बिजली दरें सस्ती, कोर्ट के आदेश

उपभोक्ताओं के बचे 92 हजार करोड

* इंधन अधिभार हुआ जीरो
नागपुर/ दि. 5 – बंबई उच्च न्यायालय ने सरकारी बिजली कंपनी महावितरण बिजली दरें बढाने की अनुमति देनेवाले राज्य बिजली नियामक आयोग के गत 28 मार्च के आदेश को स्थगित कर दिया है. जिससे बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली मिलना शुरू रहेगा. इससे उपभोक्ताओं के 92 हजार करोड के बचत का अंदाज आयोग के स्वतंत्र संचालक विश्वास पाठक ने व्यक्त किया है. प्रदेश में नगर पालिका और नगर पंचायतों की चुनाव अधिसूचना अतिशीघ्र जारी होनी है. ऐसे में बिजली दरें सस्ती होने से लोग खुश हो गये हैं.
इंधन अधिभार जीरो
हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति बीपी कुलाबा वाला और न्यायमूर्ति फिरदोस पूनीवाला की खंडपीठ ने वेद सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 95 पैसे तक अधिभार लगाने का महावितरण का निर्णय रद्द किया. जिससे अब इंधन अधिभार जीरो हो गया है. बिजली कंपनी ने 48 हजार करोड का घाटा बताकर कुछ श्रेणी के उपभोक्ताओं पर बिजली दरवृध्दि लागू करने की सिफारिश की थी. किंतु नियामक आयोग ने रखे हिसाब किताब में महावितरण के पास 44 हजार करोड अधिक दर्शाए गये.
* क्या कहते हैं डायरेक्टर
महावितरण के स्वतंत्र संचालक विश्वास पाठक ने कहा कि बिजली दरें पूर्ववत होने से उपभोक्ताओं के पांच वर्ष में 92 हजार करोड की बचत हो गई है. महावितरण में आयोग के सामने तात्कालीक रूप से कुछ मुद्दे रखते हुए गत 25 जून को अपने फेवर में आदेश जारी करवाया था. आयोग के सामने अब दोबारा सुनवाई होगी. महावितरण द्बारा रखे गये मुद्दे आयोग द्बारा मान्य किए जाने की अपेक्षा विश्वास पाठक ने व्यक्त की.

 

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