मनपा के कचरा ठेके हेतु 4 कंपनियों ने पेश की ई-निविदा
‘प्री-बिड’ बैठक में शामिल 7 में से 4 कंपनियां आई आगे

* सोमवार को होगा चारों कंपनियों के नामों का खुलासा
* चारों निविदाओं की तकनीकी जांच के बाद आगे बढेगा मामला
* ‘एल-1’ रहनेवाली कंपनी के हिस्से में जाएगा ठेका
* 240 करोड रुपए है ठेके का अनुमानित मूल्य
अमरावती/दि.24 – मनपा द्वारा कचरा संकलन व कचरा ढुलाई के काम का पूरे शहर हेतु एकल व संयुक्त ठेका जारी करने के लिए प्रकाशित निविदा सूचना में निविदा प्रस्ताव मंगाने के साथ ही विगत 14 अक्तूबर को बुलाई गई ‘प्री-बिड’ बैठक में इच्छुक एजेंसियों के साथ चर्चा की गई थी. जिसके बाद अब उस ‘प्री-बिड’ बैठक में शामिल 7 कंपनियों में से 4 कंपनियों द्वारा ऑनलाइन तरीके से मनपा के समक्ष अपने निविदा प्रस्ताव पेश किए गए है. जिसके बाद अब सभी निविदा प्रस्तावों की मनपा द्वारा पहले टेक्नीकल यानि तकनीकी आधार पर जांच की जाएगी और उसके उपरांत ‘एल-1’ (लोएस्ट वन) यानि सबसे न्यूनतम बोली प्रस्तुत करनेवाले निविदाधारक को इस काम का ठेका दिया जाएगा. बता दें कि, विगत 14 अक्तूबर को हुई निविदापूर्व बैठक में पूजा कंस्ट्रक्शन (वर्धा), अर्पण इनवायरमेंट वेस्ट मैनेजमेंट लि. (नागपुर), नंदनी वेस्ट मैनेजमेंट प्रा. लि. (बिहार), कोणार्कइंफ्रा (मुंबई), पी. गोपीनाथ रेड्डी (कर्नाटक), एन.ए.पी.ओ.एफ. (मुंबई) तथा महात्मा फुले मल्टी सर्विसेस (छ. संभाजी नगर) इन 7 कंपनियों द्वारा हिस्सा लेते हुए मनपा प्रशासन के साथ इस सबसे बडे ठेके के बारे में चर्चा की गई थी. जिसके बाद निविदा प्रक्रिया को आगे बढाया गया और आज ऑनलाइन तरीके से निविदा प्रस्तुत करने के अंतिम दिन इन्हीं 7 कंपनियों में से 4 कंपनियों द्वारा मनपा के संयुक्त कचरा ठेके का काम लेने हेतु अपने निविदा प्रस्तुत किए गए.
बता दें कि, स्वच्छता एवं घनकचरा व्यवस्थापन को लेकर यह मनपा की ओर से अब तक की सबसे बडी तैयारी की जा रही है तथा ऑक्ट्रॉय ठेके के बाद यह अपनी तरह का सबसे बडा ठेका साबित होने जा रहा है. जिसका अनुमानित मूल्य 240 से 250 करोड के आसपास रहेगा और यह ठेका हासिल करनेवाली कंपनी को अमरावती शहर के विभिन्न रिहायशी इलाको में साफसफाई करने के साथ ही रिहायशी इलाकों से निकलने वाले कचरे को संकलित कर उसकी ढुलाई करते हुए उसे सुकली व अकोली परिसर स्थित कंपोस्ट डिपो तक पहुंचाना होगा. जिसे लेकर निविदाएं आमंत्रित करने हेतु महानगर पालिका द्वारा विगत 9 अक्तूबर को ‘अ-वर्ग’ दर्जा प्राप्त एक अंग्रेजी दैनिक में निविदा सूचना प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद 7 बडी-बडी कंपनियों ने मनपा के समक्ष इस काम हेतु प्रस्ताव पेश करने की इच्छा जताई थी और निविदापूर्व बैठक में हिस्सा भी लिया था. जिसमें से 4 कंपनियों द्वारा आज मनपा प्रशासन के समक्ष अपने निविदा प्रस्ताव भी पेश कर दिए गए. जिसके चलते मनपा के हाल-फिलहाल के इतिहास में सबसे बडे रहनेवाले इस ठेके को हासिल करने के लिए अच्छी-खासी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है. मनपा का यह उपक्रम निश्चित तौर पर अपने-आप में बेहद जबरदस्त है. जिसमें पूरे शहर की साफसफाई और कचरे के निस्सारण का जिम्मा किसी एक कंपनी पर रहेगा. जिसके चलते जवाबदेही तय करने में आसानी भी रहेगी. परंतु यह पद्धति कहां तक सफल हो पाती है, यह देखना भी अपने-आप में बेहद दिलचस्प बात होगी.
ध्यान दिला दे कि, इससे पहले महानगर पालिका द्वारा चुंगी कर की व्यवस्था जारी रहते समय चुंकी कर संकलन हेतु करीब 280 करोड रुपयों का ऑक्ट्रॉय ठेका आवंटित किया गया था. जिससे मनपा को भी अच्छी-खासी आय हुआ करती थी. लेकिन साफसफाई, कचरा संकलन व घनकचरा व्यवस्थापन मनपा के लिए पूरी तरह से खर्च वाले विषय है. जिसके जरिए मनपा को एक रुपए की भी आय नहीं होनेवाली, बल्कि इस काम के लिए अपने तिजोरी से पैसा खर्च करना पडेगा. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, मनपा द्वारा साफसफाई के नाम पर करीब 250 करोड रुपयों का भुगतान अपने खजाने में से किस तरह किया जाता है. ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि, विगत दिनों हुई ‘प्री-बिड’ मीटिंग के दौरान ही सभी इच्छुक एजेंसियों ने मनपा प्रशासन से यह जानना चाहा कि, यदि उन्हें साफसफाई, कचरा संकलन व घनकचरा व्यवस्थापन के काम का ठेका मिलता है और वे अमरावती मनपा क्षेत्र में अपने काम की शुरुआत करते है, तो उनके काम का भुगतान किस तरह से किया जाएगा. तो मनपा प्रशासन द्वारा इच्छुक ठेकेदारों से कहा गया कि, निविदाधारक को हर माह के काम के बाद अपने देयक मनपा प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे. जिन्हें उसी माह में मंजूर करते हुए मनपा प्रशासन द्वारा ठेकेदार का भुगतान अदा कर दिया जाएगा. मनपा के इस जवाब पर सभी इच्छुक कंपनियों के प्रतिनिधि एक-दूसरे का मुंह देखने लगे थे, क्योंकि अमरावती मनपा में कचरा संकलन का इस समय काम कर रहे मौजूदा ठेकेदार का ही मनपा की ओर करीब 11 करोड रुपयों का भुगतान 6 माह से बकाया है. साथ ही जोननिहाय ठेका पद्धति के तहत पांचों जोन के तीन ठेकेदारों के भी 6 से 8 माह के भुगतान प्रलंबित रहने की जानकारी है. ऐसे में जब मनपा प्रशासन द्वारा महिने के महिने भुगतान देने की बात कही गई तो मौजूदा ठेकेदार सहित इच्छुक ठेकेदारों को भी कुछ हद तक आश्चर्य हुआ था.





