भाजपा में सब ‘हरिश्चंद्र की औलादें’, किसी नेता पर ईडी की कोई कार्रवाई नहीं!
पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने सीएम फडणवीस व भाजपा पर साधा निशाना

अमरावती /दि.28– प्रहार पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने भाजपा की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि, भाजपा में शायद सभी लोग ‘हरिश्चंद्र की औलाद’ हैं, संभवत: यही वजह है कि, आज तक भाजपा के किसी भी नेता के खिलाफ ईडी की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसके साथ ही बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, मौजूदा सरकार में सभी लोग पूरी तरह से संवेदनहीन व भावनाशून्य है. जिन्हें राज्य के लोगों के सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं है. एक ओर तो संसद व विधान मंडल की अनुमान समिति द्वारा सरकार को खर्च में कटौती की सलाह दी जाती है, परंतु इसी समिति के अध्यक्ष व सदस्यों के भोजन हेतु चांदी की थालियों का प्रयोग कर दो दिन के भोजन पर लाखों रुपयों का खर्च किया जाता है, यह अपने-आप में विरोधाभास वाली स्थिति है.
* कम से कम पांडुरंग को बताओ कर्जमाफी की तारीख
– रोजाना हो रही किसान आत्महत्याओं पर व्यक्त किया संताप
इसके साथ ही आगामी 6 जुलाई को पड रहे आषाढी एकादशी पर्व के मद्देनजर बच्चू कडू ने कहा कि, आषाढी एकादशी वाले दिन लाखों भाविक श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान श्री विठ्ठल के चरणों में नतमस्तक होते है और उस दिन सरकार का मुखिया होने के नाते सीएम फडणवीस भी पांडुरंग की शासकीय महापूजा में शामिल होंगे. जो बार-बार किसान कर्जमाफी के लिए योग्य समय आने की बात कह रहे है. ऐसे में सीएम फडणवीस ने कम से कम आगामी 6 जुलाई को भगवान श्री विठ्ठल के समक्ष किसानों की कर्जमाफी के लिए योग्य तारीख घोषित करनी चाहिए, इस आशय के शब्दों में प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर सीएम फडणवीस पर निशाना साधा. साथ ही राज्य में रोजाना कहीं न कहीं हो रही किसान आत्महत्याओं की घटनाओं पर संताप व्यक्त करते हुए कहा कि, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा किसान कर्जमाफी घोषित करना बेहद जरुरी हो चला है.
* अब 5 की बजाए 7 जुलाई से शुरु होगी पदयात्रा
इसके अलावा पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी बताया कि, ‘सात-बारा कोरा करो’ की मांग को लेकर वे आगामी 5 जुलाई से 138 किमी की पदयात्रा शुरु करनेवाले थे. परंतु चूंकि 6 जुलाई को आषाढी एकादशी का पर्व पड रहा है. ऐसे में अब उक्त पदयात्रा 7 जुलाई से शुरु होगी और 14 जुलाई तक चलेगी. जिसके तहत देश के प्रथम कृषिमंत्री भाऊसाहेब देशमुख के जन्मस्थल पापल गांव से पदयात्रा शुरु की जाएगी और पहली किसान आत्महत्या के रुप में नाम दर्ज रहनेवाले साहेबराव कोरपे नामक किसान के चिलगव्हाण गांव तक यह पदयात्रा पहुंचेगी. पूर्व मंत्री बच्चू कडू के मुताबिक किसान कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर वे आगामी 2 अक्तूबर से तीव्र आंदोलन करनेवाले है. जिसकी पूर्व तैयारी करने हेतु 7 जुलाई से 14 जुलाई तक 138 किमी की पदयात्र शुरु की जा रही है.
* फरवरी माह में चुनाव कराएगी सरकार
सीएम फडणवीस व राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, अब तक महानगर पालिका के प्रभागों व जिला परिषद के सर्कलों की रचना नहीं हुई है. जिसे देखते हुए पूरी उम्मीद है कि, राज्य सरकार फरवरी माह के आसपास चुनाव करवाना चाहती है. ऐसे में उनके द्वारा किए जानेवाले आंदोलन पर आचार संहिता का कोई फर्क नहीं पडेगा. साथ ही बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उन्होंने सरकार के समक्ष किसानों, खेतीहर मजदूरों, दिव्यांगों, निराधारों व विधवा महिलाओं की विविध मांगे प्रस्तुत की है. ऐसे में सरकार ने जनसामान्य की इन मांगों को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए.
* ठाकरे बंधुओं के मोर्चे को समर्थन
राज्य शिक्षा मंडल की शालाओं में पहली से चौथी तक हिंदी भाषा को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ आगामी 5 जुलाई को ठाकरे बंधुओं द्वारा निकाले जानेवाले मोर्चे के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, एक मराठी भाषिक के तौर पर उन्हें मनसे नेता बाला नांदगांवकर का फोन आया था. जिन्होंने उनसे इस मोर्चे में शामिल होने का निवेदन किया. ऐसे में वे 5 जुलाई को निकाले जानेवाले मोर्चे में शामिल होने का प्रयास करेंगे तथा उनका इस मोर्चे को पूरा समर्थन भी है.
* एक माह तक फाईल कहां गूम थी
इसके अलावा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहनेवाले पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उन्हें बैंक के संचालक पद से अपात्र करने का आदेश कथित रुप से 13 मई को जारी होता और इसकी जानकारी एक माह तीन दिन बाद 16 जून को सामने आती है. ऐसे में सबसे पहले तो इस वाल का जवाब खोजा जाना चाहिए कि, उक्त आदेश की फाईल एक माह तक कहां पर अंडे दे रही थी. साथ ही साथ पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उनके मन में पद या सत्ता को लेकर कोई लालसा नहीं है और यदि उन्हें किसी भी आरोप के तहत जेल में भी डाला जाता है, तो वे रुकनेवाले भी नहीं है, इस बात को सरकार ने भी ध्यान में रखना चाहिए.





