पूर्व स्थायी सभापति नितिन चांडक का निधन

अमरावती/दि.18 – शहर के प्रतिष्ठित नागरिक, उद्यमी एवं मनपा के पूर्व स्थायी समिति सभापति नितिन नरेंद्रकुमार चांडक का बीती रात 10.30 बजे के आसपास निधन हुआ. यह खबर मिलते ही शहर में शोक की लहर व्याप्त हो गई और रात से ही चांडक परिवार के पन्नालाल नगर स्थित निवासस्थान पर दिवंगत नितिन चांडक के अंतिम दर्शन करने हेतु समाज के विभिन्न क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले गणमान्यों का तांता लगना शुरु हो गया. पश्चात आज सुबह 11 बजे चांडक परिवार के पन्नालाल नगर स्थितनिवास ‘इंद्रविला’  से दिवंगत नितिन चांडक की अंतिम यात्रा निकाली गई एवं हिंदू मोक्षधाम में उनके पार्थिव पर अंतिम संस्कार किए गए. इस अवसर पर राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र से जुडे अनेकों प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे. जिन्होंने नितिन चांडक को नम आंखों के साथ बिदाई देते हुए उनके निधन पर शोक जताया.                                                                                                                                                    बता दें कि, माहेश्वरी समाज के प्रतिष्ठित नागरिक श्रीनारायण चांडक के भतीजे कुशल व प्रकल्प चांडक के पिताजी एवं पूर्वांश चांडक के दादाजी नितिन चांडक विगत कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे तथा 66 वर्ष की आयु में उन्होंने बीती रात 10.30 बजे के आसपास अपनी अंतिम सांस ली. राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहनेवाले नितिन चांडक एक प्रथितयश व्यवसायी व उद्यमी भी थे तथा वे राज कैटरर्स व राज रेस्टॉरेंट के संचालक थे. दिवंगत नितिन चांडक अपने पश्चात दो पुत्र एवं तीन विवाहित बहनों के साथ ही भरापूरा शोकाकुल परिवार छोड गए है.
* भाजपा के कट्टर व समर्पित कार्यकर्ता थे नितिन चांडक
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, नितिन चांडक शुरु से ही भाजपा के विचारों के साथ जुडे रहे और उन्हें भाजपा का बेहद समर्पित व कट्टर कार्यकर्ता माना जाता था. भाजपा की ही टिकट पर नितिन चांडक मनपा में पार्षद निर्वाचित हुए थे, जिन्हें आगे चलकर भाजपा द्वारा स्थायी समिति सभापति के पद पर नियुक्ति भी दी गई थी. स्थायी समिति सभापति के तौर पर नितिन चांडक का कार्यकाल बेहद प्रभावी भी रहा था.

* मरणोपरांत किया गया नेत्रदान
बीती रात पूर्व स्थायी सभापति नितिन चांडक का निधन होने के उपरांत अपने दुख व शोक पर काबू पाते हुए चांडक परिवार ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करने हेतु उनका मरणोपरांत नेत्रदान कराने का निर्णय लिया. जिसके उपरांत जिला नेत्रदान कार्यक्रम व्यवस्थापक डॉ. कुणाल वानखडे के मार्गदर्शन में नेत्र चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक पवार, डॉ. नवीन सोनी, समुपदेशक नीलेश ढेंगले, अमीत शिंदे व मो. जोहेफराजा ने नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण कराया. इस समय हरीना नेत्रदान समिति के शरद कासट, ओमप्रकाश गिल्डा, राजू वर्मा व सुरेंद्र पोपली भी उपस्थित थे.

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