वास्तुकला में करियर का सपना करना है पूर्ण

इंजी. कॉलेज के अव्वल छात्र आर्यन खंडूजा का कहना

* बीटेक सहित सभी शाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए
* बगैर कोचिंग के पायी है सफलता                                                                                                                                अमरावती/ दि.18-स्वभाव से अत्यंत विनम्र और मितभाषी आर्यन नवीन खंडूजा से भेंट करते ही आप उनसे प्रभावित हो जायेेंगे. इस लेवल का व्यक्तित्व वे धारण करते हैं. शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय की सभी शाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर दो स्वर्णपदक अर्जित करनेवाले आर्यन खंडूजा ने बताया कि वास्तुकला में न केवल करियर बनाना है. बल्कि कुछ बेहतरीन रचना है. जिससे क्षेत्र और देश का नाम भी बढे. आर्यन आज दोपहर अमरावती मंडल कार्यालय पधारे. उनकी सादगी ने प्रस्तुत संवाददाता को बडा प्रभावित किया. आर्यन ने एमटेक की तैयारी कर ली है. वे अपने शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय से ही स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करेंगे.
दादा,पिता का फलों का व्यापार
आर्यन के पिता नवीन खंडूजा संतरे का कारोबार करते हैं. उन्होंने बताया कि दादा भी फलों का ही बिजनस करते थे. उनकी मां रूपाली खंडूजा गृहणी है. जबकि बहन साक्षी ने एमसीए पूर्ण किया है. खंडूजा परिवार का संतरे का बिजनैस परतवाडा और अहिल्या नगर में भी फैला है. परिवार में आर्यन ने ही वास्तुकला में रूचि के कारण कक्षा 10 वीं उत्तीर्ण होते ही सिविल इंजीनियरिंग क्षेत्र चुनने का निर्णय पक्का कर लिया था.
पहले ही दौर में प्रवेश ऑटोफ्रीज
कक्षा 10 वीं में मेरिट रहे आर्यन खंडूजा ने कक्षा 12 वीं मेें 84 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के साथ स्वायत्त महाविद्यालय शासकीय अभियांत्रिकी में सिविल अभ्यासक्रम के लिए आवेदन किया. पहले ही दौर में आर्यन का प्रवेश ऑटोफ्रीज अर्थात सुनिश्चित हो गया. आर्यन ने बताया कि उन्होंने अपने निश्चयानुसार पहली प्राथमिकता सिविल इंजीनियरिंग को दी थी. वहां उन्हें प्रवेश मिलने से पढाई के प्रति वे लक्ष्य केन्द्रित रहे.
बगैर कोचिंग शानदार सफलता
आर्यन ने बताया कि विभाग प्रमुख प्रा. सुचिता हिरडे, प्रा. मनोज हेडाउ, मंगेश गुल्हाने, लांडेे सर और अन्य प्राध्यापकों का बेहतरीन मार्गदर्शन रहा. कॉलेज भी पूरे समय सबेरे 10 से 5 बजे तक अटेंड करने एवं नियमित पढाई के कारण बगैर कोचिंग क्लासेस वे अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुए. कॉलेज प्रशासन ने उन्हें परंपरागत पुरस्कारों से नवाजा. दो वर्षो से रूद्राक्ष को सोने के ब्रासलेट में सीधे हाथ में धारण कर रहे आर्यन ने बताया कि उन्हें टॉप आने का पूर्ण विश्वास था.
सभी सेमीस्टर में अव्वल
आर्यन खंडूजा अपने बीटेक के सभी 8 सेमीस्टर में न केवल कॉलेज बल्कि विश्वविद्यालय में टॉप पर रहे. आर्यन ने कहा कि नियमित क्लासेस अटैंड करने और उसकी रिवीजन उसी दिन घर आकर कर लेने को सफलता का सूत्र बताया. आर्यन ने कक्षा 10 वीं तोमय स्कूल से और कक्षा 12 वीं गोल्डन किडस से अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण की थी.
जंगल सफारी का चाव
आर्यन को सहपरिवार सैर सपाटे का चाव है. उन्होंने बताया कि विदर्भ के सभी अभ्यारण्य ताडोंबा, पेंच, टिपेश्वर की सैर वे एक से अधिक बार कर चुके हैं. उसी प्रकार राजस्थान के रणथंबोर और यूपी के पीलीभीत जंगल सफारी का भी परिवार संग आनंद ले चुके हैं. आर्यन ने कहा कि दिवाली के मौके पर कॉलेज में दो स्वर्ण पदकों के साथ उनका सम्मान होना सर्वोत्तम दिवाली गिफ्ट कह सकते हैं. आर्यन का विनम्र स्वभाव आपका दिल जीत लेता है.

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