10 वर्षो में किसान आत्महत्या बढी!

अमरावती संभाग मेे 22 हजार, यवतमाल में 6,489 किसान आत्महत्या

अमरावती/दि.22 – अमरावती संभाग मेें 2001 से 2025 इन 25 वर्षो में 22, 038 किसानों ने आत्महत्या की हैें. पिछले 10 वर्षो मेें किसान आत्महत्या की घटनाओें में वृद्धि हुई है. 2015 से 2024 के दौरान 10 हजार 160 किसान आत्महत्या दर्ज की गई हेैं. किसानों की सर्वाधिक 6 हजार 489 तथा अमरावती जिले में 5,376 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए. उसमें से 10,295 आत्महत्या के मामले पात्र ठहराए गए वहीें 11, 336 प्रस्ताव खरिज कर दिए गए. और 377 मामलोें की जांच की जा रही हैं.
अब तक 10,280 आत्महत्याग्र्रस्त किसानों के परिवारोे को शासन द्वारा आर्थिक मदद प्राप्त हुई हैं. संभाग में 2015 से किसान आत्महत्या बढी हैं. पिछले 10 वर्षो में 10,160 किसान आत्महत्या के प्रस्ताव प्रशासन के पास जमा हैं.
आत्महत्या की वजह : अमरावती संभाग में परिस्थिति अत्यंत गंभीर हैं.विशेषत: विदर्भ में अकाल, कर्ज का बोझ, उत्पादन खर्च मेें वृद्धि और कपास -तुवर के समर्थन मुल्य में तफावत जैसी समस्याओं की वजह से किसान आत्महत्या का प्रमाण बढा हैं. ऐसा विशेषज्ञो का मानना हैं.

10 माह में 8,800 किसान आत्महत्या
जनवरी से अक्तूबर 10 महिने मेें 8,800 किसान आत्महत्या के प्रस्ताव दाखिल किए गए हैं. जिसमें 267 प्रस्ताव पात्र ठहराए गए और 246 प्रस्ताव खारिज कर दिए गए. इसके अलावा 375 प्रस्ताव पर जांच चल रही हैं. वहीं 252 आत्महत्याग्रस्त परिवारोें को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी गई हैं.
* जिला निहाय किसान आत्महत्या (2001-2025)
जिला              किसान आत्महत्या
यवतमाल           6,489
अमरावती          5,376
बुलढाणा            4,592
अकोला             3,263
वाशिम              2,149

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