाता है. यदि इस राशि का उपयोग स्वास्थ्य सुविधा के लिए किया जाता है, तो निश्चित रुप से मानवीय सृष्टी को बचाने की दिशा में यह सार्थक पहल होगी. इस पहल को करने के लिए सभी सेवाभावी संस्थाओं पर आगे आना चाहिए. क्योंकि स्वास्थ्य इस समय एक समस्या का रुप धारण कर रहा है. लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहें, इसलिए हर किसी को आगे आना चाहिए. कोई भी बीमारी महामारी का रुप लेने से पहले इसका उपचार किया जा सकता है. अब जरुरी हो गया है कि, अनेक मंदिर प्रबंधन लोगों का ध्यान रखते हुए उपचार की व्यवस्था कर रहे है. कुछ मंदिरों का तो प्रत्यक्ष रुप से कार्य भी आरंभ हो गया है. इसलिए जरुरी है कि, सेवाभावी संस्थाएं स्वास्थ्य सुविधा के लिए पहल करें, ताकि भविष्य में आने वाली किसी भी महामारी को सहजतापूर्वक रोका जा सकें. विशेष यह कि, अब अनेक संगठन आगे आने लगे है. एक सिलसिला निरंतर जारी रहना चाहिए. जिससे लोगों को स्वास्थ्य का लाभ मिल सकें.

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