मनपा के इतिहास में पहली बार बदली गई प्रभाग की सीमा

आपत्ति के बाद जवाहर स्टेडियम प्रभाग के परिसीमन में हुआ बदलाव

* पूर्व महापौर चिमोटे, बोथरा व पडोले ने उठाई थी परिसीमन को लेकर आपत्ति
* सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने आपत्ति पर जताई थी सहमति
अमरावती/दि.15 – आमतौर पर एक बार प्रारूप प्रभाग रचना घोषित किए जाने के बाद उसकी सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाता हैं. अमरावती मनपा के इतिहास में तो ऐसा ही देखा गया है. लेकिन इस बार की प्रारूप प्रभाग रचना की सीमा पर आपत्ति उठाए जाने पर आपत्ति को मान्य करते हुए अमरावती मनपा चुनाव के चुनाव अधिकारी व जिलाधिकारी आशीष येरेकर ने जवाहर स्टेडियम प्रभाग की सीमा में बदलाव को मंजूर किया. पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने कहा कि इस बदलाव से संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा और बढ गया हैं.
उल्लेखनीय है कि मनपा चुनाव प्रक्रिया के दौरान पहले प्रारूप प्रभाग रचना की घोषणा होती है और उसके बाद अंतिम प्रभाग रचना घोषित की जाती है. इसी के अनुसार वर्ष 2025 के मनपा चुनाव के लिए जारी चुनावी प्रक्रिया में 9 सितंबर 2025 को घोषणा की गई इस प्रारूप प्रभाग रचना में प्रभाग क्रमांक 7 में डफरिन परिसर में बसे श्रीकृष्ण पेठ व अशोक नगर के कुछ हिस्से को मसानगंज प्रभाग में शामिल कर दिया गया था. श्रीकृष्ण पेठ व अशोक नगर को विभाजित किए जाने के चलते पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे, कोमल बोथरा, रीता पडोले व सुनील पडोले सहित श्रीकृष्ण पेठ व अशोक नगर के कुछ नागरिकों ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई थी. पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने कहा कि जारी की गई प्रारूप प्रभाग रचना में इन प्रावधानों में से 5 प्रावधानों का उल्लंघन किया गया था. पहले प्रावधान के अनुसार किसी भी प्रभाग की रचना करते वक्त प्रभाग में शामिल की जानेवाली बस्ती को विभाजित नहीं किया जा सकता था. लेकिन जवाहर स्टेडियम प्रभाग की रचना करते वक्त श्रीकृष्णपेठ व अशोक नगर को विभाजित किया गया था. इसी प्रकार दूसरे प्रावधान प्रकार अनुसूचित जाति जनजाति की बस्ती का ध्यान रखा जाना आवश्यक था. लेकिन अशोक नगर बस्ती बरसों से अनुसूचित जाति-जनजाति की बस्ती कहलाती है. वहीं तीसरे प्रावधान के अनुसार जिस प्रभाग में जो क्षेत्र शामिल हैं, उसके मार्ग आदि का ध्यान रखना आवश्यक था. परंतु अशोक नगर और श्रीकृष्ण पेठ के कुछ हिस्सों को मसानगंज में शामिल करते समय यह ध्यान नहीं दिया गया कि मसानगंज प्रभाग में मतदान करने के लिए यहां से जाने का कोई मार्ग नहीं हैें. इसके साथ ही जवाहर स्टेडियम प्रभाग में आनेवाले स्वास्थ्य केंद्र वाले प्रावधान का भी उल्लंघन किया गया.
जवाहर स्टेडियम प्रभाग के कुछ हिस्सो को मसानगंज में शामिल किए जाने की बात सामने आते ही पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने अपनी आपत्ती दर्ज कराई थी. इसके अलावा कोमल बोथरा, सुनील पडोले व गीता पडोले के साथ अशोक नगर व श्रीकृष्ण पेठ के कुछ वरिष्ठो ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी. इन आपत्तियों पर 18 सितंबर को सुनवाई हुई. इस दौरान मिलिंद चिमोटे ने जिलाधिकारी के सामने आधे घंटे तक प्रेजेंटेशन देकर साबित किया कि श्रीकृष्ण पेठ और अशोक नगर के कुछ हिस्सों को गलत तरीके से मसानगंज में शामिल किया गया है. इस प्रेजेंटेशन को देखकर जिलाधिकारी ने मिलिंद चिमोटे से सहमति जताते हुए फिजिकल व्हेरिफिकेशन के बाद कार्रवाई किए जाने की बात कही. पश्चात 12 अक्तूबर को जब अंतिम प्रभाग रचना घोषित की गई, तो मिलिंद चिमोटे द्बारा जताई गई दोनों आपत्तियों को स्वीकार कर प्रारूप प्रभाग रचना में घोषित किए गए जवाहर स्टेडियम प्रभाग की सीमा में बदलाव किया गया. इसके साथ ही अशोक नगर और श्रीकृष्णपेठ के विभाजित किए गए हिस्सों को वापस जवाहर स्टेडियम प्रभाग में शामिल किया गया.
इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने कहा कि जब उन्होंने प्रभाग की सीमा पर आपत्ति जताई थी, तब उन्हें कई लोगोें ने कहा था कि एक बार प्रारूप प्रभाग रचना घोषित होने के बाद प्रभाग की सीमा में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाता है. लेकिन उन्होंने अपनी संतुष्टि के लिए संविधान में प्रदत अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल किया और अधिकारियों ने भी उनके द्बारा उठाई गई आपत्ति को स्वीकार कर जवाहर स्टेडियम प्रभाग की सीमा में बदलाव किया. इस कारण एक बार फिर संविधान और लोकतंत्र के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ हैं. पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने बताया कि ड-वर्ग की मनपा की प्रभाग रचना के लिए 10 जून 2025 को जारी किए गए आदेशोें में रखे गए प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अमरावती मनपा 2025 की प्रभाग रचना की गई थी.

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