शितकालीन अधिवेशन में लव जिहाद विरोधी कानून लागू करें

अमरावती के धर्मप्रेमियों की सीएम फडणवीस से मांग

* जिलाधिकारी को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा
अमरावती/दि.5- लव जिहाद व्यक्तिगत स्तर का अपराधिक कृत्य नहीं है बल्कि यह वैचारिक युध्द है. अब तक राज्य में सहस्त्र महिला और युवती इसका शिकार हुई हैें. हिंदु महिला की रक्षा के लिए राज्य में आगामी शितकालीन अधिवेशन में लव जिहाद विरोधी कानून लागू करने की मांग अमरावती की अनेक संगठनाओं ने की हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम जिलाधिकारी आशीष येरेकर को आज ज्ञापन सौंपा गया. इस अवसर पर सैंकडों की संख्या में नागरिक उपस्थित थे.
हिंदु जनजागृति समिति के माध्यम से गणेशोत्सव व नवरात्रोत्सव के दौरान अमरावती के नागरिकों ने कानून की मांग के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया था. यह हस्ताक्षर अभियान का ज्ञापन आज मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया. ज्ञापन में मांग की है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान की तरह अपराधि को आजीवन कारावास की सजा देनेवाला और गैरजमानती स्वरूप का लव जिहाद विरोधी कानून लागु किया जाए. आगमी अधिवेशन में इस बाबत कडी भूमिका ली जाए. साथ ही इस प्रकरण के अन्वेषण के लिए विशेष पुलिस शाखा गठित कर उसमें लव जिहाद प्रकरण स्वतंत्र रूप से दर्ज करें और लव जिहाद प्रकरण में विदेशी वित्तीय आपूर्ति, बैंक खाते, युवती की तस्करी, आतंकवादी कार्रवाई का इस्तेमाल का अन्वेषण कर दोषी पर कार्रवाई करे व जबरदस्ती लव जिहाद तथा धर्मांतर को सहायता करनेवाले अथवा प्रोत्साहन देनेवाले व्यक्ति, जिहादी संगठना, धार्मिक नेता और मदरसे-मस्जिद पर कानून बंदी लगाकर कडी कार्रवाई करें. ज्ञापन सौंपनेवालों में हिंदु जनजागृति समिति के विदर्भ समन्वय श्रीकांत पिसोलकर, पंकज गायकवाड, राम देशमुख, प्रदीप गर्गे, संजय चौधरी, गिरीष जामोदे, डॉ. रमेश वरूडकर, पंकज बारबुध्दे, सनातन संस्था के गिरीष कोमेरवार, गजानन सोनटक्के, स्वराज अभियान के सिध्दार्थ चौकशे, रोशन इंगले, राष्ट्रीय बजरंग दल के अभिषेक दिक्षित, गडगडेश्वर हिंदू प्रे्रमी महेश वर्मा, रणरागिणी शाखा की निराली होले, पिंकी भटोरिया, पल्लवी कावरे, वेदांती दातिर, अर्चना मावले, समेत अनेक लोगों का समावेश था.

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