‘हनी विलेज’ योजना के पहले चरण की निधि अटकी
आमजरी समेत पहले चरण के 10 गांव को निधि की प्रतिक्षा

अमरावती/दि.5 – पूरक मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, राज्य में ‘हनी विलेज’ की अभिनव संकल्पना को लागू करने का निर्णय लिया गया. इसमें जिले के चिखलदरा तहसील के आमझरी सहित 9 जिलों के एक-एक गांव शामिल हैं. हालांकि, इन गांवों को अभी तक कोई निधि नहीं मिली है. साथ ही दूसरे चरण के गांवों के प्रस्तावों में भी देरी हो रही है. नतीजतन योजना शुरू होने से पहले ही वित्तीय कठिनाइयों में फंस गई है.
महाराष्ट्र राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग निगम ने 2024 तक मधुमक्खी पालन और पराग सिंचाई विकास की संकल्पना के तहत प्रत्येक जिले में कम से कम एक गांव को मधु ग्राम के रूप में विकसित करने की पहल की है. इसके लिए राज्य के सभी 10 जिलों से एक-एक गांव का चयन किया गया है. इनमें से दो विदर्भ के हैं. विदर्भ के दो गांवों में अमरावती जिले के चिखलदरा तहसील के आमझरी और वर्धा जिले के सिंधीविहिरा, का चयन किया गया है. इसके लिए क्रमशः 49 लाख रुपये और 54 लाख रुपये की निधि स्वीकृत की गई है. इसका उद्देश्य प्रशिक्षण, मधुमक्खी पालन के बक्से, प्रसंस्करण केंद्र और एक विपणन श्रृंखला स्थापित करना था. हालांकि, एक साल बाद भी निधि उपलब्ध न होने के कारण किसान इस योजना के परिणाम को लेकर आशंकित हैं.
* निधि मंजूर हुई
पहले चरण में चयनित गांवों के लिए शासन ने निधि स्वीकृत कर दी है. जल्द ही पहले चरण में चयनित दस गांवों के लिए शासन से निधि उपलब्ध हो जाएगी.
– प्रदीप चेचरे, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी.
* ये हैं गांव
गांव तहसील जिला
आम़झरी चिखलदरा अमरावती
सिंधी विहीर कारंजा वर्धा
घोलवड डहाणू पालघर
बोरझर नवापुर नंदुरबार
भंडारवाडी किनवट नांदेड़
काकडदाभा औढा नागनाथ हिंगोली
उडदावणे अकोले अहिल्यानगर
चाकोरे त्र्यंबकेश्वर नाशिक
शेलमोहा गंगाखेड परभणी
सालोशी महाबलेश्वर सातारा





