नागपुर में बनाएं सुको की खंडपीठ
जस्टिस गवई से एड. संदीप बदाना की मांग

* डॉ. विजय दर्डा ने लाया था विधेयक
नागपुर/ दि. 5- नागपुर के देश के बीचों बीच स्थित होने से सर्वोच्च न्यायालय की स्थायी खंडपीठ यहां स्थापित किए जाने की मांग एड. संदीप बदाना ने की है. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई को गत 25 अक्तूबर को इस बारे में निवेदन दिया था. उसे जनहित याचिका मानने का अनुरोध भी एड. बदाना ने किया है.
एड. बदाना ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में न्याय मांगने के लिए जाना महंगा पडता है. केवल दिल्ली में आने जाने के लिए पूरब और पश्चिमी भारत के पक्षकारों को सैकडों किलोमीटर का प्रवास करना पडता है. जिसमें समय और धन खर्च होता है. मानसिक रूप से प्रताडना भी होती है. विकेन्द्रीकरण न होने से सुप्रीम कोर्ट की बकाया केसेस की संख्या भी लगातार बढ रही है. 85 हजार से अधिक मामले प्रलंबित है. जिसके कारण जजेस पर भी काम का दबाव बढता है.
इससे पहले 10 वीं और 11 वीं एवं 22 वें भारतीय विधि आयोग ने अनुशंसा (सिफारिश) की थी कि सुप्रीमकोर्ट का विकेंद्रीकरण किया जाए. एड. बदाना ने दावा किया कि सिफारिश में पक्षकारों को कम समय और खर्च में इंसाफ मिल सकेगा.
राज्यसभा में आया था विधेयक
सर्वोच्च न्यायालय के नागपुर में स्थायी खंडपीठ हेतु संविधान के परिच्छेद 130 का संदर्भ देकर तत्कालीन सांसद डॉ. विजय दर्डा ने राज्यसभा में विधेयक रखा था. इस विधेयक में प्रावधान था कि नागपुर में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ रहने से सभी दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों के साथ साथ अंदमान निकोबार दीप समूह और केन्द्रशासित पांडीचेरी, दादर व नगर हवेली के केसेस का निपटारा किया जा सकता है. एड. बदाना ने अपने निवेदन में इस प्रकार के विधेयक का उल्लेख किया है.





