‘आत्ताच बया का बावरलं’ गीत कर रहा मंत्रमुग्ध
निसर्गरम्य छत्री तालाब परिसर में निसर्ग प्रेमी सांस्कृतिक कला मंच एनसीसी का आयोजन
अमरावती/दि.23– 19 मई को रविवार सुबह एन एस सी छत्री तालाब में निसर्गरम्य परिसर में कलांच पर गीत प्रशांत बागडे का भव्य स्वागत किया गया. जी सारेगामा टीवी शो में सफल होने के बाद गीत बागडे का प्रथम अमरावती आमगन के अवसर पर निसर्ग प्रेमा सांस्कृतिक कला मंच की ओर से भव्य सत्कार व उनकी सुमधुर मैफिल का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीततज्ञ प्रा. सुरेन्द्र शेजे ने की. इस समय गायक दिनकर पांडे, श्रीरंग कुर्हेकर, डॉ. कविमंडल, राजेन्द्र राऊत आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. कार्यक्रम में एनएससी के अध्यक्ष भोजराज काले, राजेश हरकुट सहित संगीत प्रेमियों की उपस्थिती थी. सबसे पहले मां जिजाऊ की प्रतिमा का पूजन किया गया.
प्रमुख अतिथियों के स्वागत के बाद गीत बागडे का शाल व सन्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर गीत का संगीतमय मार्गदर्शन उनके पिता प्रशांत बागडे, मां रंजना बागडे व गीत के नाना-नानी रामदास गवई सुरेखा गवई व मामा मनीष व रितेस गवई परिवार का स्वागत किया गया. साथ ही लिटील चैम्प ने भी गीत का कमल पुष्प देकर स्वागत किया. जिसके बाद एन.एस.सी के अध्यक्ष भोजराज काले ने प्रास्ताविक भाषण किया. संगीतमय कार्यक्रम का आनंद लेने आए श्रोताओं को गीत ने सबसे पहले शास्त्रीय गायन के पहाडी राग का सैया बिना घपर सुना… ठुमरी गाकर मंत्रमुग्ध किया. जिसके बाद किरवणी राग पर आधारित गजल- वो तेरे इश्क का श्याराना …. गाकर वाहवाही लुटी. जिसके बाद गीत ने विभिन्न गीतों को प्रस्तुत कर महेफिल में चार चांद लगा दिया. साथ ही सैराट फिल्म का गीत ‘आत्ताच बया का बावरलं’ गाकर अलग माहौल तैयार किया. इस अवसर पर गीत के माता-पिता ने ‘मेरे हमसफर’ गीत भी प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत में कुमारी गीत व उनके परिवार की ओर से परिसर में वसंत पाटील के हस्ते पौधा भेंट देकर पौधारोपण किया गया. रविवार को सुमधुर गीत का कार्यक्रम यह यादगार ठहरा. कार्यक्रम आभार सुरेन भांडे ने किया. यह कार्यक्रम फेसबुक लाईव में हरीश नासिकर ने तथा युट्युब पर योगेश सावलकर ने प्रसारित किया. कार्यक्रम का संचालन सुचिता खुले व आशिष हाडके ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एनसीसी सदस्य नरेंद्र झाडे, संजय तल्हार, राहुल सदार, अतुल अळसपुरे, दिलीप शिरभाते, आशिष हाडके, वंदना तबाने ने परिश्रम किया. कार्यक्रम को सुनने के लिए शहरवासी बडी संख्या में शामिल हुए.