शिक्षकों के लिए टीईटी बाबत सामन्य दृष्टिकोन से सरकार निर्णय लें
महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति की राज्य शाखा का जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन

* अमरावती जिले के सांसद और विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया
अमरावती /दि.16 – सर्वोच्च न्यायालय ने अमरावती राज्य के शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य कर दी है. 1 सितंबर, 2025 को, सर्वोच्च न्यायालय ने पांच वर्ष से कम सेवा अवधि वाले शिक्षकों को परीक्षा उत्तीर्ण करने से छूट देने का निर्णय दिया है, लेकिन पदोन्नति के लिए परीक्षा अनिवार्य कर दी है. न्यायालय ने पांच वर्ष से अधिक सेवा अवधि वाले शिक्षकों के लिए भी दो वर्ष के भीतर परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है और परीक्षा उत्तीर्ण न करने पर उन्हें सेवा से मुक्त करने का आदेश दिया है. हालांकि, केंद्र सरकार ने समय-समय पर यह निर्धारित किया है कि शैक्षिक, व्यावसायिक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही शिक्षकों की भर्ती की जाए और चयन बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने के कहीं कोई आदेश नहीं हैं. शिक्षक सेवा में प्रवेश कर चुका है. टीईटी के संबंध में सरकार के पिछले निर्णयों में, 2013 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य था.
हालांकि, न्यायालय के इस निर्णय से लाखों शिक्षकों और उनके आश्रित परिवारों का भविष्य चौपट होने की आशंका है. शिक्षकों और उनके परिवारों की सुरक्षा हेतु, महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करें, प्रभावित शिक्षकों के मामले में सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण से राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में निर्णय लें. महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजितदादा पवार, एकनाथ शिंदे, स्कूली शिक्षा मंत्री 13 तारीख को मंत्री दादाजी भुसे, स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री पंकज भोयर को एक ज्ञापन भेजा है. साथ ही, महाराष्ट्र की सभी जिला और तहसील शाखाएं प्रत्येक जिले में सांसदों, विधायकों, शिक्षा विभाग के कार्यरत और सेवानिवृत्त अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपेंगी.
यह जानकारी प्राथमिक शिक्षक समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजय कोम्बे, प्रदेश महासचिव राजन कोरगांवकर, प्रदेश नेता उदय शिंदे, प्रदेश सलाहकार विजयकुमार पंडित, महादेव पाटिल मालवदकर, प्रदेश उपाध्यक्ष राजन सावंत, आनंद कांदलकर, विलास कंटेकुरे, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सयाजी पाटिल, प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदकुमार होलकर, प्रदेश संगठक राजेंद्र खेडकर, सुरेश पाटिल ने दी. प्रदेश कार्यालय सचिव किशोर पाटिल, सतीश सांगले, प्रदेश संपर्क प्रमुख किशन बिरादार, प्रदेश प्रवक्ता नितिन नवले, प्रदेश प्रचार प्रमुख राजेश सावरकर, राज्य लेखा परीक्षक पंडित नागरगोजे, महिला आघाड़ी प्रमुख वर्षा केनवडे, मनपा-नगरपालिका आघाड़ी प्रमुख सुधाकर सावंत, पुरानी पेंशन आघाडी प्रमुख प्रफुल्ल पुंडकर, उर्दू आघडी प्रमुख शफीक अली ने दी है.
अमरावती जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करने और शिक्षकों की नौकरियों की रक्षा करने की मांग ज्ञापन मेें की गई है. यह जानकारी जिला अध्यक्ष अजयानंद पवार, जिला महासचिव शैलेंद्र दहातोंडे, जिला कार्याध्यक्ष प्रशांत निमकर, कोषाध्यक्ष नंदकिशोर पाटिल, कार्यालयीन सचिव मनीष काले सहित जिला व तहसील कार्यकारिणी, महिला व वृद्ध पेंशन आघाड़ी के पदाधिकारियों ने दी है. यह जानकारी शिक्षक समिति के प्रदेश प्रचार प्रमुख राजेश सावरकर ने दी है.





