छोटे उद्योगों पर भी बराबर ध्यान

इज ऑफ डुइंग बिजनस पर महत्वपूर्ण बैठक

* एमआयडीसी में सभी सुविधाएं दें
* प्रदेश के 11 असोसिएशन को ही निमंत्रण
* उद्योग सचिव राजेश अग्रवाल ने की प्रतिनिधियों से चर्चा
अमरावती/ दि. 19- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देश के उद्योग विभाग ने शुक्रवार को दिल्ली में इज ऑफ डुइंग बिजनस पर महत्वपूर्ण बैठक ली. विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल और मुख्य सचिव मीना की उपस्थिति में हुई बैठक में प्रदेश के उद्योग विभाग से संबंधित सभी अधिकारी भी उपस्थित थे. अमरावती से एमआयडीसी असो. के अध्यक्ष किरण पातुरकर सहभागी हुए.
पातुरकर ने बताया कि बैठक में महत्वपूर्ण 12 मुद्दों पर चर्चा हुई. जिसके अनुसार केवल बडे उद्योग नहीं तो छोटे लघु उद्योगों पर भी ध्यान देना चाहिए, सौर उर्जा को महत्व देते हुए एमईआरसी के निर्णयों में बदलाव आवश्यक बताए गये. नई औद्योगिक जमीन विकसित करते समय बिजली की उपलब्धता भी देखी जानी चाहिए. डीएलसीसी, एसएलसीसी और झेडयुएम मीटिंग का उपयोग और उन्हें अधिकार देने की मांग भी उपस्थित की गई. ऐसे ही दोहरा टैक्सेशन रद्द करने का विषय उपस्थित किया गया. बताया गया कि अनेक स्थानों पर एमआयडीसी, महापालिका और ग्राम पंचायत का भी टैक्स उद्योगों को चुकाना पडता है.
महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम एमआयडीसी के जमीन संबंधी सभी नियम सरल और कम से कम करने की मांग उठाई गई. बंद पडे उद्योग और संपत्तियां बेचते आनी चाहिए.् ऑनलाइन केवल नाम का है. उसका कुछ विशेष उपयोग नहीं हो पा रहा है. लेबर लॉ की संख्या कम करने एवं कार्यालय कम करने का मुद्दा भी उद्यमियों ने इस समय देश के उद्योग सचिव के सामने उठाया. सिक यूनिट की व्याख्या कर उसे दोबारा पटरी पर लाने के लिए सहयोग करनेवाला सिस्टम बनाया जाना चाहिए. उद्योगों को जो सहायता चाहिए, उसके लिए वर्कशॉप अर्थात कार्यशालाएं लेने का अनुरोध भी किया गया.
* जिला स्तर पर हो निर्णय
अमरावती एमआयडीसी असो. के अध्यक्ष किरण पातुरकर ने बताया कि एमआयडीसी से संबंधित सभी निर्णय के लिए मुंबई के चक्कर काटने पडते हैं. मुंबई मुख्यालयों को दिए गये अधिकारों का विकेंद्रीकरण कर जिलास्तर पर अधिकार करने की छूट मिलनी चाहिए. इससे कामों में तेजी आयेगी. औद्योगिक विकास की गति बढेगी. एमआयडीसी की जमीन से सबंधित सभी नियम सरल करने, औद्योगिक संकुल अथवा उद्योगों को एमआयडीसी जैसी सुविधाए दी जानी चाहिए.

Back to top button