यवतमाल के वाधवानी फार्मेसी कॉलेज में गणेशोत्सव – 2025 उत्साहपूर्वक मनाया गया

विभिन्न स्पर्धा के विजेताओं को मान्यवरो के हाथो दिए गए पुरस्कार

यवतमाल /दि.13 – पी. वाधवानी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, यवतमाल में 27 अगस्त से 8 सितंबर तक गणेशोत्सव – 2025 बड़ी आस्था, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया. इस दस दिवसीय उत्सव में 900 से अधिक छात्रों और 80 कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.
27 अगस्त को गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ उत्सव का शुभारंभ हुआ. महाविद्यालय के छात्र श्री जय गोहाने द्वारा निर्मित पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमा की विधिवत पूजा-अर्चना के बाद स्थापना की गई. उद्घाटन आरती डॉ. ए. वी. चांदेवार (प्राचार्य), डॉ. एम. डी. किटुकले (प्राचार्य), जी. एफ. सी. प्रभारी डॉ. अभिजीत श्रीराव, प्रो. आकाश ढोके और सभी शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों और विद्यार्थियों की उपस्थिति में की गई. विद्यार्थियों ने गणेशोत्सव के महत्व पर आधारित एक लघु नाटक प्रस्तुत किया. 28 अगस्त से 4 सितम्बर तक प्रतिदिन सुबह और शाम आरती का आयोजन किया गया. जिसमें प्रत्येक कक्षा ने योजना के अनुसार अपना-अपना भाग प्रस्तुत किया. विभिन्न सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियाँ सफलतापूर्वक आयोजित की गईं, जैसे-इनडोर एवं आउटडोर खेल प्रतियोगिताएं, भजन गायन, से नो टू रैंगिंग विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता, दसवें दिन गणेश विसर्जन समारोह बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि जगदीश वाधवानी (अध्यक्ष), डॉ. ए. वी. चांदेवार (प्रधानाचार्य), डॉ. एम. डी. किटुकले (प्रधानाचार्य), और श्रीमती संगीता वेणुरकर (प्रधानाचार्य) के साथ-साथ सभी शिक्षकगण उपस्थित थे. गणेश विसर्जन के बाद पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विजेता और उपविजेता छात्रों को डॉ. ए. वी. चांदेवार (प्रधानाचार्य), डॉ. एम. डी. किटुकले (प्रधानाचार्य), श्रीमती संगीता वेणुरकर (प्रधानाचार्य), डॉ. अभिजीत श्रीराव (जी. एफ. सी. प्रभारी) और आकाश ढोके (जी. एफ. सी. प्रभारी) द्वारा ट्रॉफी वितरित की गई. विसर्जन समारोह मोहा गाँव के एक कुएँ में पर्यावरण के अनुकूल तरीके से आयोजित किया गया था.
पूरे कार्यक्रम का आयोजन विद्यार्थी परिषद और सांस्कृतिक समिति द्वारा किया गया था. पूरे परिसर को कागज़ के फूलों, केले के पत्तों और कपड़े की सजावट से खूबसूरती से सजाया गया था. प्लास्टिक और थर्मोकोल का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित था. निमंत्रण भी डिजिटल रूप में भेजे गए थे. इस उत्सव में सांस्कृतिक मूल्यों, पर्यावरण जागरूकता और सामुदायिक भावना का अद्भुत संगम देखने को मिला. कॉलेज के कई पूर्व छात्रों और अभिभावकों ने ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से इस समारोह में भाग लिया और इसका आनंद लिया. समारोह के अंत में सभी ने एक स्वर में कहा – गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस जल्दी ओ! और यह त्यौहार खुशी, विश्वास और प्रकृति से जुड़ाव की भावना के साथ संपन्न हुआ.

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