नाबालिगों को अपराध की राह से परावृत्त करने प्रभावी कदम उठाए जाए

‘यारो’ टीम ने जिलाधीश येरेकर व सीपी ओला को ज्ञापन सौंपकर उठाई मांग

* अल्पवयीनो के सुधार व समुपदेशन हेतु हरसंभव मदद करने की तैयारी भी दर्शायी
अमरावती/दि.23 – इन दिनों अमरावती शहर में नाबालिगों की अपराधिक वारदातों में संदिग्धता बढने के साथ ही संगठित बाल अपराध के मामले भी लगातार बढ रहे है. जिसे ध्यान में रखते हुए प्रभावी नीतिया बनाने और ठोस कदम उठाने की मांग को लेकर यूथ अलायंस फॉर राईटस् एंड अपॉर्च्युनिटीज (यारो) के पदाधिकारियों ने जिलाधीश आशीष येरेकर व शहर पुलिस आयुक्त राकेश ओला से मुलाकात करते हुए उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. साथ ही नाबालिगों को अपराधों के रास्ते से परावृत्त करने एवं बाल अपराध की घटनाओं को रोकने के काम में ‘टीम यारो’ की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की तैयारी भी दर्शायी.
‘यारो’ के अध्यक्ष इंजी. अश्विन पवार तथा गव्हर्निंग कॉउंसील के प्रतिनिधि इंजी. श्रीजीत पाटिल, इंजी. उज्वल पांडे व इंजी, परवेझ अली ने जिलाधीश आशीष येरेकर व पुलिस आयुक्त राकेश ओला से इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि, बाल अपराधों को रोकने एवं बाल अपराधियों के योग्य पुनर्वसन व संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन एवं सामाजिक संस्थाओं में संवाद व सहकार्य काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे. क्योंकि युवाओं विशेषकर नाबालिगों में नशाखोरी व हिंसा की प्रवृत्ति को बढने से रोकने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर प्रयास करना भी बेहद आवश्यक है. जिसमें शिक्षकों व शाला प्रशासन के साथ ही समुपदेशकों की भूमिका को भी बेहद महत्वपूर्ण कहा जा सकता है. इस बातचीत में यह भी कहा गया कि, यह मामला केवल पुलिस प्रशासन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक असफलता व युवाओं की दिशाहिनता का संकेत रहने के साथ ही भविष्य के लिए बेहद गंभीर खतरा भी है. जिसे लेकर समय रहते हस्तक्षेप नहीं होने पर अमरावती शहर में अपराधों के और भी अधिक संगठित, हिंसक व अनियंत्रित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जिसके चलते पुलिस एवं प्रशासन ने समाज के अलग-अलग घटकों को साथ में लेकर प्रभावी नीतियां तैयार करनी चाहिए, जिन पर अमल करते हुए अपराधि तत्वों के खिलाफ बेहद कडे कदम भी उठाए जाने चाहिए. ताकि अमरावती शहर को अपराधों का केंद्र बनने से रोका जा सके.

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