एक किमी के लिए भी देना पड रहा 90 रुपए का टोल

वरुड-पांढुर्णा महामार्ग पर टोल नाका शुरु होने से पुसलावासियों पर आर्थिक बोझ

वरुड /दि.21 – वरुड तहसील से होकर गुजरनेवाले वरुड-पांढुर्णा महामार्ग पर पुसला गांव के निकट टोल नाका शुरु किया गया है. पुसला गांव से महज एक किमी की दूरी पर रहनेवाले इस टोल नाके को पार कर नाके की दूसरी ओर खेतीबाडी रहनेवाले किसानों को रोजाना अपने खेत में आने-जाने के लिए भी 90 रुपए का टोल अदा करना पडता है, या फिर लंबा फेरा लगाते हुए दूसरे कच्चे-पक्के रास्तों से होकर अपने खेतों में आना-जाना पडता है. जिससे पुसला गांववासी काफी हद तक हैरान-परेशान हो गए है और अब पुसला ग्रामपंचायत ने पुसला गांव के वाहनों को टोल मुक्त किए जाने की मांग राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण से की है.
बता दें कि, वरुड-पांढुर्णा राज्य महामार्ग पर पुसला गांव के निकट राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण का टोल नाका पांच दिन पहले ही शुरु हुआ और इस टोल नाके पर पुसला सहित आसपास के परिसर में रहनेवाले चारपहिया धारक नागरिकों से भी टोल नाका पार करने पर टोल टैक्स वसूल किया जा रहा है. जिसके चलते इस परिसर के चारपहिया वाहन चालकों को नाहक ही आर्थिक भुर्दंड सहन करना पड रहा है. पुसला एवं परिसर के नागरिकों का मुख्य व्यवसाय खेतीबाडी है और कई लोगों के खेत टोल नाके के दूसरी ओर है. जिसके चलते ऐसे लोगों को एक दिन में कई बार टोल नाके वाली जगह को पार करते हुए गांव से अपने खेतों की ओर आना-जाना करना पडता है और उन्हें हर बार टोल नाका पार करते समय टोल टैक्स भी अदा करना पडता है. जिसके चलते परिसरवासियों को नाहक ही आर्थिक बोझ का सामना करना पड रहा है. जिससे परिसरवासियों में इस टोल नाके को लेकर जबरदस्त रोष व असंतोष व्याप्त है.

* इन गांवों पर पड रहा टोल का बोझ
पुसला सहित इस परिसर के जामठी, लिंगा, सावंगी, धनोडी, उराड व शेंदूरजनाघाट के साथ ही करीब 14 गांव इस टोल नाके के बेहद आसपास है और इसमें से अधिकांश गांव आदिवासी बहुल है. जिसके चलते इस परिसर में रहनेवाले नागरिकों के लिए टोल शुल्क माफ किए जाने की मांग उठाई जा रही है.

* खेत की कमाई जा रही टोल में
संतरा उत्पादन के चलते पुसला गांव आर्थिक रुप से बेहद संपन्न है और इस गांव में करीब 80 ट्रैक्टर, 20 मिनी ट्रक, 5 जेसीबी और 150 से अधिक कार जैसे चारपहिया वाहन है. जिन्हें हर बार टोल नाके से गुजरते समय 90 रुपए का टोल शुल्क अदा करना पड रहा है. जिसके चलते क्षेत्रवासियों को खेतीबाडी से होनेवाली कमाई का एक बडा हिस्सा टोल टैैक्स अदा करने में ही खर्च हो रहा है.
* गांववासियों ने उठाई टोल माफी की मांग
पुसला गांव के पास स्थित टोल नाके के दूसरी ओर गांव के कई लोगों की खेतीबाडी है. जहां पर आसपास स्थित गांवों से मजदूरों को भी हमेशा ही लाना ले जाना पडता है. जिसके चलते एक ही दिन के दौरान वाहनों की दो से तीन फेरियां होती है. साथ ही कई बार कृषि उपज को लाने ले जाने के लिए भी ट्रैक्टर व मिनी ट्रक जैसे वाहनों का दिनभर के दौरान एक से अधिक बार आना-जाना होता है. परंतु अब ऐसे वाहनों को हर बार आते-जाते समय पांच दिन पहले पुसला गांव के निकट शुरु हुए टोल नाके पर टोल टैक्स अदा करना पडता है. इससे परिसर में स्थित गांव में रहनेवाले लोगबाग परेशान हो चले है और अब पुसला सहित आसपास के गांवों में रहनेवाले लोगों ने इस टोल नाके पर परिसरवासियों के वाहनों को टोल माफी दिए जाने की मांग उठाई है.

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