गणेशोत्सव अब ‘राज्य महोत्सव’
मंडल को 10 करोड रुपए का पुरस्कार

* गणेशोत्सव होगा और शानदार
* शासन निर्णय का सार्वजनिक मंडलों ने किया स्वागत
अमरावती /दि. 28 – राज्य सरकार ने गणेशोत्सव को ‘राज्य महोत्सव’ के रूप में घोषित किया है. इस वर्ष से गणेशोत्सव अधिक भव्य और शानदार होनेवाला है. राज्य के सार्वजनिक गणेश मंडलों को बडी राहत देते हुए राज्य सरकार ने पंजीकृत मंडलों को अब अनुदान देने की घोषणा की है.
इस निर्णय के कारण गणेश मंडलों को आर्थिक सहयोग मिलनेवाला है. उत्सव के विविध उपक्रम अधिक अच्छी तरह चलाते आ सकेंगे. साथ ही गणेशोत्सव का सांस्कृतिक महत्व बढाने के लिए तहसील, जिला और राज्यस्तर पर विविध स्पर्धा का आयोजन किया गया है. इसके लिए कुल 10 करोड रुपए के पुरस्कार रखे गए है. इस स्पर्धा में व्याख्यानमाला, ड्रोन शो, गणेशोत्सव पर आधारित रिल्स स्पर्धा और सांस्कृतिक कार्यक्रम का समावेश है. इस उपक्रम के कारण पारंपारिक और आधुनिक कला का संगम देखा जाएगा.
* दर्जेदार उत्सव का आयोजन होगा
अनुदान की सहायता से मंडल अधिक आकर्षक और पर्यावरणपूरक झांकी तैयार कर सकेंगे. प्लास्टर ऑफ पॅरिस की बजाय शाडू मिट्टी की मूर्ति के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा.
* सांस्कृतिक पहचान मजबूत होगी
इस उपक्रम के कारण गणेशोत्सव केवल एक धार्मिक त्यौहार न रहते हुए एक भव्य सांस्कृतिक महोत्सव के रूप में पहचाना जाएगा.
* उपक्रम का उद्देश्य क्या?
– सार्वजनिक गणेशोत्सव यह राज्य महोत्सव के रूप में मनाने बाबत का निर्णय शासन द्बारा लिया गया है. इस निमित्त राज्य के गणेशोत्सव निमित्त अधिक से अधिक व्यक्ति, संस्था और विविध समाज घटकों को सामाजिक सलोखा के लिए एकजुट करना, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जानेवाले गणेशोत्सव को प्रोत्साहन देना.
– सांस्कृतिक विषय का जतन करनेवाला उपक्रम चलाना. राज्य में पढनेवाले विदेश के , अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को इस उत्सव में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना आदि उपक्रम के साथ गणेशोत्सव यह राज्य महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा.
मंडलों का मिल रहा सकारात्मक प्रतिसाद
अधिकांश सार्वजनिक गणेश मंडलों ने राज्य सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है. इस कारण उत्सव मनाने का उत्साह बढा है. भविष्य में और अच्छे उपक्रम चलाने की आशा निर्माण हुई है. कुछ मंडलों अनुदान और पुरस्कार वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिका रखने का आवाहन किया है. ताकि सभी को समान अवसर मिल सके. जिले में इस बार एक गांव एक गणपति, डीजे मुक्त गणपति, शाडू मिट्टी गणपति आदि उपक्रम भी प्राथमिकता से चलाए जा रहे है. इस कारण गणेशोत्सव के दौरान मंडल भी शामिल हो रहे है.
* स्थानीय कलाकारों को मंच
इस कारण स्थानीय कलाकारों को एक मंच उपलब्ध होगा और युवाओं को भी इस उत्सव में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. इस कारण महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान अधिक मजबूत होगी, ऐसा सरकार की तरफ से कहा गया है. इस घोषणा के कारण गणेश मंडलों में हर्ष का वातावरण है. यह अनुदान मिलने से मंडलों को उत्सव का खर्च अच्छी तरह से संभालते आ सकेगा और सामाजिक उपक्रमों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.





