किसानों को केवल 15 हजार प्रति हेक्टेयर दिया गया मुआवजा
50 हजार की मांग

* संतरा किसान पहुंचे कोर्ट
नागपुर/दि.5 – बीमाधारक संतरा उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टर पर 50 हजार रुपए नुकसान मुआवजा दिया जाए. इसके लिए बंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में अकोला जिला के अकोट निवासी प्रमोद तराले, विष्णु मांगले, पवन धारट व गणेश मालते ने जनहित याचिका दायर की है. फिलहाल किसानों को केवल 15 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर ही दिए गए हैं.
राज्य कृषि विभाग ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 12 जून 2024 को जारी निर्णय के अनुसार कई किसानों ने वर्ष 2024-25 के अम्बे-बहार सीजन के लिए संतरा फसल का बीमा लिया था. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए यूनिवर्सल सोम्पोजनरल इंश्योरेंस कंपनी को नियुक्त किया गया है. 15 जून से 15 जुलाई 2024 के बीच अकोट तहसील के उमरा सर्कल में 122.5 मिमी बारिश हुई, जिससे संतरा फसल को भारी नुकसान हुआ. इसके बाद किसानों के मुआवजे के लिए कृषि विभाग ने 6 करोड़ 59 लाख 57 हजार रुपए, राज्य सरकार ने 4 करोड़ 92 लाख 46 हजार रुपए और केंद्र सरकार ने 2 करोड़ 22 लाख 73 हजार रुपए इंश्योरेंस कंपनी को दिए. लेकिन बीमा कंपनी ने पात्र किसानों को केवल 15 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर ही मुआवजा दिया है, जबकि योजना के अनुसार 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर देना अनिवार्य है. ऐसे में किसान शेष 35 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के मुआवजे की प्रतीक्षा कर रहे हैं. किसानों ने 16 अक्तूबर को कृषि सचिव को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. उमरा सर्कल में 897 किसानों की 949 हेक्टेयर भूमि संतरा फसल के अंतर्गत आती है. ऐसा याचिकर्ताओं का कहना है.
* सरकार से 11 फरवरी तक मांगा जवाब
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्तिद्वय अनिल किलोर और रजनीश व्यास की पीठ के समक्ष हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने कृषि विभाग के सचिव, बीमा कंपनी और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 11 फरवरी तक जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विपुल भिसे और सरकार की ओर से अधिवक्ता नितिन राव ने पक्ष रखा.





