शहर में पकडी गई नकली सीमेंट की खेप

तीन गोदामों पर क्राईम ब्रांच ने मारा छापा

* 1200 बैग नकली व निकृष्ठ सीमेंट जब्त
* नामांकित कंपनियों की बैग में भरकर हो रही थी विक्री
अमरावती/दि.1 – अमरावती शहर पुलिस की अपराध शाखा यूनिट 1 ने शहर के अलग-अलग इलाकों में नकली सीमेंट बनाने वाले गोदाम पर छापा मारा. इस छापेमारी में मासोद, काटआमला और नवसारी परिसर स्थित गोदामों पर छापामार कार्रवाई की गई. जहां से दो आरोपियों को हिरासत में लेने के साथ ही करीब 1200 बैग नकली सीमेंट की बोरियां जब्त की गई. पता चला है कि, नकली व निकृष्ठ सीमेंट को नामांकित कंपनियों की बैग में 100 रुपए प्रति बैग के हिसाब से पैकिंग करते हुए उस सीमेंट की 300 रुपए प्रति बैग की दर पर विक्री की जाती थी. परंतु पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के चलते नकली सीमेंट के इस गोरखधंधे का भंडाफोड हुआ है. इस मामले में और भी आरोपी शामिल हो सकते हैं. अपराध शाखा यूनिट 1 मामले की जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है.
अपराध शाखा यूनिट 1 के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मासोद परिसर स्थित गोदाम में विगत करीब 4-5 माह से यह गोरखधंधा चल रहा था. जिसके बारे में जानकारी मिलते ही अपराध शाखा यूनिट-1 के दल ने उस गोदाम पर छापा मारकर वहां पर रखी नकली सीमेंट बैग की बोरियों को जब्त किया. यह गोदाम शाहरुख हसनेवाले व अफजल कालीवाले नामक दो लोगों का बताया गया. इन दोनों लोगों को हिरासत में लेने के साथ ही उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अपराध शाखा के दल ने बडनेरा के निकट काटआमला स्थित एक गोदाम सहित नवसारी परिसर स्थित एक गोदाम पर भी छापा मारा. जहां पर निकृष्ठ व नकली सीमेंट को नामांकित कंपनियों की बोरियों में भरने का काम चल रहा था. इन तीनों गोदामों से पुलिस ने करीब 1200 से अधिक बैग निकृष्ठ रहनेवाले सीमेंट की खेप को जब्त की. फिलहाल इस बात की जांच चल रही है कि, काटआमला व नवसारी परिसर स्थित गोदाम किन लोगों के है.
यह कार्रवाई अपराध शाखा यूनिट-1 के पीआई गोरखनाथ जाधव, एपीआई मनीष वाकोडे व इमरान नाईकवाडे एवं पुलिस कर्मी अशोक वाटाणे युसूफ सौदागर, विकास गुडधे, रुपेश काले, मंगेश लोखंडे, सचिन भोयर, प्रशांत मोहोड, निखिल गेडाम व सूरज चव्हाण के पथक द्वारा की गई.
* सर्वसामान्य ग्राहकों के साथ धोखाधडी
पता चला है कि, इन गोदामों में कालबाह्य हो चुके तथा पानी व नमी की वजह से पत्थर बन चुके सीमेंट की बैग खरीदकर लाई जाती है. ऐसी सीमेंट बैगो को 100 रुपए से भी कम दाम पर खरीदकर ऐसे सीमेंट को मशीन के जरिए पिसकर बारिक किया जाता है और छन्नी से छानकर ऐसे सीमेंट को नामांकित कंपनियों की बैगो में रिपैकिंग करते हुए उन्हें 250 रुपए प्रति बैग की दर पर होलसेल में बेचा जाता है. साथ ही ऐसे सीमेंट को फुटकर बाजार में 300 से 350 रुपए प्रति बैग के दाम पर बेचा जाता है. यह सीधे-सीधे सर्वसामान्य ग्राहकों के साथ धोखाधडी व विश्वासघात है. साथ ही ऐसे निकृष्ठ दर्जे वाले सीमेंट का प्रयोग कर किए जानेवाले इमारतों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान लगता दिखाई दे रहा है.
* वर्ष 2022 में भी सामने आया था ऐसा ही मामला
याद दिला दें कि, राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत एमआईडीसी परिसर में वर्ष 2022 के दौरान इसी तरह का एक कारखाना चल रहा था. जहां पर निकृष्ठ दर्जे वाले सीमेंट को नामांकित कंपनियों की बैग में भरकर बेचने के गोरखधंधे को शहर पुलिस ने उजागर किया था.
* फ्रेजरपुरा पुलिस में मामला दर्ज
नामांकित कंपनी के गोदामों से कालबाह्य सीमेंट की सस्ते दामों पर खरीदी करने के बाद उसी निकृष्ठ सीमेंट को नामांकित कंपनियों की बैग में रिपैकिंग कर उसे बाजार में करीब 300 रुपए प्रति बैग के दाम पर बेचे जाने की बात जांच में सामने आई है. तीनों गोदामों पर मारे गए छापों को लेकर फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है.
– गोरखनाथ जाधव
पीआई, क्राईम ब्रांच यूनिट-1.

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