विविध मांगों के लिए ग्रांप कर्मचारी जिला परिषद पर धमके

ग्रामपंचायत कर्मचारियों ने किया तीव्र प्रदर्शन

अमरावती/दि.8 – अभय यावलकर समिति की सिफारिश मंजूर कर ग्रामपंचायत कर्मचारियों को वेतन श्रेणी लागू करने, शासन स्तर पर मिलनेवाले वेतन पर रही कर वसूली व आय की कठीन शर्त रद्द करने सहित विविध मांगों को लेकर राज्य के ग्रामपंचायत कर्मचारी शासन स्तर पर लगातार प्रयास कर रहे है. शासन ने अनेकबार मांगे मंजूर कर उसे अमल में लाने का आश्वाासन भी दिया है. लेकिन अब तक वह आश्वासन पूरा नहीं किया गया है. इस कारण आयटक से संलग्नित महाराष्ट्र राज्य ग्रामपंचायत कर्मचारी महासंघ द्बारा संपूर्ण राज्य में आंदोलन किया जा रहा है. इसके तहत आज शुक्रवार 8 अगस्त को ग्रामपंचायत कर्मचारियों ने जिला परिषद के सामने तीव्र प्रदर्शन किया और अपनी मांगो का ज्ञापन जिलाधिकारी व जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा गया.
ग्रामपंचायत कर्मचारियों को पिछले पांच माह से शासन का वेतन नहीं मिला है. ग्रामपंचायत के कर्मचारियों के वेतन के लिए जिला परिषद को शासन की तरफ से अनुदान स्वरूप के निधि दी जाती है. प्राप्त निधि की रकम कर्मचारियों को सात दिन में अदा करना अपेक्षित है. इन कर्मचारियों को शासन स्तर के वेतन अनुदान के लिए पात्र होने के लिए पंचायत समिति स्तर पर ग्राम पंचायत की कर वसुली की रिपोर्ट और लगनेवाली निधि की मांग करना आवश्यक रहता है. इसके लिए संबंधित प्रशासन की तरफ से काफी विलंब हो रहा है. प्रशासन की लापरवाही के कारण जिले के ग्रामपंचायत कर्मचारियों को पिछले पांच माह से वेतन न मिलने के कारण वे काफी आर्थिक संकट में आ गए है. अनेक कर्मचारियों पर भूखमरी की नौबत आ गई है. राज्यस्तर पर शासन द्बारा मंजूर की गई विविध लंबीत मांग तथा स्थानीय मांगों को लेकर ग्रामपंचायत कर्मचारी महासंघ ने आज शुक्रवार 8 अगस्त को जिला परिषद कार्यालय के सामने तीव्र प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की और अपने मांगो का ज्ञापन जिलाधिकारी आशीष येरेकार और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजिता महापात्र को सौंपा. आंदोलन में ग्रामपंचायत कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष संजय हाडके , उपाध्यक्ष चंद्रकांत वडसकर, रसुल शहा बिसमिल्ला शहा, सचिव निलकंठ ढोके, सहसचिव अमोल पोटे, संदीप तिंतुरकर, राहुल बोडखे, महेंद्र मेश्राम, अशोक सिरसाठ, तुलसीदास लाड, मुकुंद बनसोड, अमोल काले, अक्षय गावंडे, संजय मेंढे, वासुदेव चव्हाण समेत बडी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे.

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