टाकरखेडा शंभु में होता हैं मां के आठ स्वरूपो का पूजन
400 साल पुरानी 3 मूर्तियों की विधीवत स्थापना

टाकरखेडा शंभु/दि. 24 – मां के रूप व स्वरूप भिन्न भिन्न होते हैं. हर कोई उनके भिन्न स्वरूपों का पूजन करता हैं. लेकिन रूप और स्वरूप चाहे जो भी हों मां का गुनगाण करने भक्तो को किेसी भी समय एवं तिथी की अवाश्यकता नहीं होती. भक्त इच्छा हों वैसे मां का नाम स्मरण करते हैं. लेकिन अगर एक ही गांव में मां के आठ स्वरूपो का एक ही स्थान पर दर्शन हो तों यह अपने आप में अदभूत व अतुलनीय फल होंगा. टाकरखेडा शंभु में ऐसा ही मां का स्वरूप देखने को मिलता है यहां मां के 8 स्वरूपो का नित्य पूजन कर उनकी आराधना की जाती हैं. नवरात्री मां के इन स्वरूपो के पूजन संग उत्सव का पर्व मांगा जाता हैं.
टाकरखेडा शंभु में हर साल नवरात्री का पर्व ग्रामवासियों के लिए विशेष पर्व होता हैं. इस गांव में प्राचीन काल से मरी मांय, माता माय, तारामाय, देवमाय, सीरमाय, व भिवसेन बुआ यह मां के 6 स्वरूप हेैं. जिनकी स्थापना कई साल पूर्व हुई थी. यहां आज प्रशस्त मंदिर परिसर बना है. जिनकी हर नवरात्री में नियमित रूप से पुजा-अर्चना की जाती हैं. साथ ही इन 6 मंदिरों में नवरात्री का उत्सव हर्षाल्लास कें साथ मनाया जाता हैं. साल 2021 में जब कोरोना काल था. उस समय गांव के एक हिस्से में बने खेत में बुआई का काम करते हुए किसान को करीब 400 साल पुरानी कुछ मूर्तियां मिली जिसमें आसरामाय, जानामाय, व इनामाय का समावेश रहा.
पौराणिक कथाओं में माता की इन स्वरूपों का वर्णन भी दिखाई देता हेै. कोराना काल के पश्चात गांव के सभी लोगों ने नवरात्री से पूर्व इन प्राचीन काल की मूर्तियों की विधीवत स्थापना की. साथ ही उन मंदिरों में भी नवरात्री का उत्सव मनाया शुरू हुआ. अब गावं में 6 नही बल्की नवरात्री में दिखाई देने वाले मां के 8 रूपो का दर्शन होता हैं. तब से लेकर आज भी गावं में नवरात्र का पर्व बडे उत्साह के साथ मनाया जाता है. बताया जाता हैं की. गांव के किसान दशरथ इंगोले व जुनाबाई इंगोले के प्रायासो से गांव के यह 400 साल पुरानी मूर्तिया प्राप्त हुई है.गावं के लोगों ने अब इन मां की मूर्तियों की स्थापना कर इसके देखभाल की जिम्मेदारी भी इंगोले परिसार को सौपी हैं. वेे भी मां का आर्शीवाद मांनकर सेवाभाव से इन मूर्ती स्वरूप मां की सेंवा कर रहें हैं.
सोमवार से नवरात्र उत्सव की शुरूआत हुई है जिसमें हर दिन इन पौराणिक काल की मूर्तियों का जतन कर अब मां 8 स्वरूपो का पूजन किया जाता हैं. विगत 4 सालो से नवरात्र उत्सव यहां अनोखे तरीके से मनाया जाता हैं एक ही गावं में मां के 8 स्वरूपो का मिलना यह अपने आप में चमत्कार ही माना गया है. यही कारण हैं. की टाकरखेडा शंभु गांव जिले सहित राज्य में स्थित मां के भक्तो के लिए न केवल आकर्षण बल्की आस्था केंद्र बन चुका हैं. यह जानकारी मंदिर के व्यवस्थापक विशाल तिरमारे ने दी. उन्होंने कहा की इस वर्ष शुरू हुए नवरात्री महोत्सव से गांव का वातावरण भी एक बार भक्तिमय और उत्साह से भर गया हैं.





