डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करोडों की जालसाजी

नाशिक से सामने आया मामला

* आतंकी मामले में फंसाने का दिखाया गया डर
नाशिक /दि.5- आप के नाम पर किसी ने एक फर्जी बैंक खाता खोला है, जिसके जरिए आतंकी वारदातों के लिए आर्थिक व्यवहार हो रहे है, ऐसा डर दिखाते हुए अज्ञात साईबर अपराधियों ने नाशिक शहर के 4 नागरिकों के साथ ऑनलाइन जालसाजी की. साथ ही उन्हें वीडियो कॉल करते हुए डिजिटल अरेस्ट दिखाकर उनसे करीब 1 करोड 28 लाख रुपए ठग लिए. इस ठगबाजी का शिकार एक महिला भी हुई है. एक साथ 4 अलग-अलग लोगों को डिजिटल अरेस्ट दिखाते हुए उनसे की गई इस जालसाजी के बारे में जानकारी मिलते ही नागपुर साईबर सेल पुलिस ने इसकी सरगर्मी के साथ तलाश करनी शुरु कर दी है.
इस पूरे प्रकरण को लेकर मिली जानकारी के अनुसार साईबर ठगबाजों ने पहले मामले में 50 लाख, दूसरे मामले में 36 लाख, तीसरे मामले में 33 लाख व चौथे मामले में 9 लाख रुपयों की ठगबाजी की है. जिसके तहत पहले मामले में सावरकर नगर निवासी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी के साथ साईबर ठगबाजों ने खुद को मुंबई क्राईम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए संपर्क किया और गिरफ्तारी वॉरंट दिखाते हुए दो बार 25-25 लाख रुपए ऐसे कुल 50 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने हेतु कहा गया. वहीं दूसरे मामले में गंगापुर रोड परिसर निवासी एक वकील को कॉल करते हुए साईबर ठगबाज ने खुद को एनआईए का अधिकारी बताया और उसे गिरफ्तारी वॉरंट का डर दिखाते हुए मामला निपटाने हेतु दो चरणो में 36 लाख 66 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. इसके अलावा टैगोर नगर परिसर निवासी एक गृहिणी को सीबीआई अधिकारी का नाम बताते हुए कॉल की गई और उसके आधार व सीमकार्ड का प्रयोग टेरर फडींग के लिए होने की बात कहते हुए उसे डिजिटल अरेस्ट बताकर दो दिन घर में ही बंद रहने पर मजबूर किया गया. साथ ही उसके खाते से 33 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कराए गए. इसके साथ ही लेखा नगर निवासी एक महिला को साईबर ठगबाज ने खुद को दिल्ली क्राईम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए संपर्क किया और उसे गिरफ्तार होने का डर बताते हुए 9 लाख 38 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने पर मजबूर किया गया.
खास बात यह रही कि, इन सभी मामलो में साईबर अपराधियों ने अनजान नंबरों से वीडियो कॉल की. जिसमें वे पुलिस की वर्दी में दिखाई दे रहे थे, साथ ही उनके पास जांच एजेंसीयों के फर्जी लोगो, पहचान पत्र व लेटरहेड थे. इन साईबर ठगबाजों ने सभी पीडित लोगों को बताया कि, उनके नाम पर बैंकों में फर्जी अकाउंट खोले गए है. जिनका उपयोग आतंकवादियों को पैसा उपलब्ध कराने हेतु किया जा रहा है. जिसके लिए उन लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. यह डर दिखाने के साथ ही साईबर ठगबाजों ने पीडित लोगों से धन उगाही की और उन्हें ऑनलाइन रकम ट्रांसफर करने पर मजबूर भी किया.

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