अंतत: इतवारा बाजार के उडनपुल का कार्य शुरू
हाईकार्ट की फटकार के बाद कार्यवाही में जुटा लोनिधि विभाग,

* पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख के प्रयास रंग लाए
अमरावती/दि. 27 – पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में शहर के इतवारा बाजार स्थित 8 वर्षो से रूके उडानपुल के निर्माण को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका के बाद सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग ने उडानपुल के निर्माण कार्य की गति बढा दी है. विगत शुक्रवार को लोकनिर्माण विभाग ने उडानपुल के दोनों भी छोर से कामकाज की शुरूआत कर दी हैं. जिसके चलते संभवत: हाईकोर्ट में दखिल याचिका के अनुसार 31 दिसंबर तक यह उडानपुल का निर्माण कार्य किसी भी हाल में प्रशासन को पूर्ण करना हैं. ऐसे में 31 दिसंबर 2025 तक यह उडानपुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. ऐसे सख्त आदेश हाईकार्ट द्वारा विगत 23 अगस्त की सुनवाई में दिए जाने के बाद लोकनिर्माण विभाग ने निर्माण कार्य की गति बढा दी हैं. शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक सैंकडो कर्मचारी कार्य में जुटे हुए थे. लोकनिर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, संभवत: शुक्रवार को जो प्लान किया गया था. वह 70 प्रतिशत निर्माण कार्य का पूर्ण हो चुका हैं, किंतु लागातार बारिश के चलतेे दोनों भी साइड से किए जाने वाला वेल्डिंग का कार्य अब भी प्रलंबित है. बारिश के कारण वेल्डिंग के कार्य मे बाधा निर्माण हो रही हैं. बारिश थमते ही इस कार्य को गति दी जाएगी. गौरतलब है. कि पूर्व पालकमंत्री ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए राज्य सरकार के सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के प्रधान सचिव को 1 लाच रूपए का जुर्माना ठोंकने के निर्देश विगत सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिए थे. इतना ही नहीं तोे बायकायदा प्रतिज्ञापत्र पर उडानपुल के निर्माणकार्य के संबंध में नियोजन और प्रगति की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए गए थें. वहीं 31 दिसंबर तक किसी भी हाल में यह इतवारा का उडानपूल का निर्माण कार्य पूर्ण करने की सख्त ताकीद दी गई थों. अब प्रशासन की और से उडानपुल कार्य की गति बढा दी गई हैं. जिसके कारण पश्चिम क्षेत्रवासिंयों को यथाशीघ्र हो रही यातायात की समस्या तथा व्यापार संबधी समस्या समाप्त होने के संकेत नजर आ रहे हैं.
* हाईकोर्ट ने नहीें रखा ‘स्कोप’
हाईकोर्ट ने इतवारा बाजार उडानपुल के संदर्भ में कडी भूमिका तथा सख्त आदेश जारी करने बाद अब जाकर स्थानीय प्रशासन की नीदं उड गई है. हाईकोर्ट ने अधिकारियों को किसी प्रकार ‘स्कोप’ रचा नहीं हैं. जिसके चलते अधिकारी व कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2025 तक यह उडनपुल पूर्ण करना हैं, अन्यथा कई अधिकारी हाईकोर्ट की कार्रवाई का शिकार हो सकते है. पिछले 7-8 वर्षो से प्रलंबित इस उडापुल के निर्माण कार्य को अब जाकर गति मिली हैं. कोई भी जनप्रतिनिधि का दबाव या नियंत्रण जिला प्रशासन पर रहा नहीं हैं. मे होता तो बताता मंत्री किसे कहते हैं.
डॉ. सुनील देशमुख, पूर्व
पालकमंत्री






