गाडगे बाबा के विचार अर्थात सादगी में आधुनिकता की झलक
संत सचिनदेव महाराज का प्रतिपादन

* संत गाडगे बाबा पूण्यतिथी निमित्त गाडगे बाबा राष्ट्रीय सम्मान
समारोह
* शब्द प्रभु मासिक व जनकल्याण फाउंडेशन का आयोजन
अमरावती /दि.21 – संत गाडगेबाबा ने हमेशा ही समाज की रूढिवादी परंपराओं का विरोध किया. जो परंपरा समाज को अपने पाश में जकडती हैं. जो उन्हें आगे बढने से रोकती हैं. उन प्रथाओे का त्याग करना ही समाज हित मेे इन विचारो के साथ उन्होंने समाज में सादगी पूर्ण व्यक्तिमत्व से आधुनिक विचारो की झलक दिखाई थीं. ऐसा प्रतिपादन संत सचिनदेव ूमहाराज ने किया.
स्थानीय चैतन्य कॉलोनी रोड पर स्थित भगवान मुंगसाजी माउली दरबार सभागृह में संत गाडगे बाबा की 69 वीं पूण्यतिथी निमित्त शब्द प्रभु मासिक व जनकल्याण फाउडेशन द्वारा शनिवार को शाम 5 बजे संत गाडगे बाबा राष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था इस अवसर वे बोल रहे थे. इस समय माता खिडकी श्रीकृष्ण देवस्थान के अध्यक्ष सुभाष विख्यात, अन्नपूर्णा रूपली संगणे, संत गाडगेबाबा राष्ट्रीय जीवन गौरव पुरस्कार प्राप्त राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज के स्वीय सहायक तथा गुरूदेव सेवा समिति के सचिव जनार्दनपंत बोथे गुरूजी, शब्द प्रभु मासिक के संपादक गोपाल उताने, जनकल्याण फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक गिरोलकर, वनिता गिरोलकर, प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
संत सचिनदेव महाराज ने कहां कि संत गाडगेबाब के विचारो का जीवन पर प्रभाव रहना ही अपने आप में जीवन की सादगी को दर्शाता हैं. जिन लोगो ने आज यह पुरस्कार प्राप्त किए हैं. उन्होंने उनके विचारो को समझा और जीवन में अपना कर लोगो का उद्धार किया हैं. आज भी व जो कार्य कर रहे हैं. वह समाज के लिए प्रेरणादायी होने के साथ ही समाज उत्थान का कार्य कर रहे हैं. ऐसे व्यक्तियों का संत गाडगेबाबा के नाम से सम्मानित करना यह उनके विचारोें को सम्मानित करने जैसा हैं.
समारोह में अन्य मान्यवरोे ने भी अपने समयोचित विचार व्यक्त किए समारोह की प्रस्तावना गोपाल उताने ने रखी तथा स्वागत पर भाषण दिपक गिरोलकर ने दिया. व संचालन मंजुषा उताने ने किया. समारोह में संत गाडगेबाबा राष्ट्रीय जीवन गौरव पुरस्कार राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज के स्वीय सहायक तथा गुरूदेव सेवा समिति के सचिव जनार्दनपंत बोथे गुरूजी को प्रदान किया गया. उन्हें सम्मान स्वरूप स्मृतिचिन्ह शाल, श्रीफल व सम्मान पत्र दिया गया. इसके अलावा संत गाडगेबाब सेवा सम्मान पुरस्कार आकाशवाणी के निवेदक संजय ठाकरे, स्वयंसिद्ध उद्योजकता विकास अभियान के अध्यक्ष किरण पातुरकर, कैलाश छाया, चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष कैलाश गिरोलकर, संबोधि थेटर अकादमी के संचालक नाट्य रंगी कर्मी सुशिल दत्त बागडे,
रोटरी क्लब के अतुल कोल्हें, संत इद्रशेष बाबा दरबार के व्यवस्थापक प्रा. हरीदास खुले, भगवान मुंगसाजी माउली बहुउद्देशीय संस्था के सचिव मिलींद मानकर, पतंजली योगपीठ के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह परदेसी, बौद्ध धम्म प्रचार समिति भीम टेकडी के सचिव गोपाल इंगले तथा सावली महिला बचत बैंक की कर्मचारी वर्षा शिंगणे, मातोश्री कमलाबाई उताने, स्मृति कर्तबगार महिल पुरस्कार लघु उद्योजक भारती संजय थोरात को प्रदान किया गया. साल 2024 का संत गाडगेबाबा राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार शहर पुलिस बैड पथक को प्रदान किया गया. सभी ने अपने विचार व्यक्त कर इस पुरस्कार के लिए आभार व्यक्त किया.
कार्यक्रम को सफल बनाने जनकल्याण फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक गिरोलकर, शब्द प्रभु मासिक के संपादक गोपाल उताने, मंजुषा उताने, योगिता बोंडे, वनिता गिरोलकर, जुगलकिशोर गट्टानी, डॉ. गुणवंत्त डहाने, दादासाहेब टोपले, लक्ष्मणराव ढवले, नितीन देशमुख, अविनाश वाटाणे, अमोल चवणे, प्रा. रूपाली फसाटे, विलास साखरे, रंगराव कडू, भोलेश्वर मुद्गल, प्रा. गजानन सोनोने, वैभव गिरोलकर, राहुल गिरोलकर, राजू हजारे, नितीन अतकरे, सचिन बिजवे, संजय पडवार, गोवर्धन कानतोडे, सविता सायर, हर्षा संगणे, निकिता गावंडे, छाया गिरोलकर, रेखा गिरोलकर, रोशनी गिरोलकर, कविता चांदेकर, अंजली पडोले, ज्योति देवतारे, अलका इखार, गीता ठाकुर, शुक्ला गिरोलकर, कृष्णाई गिरोलकर, कोमल उताने ने अथक प्रयास किए.





