सोलर पैनल पर छाया से होनेवाली उर्जा क्षति दूर
वैज्ञानिक डॉ. इंगोले की खोज का पेटेंट

अमरावती/ दि. 2- सौर उर्जा आज की उर्जा क्रांति का केन्द्र बिंदु मानी जा रही है. किंतु सौर पैनल पर पडनेवाली छाया उसका बडा बैरी साबित हुई है. ऐेसे में अमरावती के पेटेंट मैन डॉ. विजय इंगोले के नये क्रांतिकारी शोध से यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई है. सौर पैनल पर पडनेवाली छाया की वजह से होनेवाली उर्जा की क्षति को डॉ. इंगोले की खोज ने दूर कर दिया है. डॉ. इंगोले ने इसका पेटंट भी विश्व संस्था से प्राप्त कर लिया है. जिससे डॉ. इंगोले का अभिनंदन किया जा रहा है.
अंतर्गत रचना बदलनेवाली पध्दति
डॉ. विजय इंगोले ने अब तक 39 पेटेंट दाखिल किए है. उनके नये संशोधन ने भवन की छत पर लगाए गये सोलर पैनल पर आनेवाली प्रति छाया से होनेवाले नुकसान को दूर कर दिया गया है. समस्या का स्थायी हल डॉ. इंगोले ने खोज निकाला है. उन्होंने अंतर्गत रचना बदलनेवाली पध्दति लायी है. नये पेंटंट से वह अधिकृत हो गई है. उन्होंने बताया कि नई पध्दति अपनाने से सौर उर्जा सिस्टम की कार्यक्षमता में उल्लेखनीय बढोत्तरी होती है. पैसेे की भी बचत होती है. तकनीकी प्रगति शहर से लेकर देहातों के विद्युतीकरण सभी जगह उपयुक्त रहेगी. ,
कार्बन फुट प्रिंट कम करना लक्ष्य
शोधकतार्र् डॉ. इंगोले ने बताया कि भारत जैसे देश में नवीकरणीय उर्जा का उपयेाग क्रांतिकारी रहेगा.् उनके नये संशोधन का भी यही उद्देश्य है. प्रधानमंत्री ने ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रीड’ कल्पना को साकार करना संभव होगा. विश्व केे सभी सौर उर्जा नेट जोडे जायेंगे. उर्जा संग्रहित करनेवाली बैटरियों की आवश्यकता कम होगी. उन्होंने बताया कि कार्बन फुट प्रिंट कम करने नवीकरणीय उर्जा पर तेज गति से कार्य शुरू है. भारत में 2030 तक 500 गीगावाट बिजली क्षमता का लक्ष्य रखा है.





