मुंबई/दि.२१- अभिनेत्री कंगना रनौत ने आज क्चरूष्ट के उन आरोपों से बंबई हाई कोर्ट में इनकार किया कि उन्होंने अपने पाली हिल बंगले में अवैध ढांचागत बदलाव किये थे. इस बंगले के कुछ हिस्सों को क्चरूष्ट ने नौ सितंबर को तोड़ दिया था.
अपनी याचिका पर बीएमसी के जवाब के बाद अदालत में एक और हलफनामा देते हुए कंगना ने कहा कि उन्होंने अवैध रूप से कोई ढांचागत बदलाव या मरम्मत नहीं कराई थी. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि तोडफ़ोड़ को अवैध घोषित करने और बीएमसी द्वारा मुआवजे के तौर पर दो करोड़ रुपये की मांग वाली उनकी याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है.
हलफनामे में उन्होंने कहा, मैं इस बात से इनकार करती हूं कि मैंने गैरकानूनी रूप से कुछ जोड़ा या बदलाव किया जैसा कि आरोप लगाया गया है. बीएमसी ने पिछले हफ्ते अपने वकील जोएल कार्लोस के जरिये रनौत की याचिका के जवाब में न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया था.
नगर निकाय ने कहा था कि अभिनेत्री ने इमारत में बिना इजाजत अहम ढांचागत बदलाव किये थे. उसने कहा कि बीएमसी अधिकारी नौ सितंबर को उन बदलावों को तोडऩे के दौरान सिर्फ नियमों का पालन कर रहे थे.
नगर निकाय ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह रनौत की याचिका को रद्द कर दे और उन पर याचिका दायर करने का जुर्माना भी लगाए जो कि न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग थी.
वहीं रनौत ने बीएमसी के जवाब के बाद अपने हलफनामे में कहा कि नगर निकाय ने पर्याप्त समय दिये बिना उनकी संपत्ति के हिस्से को तोडऩे की प्रक्रिया शुरू कर वैधानिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है.
उन्होंने पहले कहा था कि बीएमसी ने उन्हें तोडफ़ोड़ के नोटिस का जवाब देने के लिये सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया और उसके नोटिस पर उनके जवाब को जल्दबाजी में खारिज कर दिया.
रनौत ने कहा कि बीएमसी ने नौ सितंबर को उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की क्योंकि बीएमसी ने उनके बंगले के बगल में स्थिति फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के बंगले में कथित अवैध बदलावों को लेकर उन्हें भी नोटिस जारी किया था लेकिन मल्होत्रा को नोटिस का जवाब देने के लिये सात दिनों का वक्त दिया गया. उच्च न्यायालय द्वारा कंगना की याचिका पर अंतिम सुनवाई मंगलवार को किये जाने की उम्मीद है.