परिवार नियोजन को मिल रहा अल्प प्रतिसाद, कैसे नियंत्रित होगी जनसंख्या

सालभर में केवल 9.64 फीसद लक्षपूर्ति, पुरुषों का रुझान कम

* विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष
अमरावती/दि.11 – आनेवाले समय में बढती जनसंख्या देश के लिए सबसे बडी समस्या साबित होगी. जिसके चलते परिवार नियोजन को मौजूदा समय की सबसे बडी जरुरत माना जा रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर जनजागृति की जा रही है. परंतु जिले में परिवार नियोजन की शल्यक्रिया की संख्या लगभग नगण्य है. विगत एक वर्ष के दौरान परिवान नियोजन की शल्यक्रिया का केवल 9.64 फीसद लक्ष्य ही पूरा हो पाया है. इसमें भी परिवार नियोजन की शल्यक्रिया करानेवाले पुरुषों की संख्या नहीं के बराबर है और पुरुषों द्वारा परिवार नियोजन शल्यक्रिया की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. ऐसे में पुरुषों को परिवार नियोजन की शल्यक्रिया के साथ जोडना अपने-आप में एक बडी चुनौती है.
बता दें कि, वर्ष 2024-25 में स्वास्थ विभाग के समक्ष परिवार नियोजन की 10 हजार 605 शल्यक्रिया करने का आवाहन था. जिसकी ऐवज में केवल 1022 यानि 9.64 फीसद शल्यक्रियाएं करने में ही स्वास्थ विभाग को सफलता मिली है. प्रति वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है और 11 से 18 जुलाई तक परिवार नियोजन के संदर्भ में जनजागृति हेतु विविध उपक्रम चलाए जाते है. अमरावती जिले में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 28 लाख 87 हजार 826 जनसंख्या थी. परंतु विगत 14 वर्षों के दौरान इस जनसंख्या में तेजी के साथ इजाफा हुआ और इस समय अमरावती जिले की जनसंख्या 32 लाख के आसपास रहने की संभावना जताई जा रही है. उल्लेखनीय है कि, लगातार बढती जनसंख्या के चलते स्वास्थ, शिक्षा व निवास जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर कई तरह की समस्याएं पैदा होती है. जिसके चलते जनसंख्या का नियंत्रण में रहना बेहद जरुरी है.
* ‘मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी’ का रखा जाए ध्यान
अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि समाज के सर्वांगिण विकास की राह में बाधा पैदा करती है. जिसके चलते गर्भनिरोधक साधनों का योग्य प्रयोग करना बेहद जरुरी हो जाता है. इस समय प्रत्येक व्यक्ति द्वारा परिवार नियोजन का अवलंब करना बेहद आवश्यक है.
* बढती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए इस समय परिवार नियोजन मौजूदा समय की सबसे बडी जरुरत है. इसके लिए पुरुषों द्वारा पहल करना बेहद आवश्यक है.
– डॉ. सुरेश आसोले
जिला स्वास्थ अधिकारी
* महिलाओं पर भार कम करना जरुरी
महिलाओं को प्रसूति के दौरान होनेवाली तकलिफों को ध्यान में रखते हुए परिवार नियोजन की शल्यक्रिया का महिलाओं पर भार कम करते हुए, इस हेतु पुरुषों का आगे आना बेहद जरुरी हो चला है.
* ऐसे हैं तीन वर्ष के आंकडे
वर्ष                   लक्ष्य            पुरुष शल्यक्रिया         महिला शल्यक्रिया          कुल प्रतिशत
2022-23         10,605        118                             1689     1807                 17.04
2023-24         10,664        50                                 792      842                   7.89
2024-25         10,605         102                              920       1022                 9.64

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