15 हजार लोगों को कुत्ते ने कांटा
शासकीय अस्पताल में उपचार जारी

* हर दिन औसतन 72 नागरिक शिकार
अमरावती /दि.12 – जिले में डॉग बाइट की घटनाओं में भारी मात्रा में बढोतरी हुई है. जनवरी से जुलाई इन 7 माह में 15 हजार 304 नागरिकों को कुत्ते ने कांटा रहने की बात शासकीय अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज है. जबकि इसमें एक की उपचार के दौरान मृत्यु हुई है. इस आंकडेवारी के मुताबिक हर दिन औसतन 72 लोगों को कुत्तो ने कांटा दिखाई देता है.
जिले में ग्रामीण क्षेत्र समेत शहर में भी आवारा कुत्तों का आतंक भारी मात्रा में बढ गया है. शहर के अनेक प्रमुख चौराहों पर दुपहिया सवार पर रात को तथा सुबह के दौरान कुत्ते पीछा कर हमला करते दिखाई देते है. कुत्ते कांटने पर रेबीज बीमारी होने की संभावना रहती है. यह बीमारी जानलेवा है. समय पर उचित औषधोपचार मिला तो मरीज की जान बचती है. लेकिन अनदेखी करने पर संबंधित मरीज कोमा में जाने की संभावना रहती है. कुत्ता कांटने के बाद रेबीज के लक्षण 90 से 175 दिनों में दिखाई देने लगते है.
* दंश के कारण एक नागरिक की मृत्यु
जिले में जनवरी से जुलाई इस 7 माह में 15 हजार 304 लोगों को श्वान दंश हुआ है. इन सभी ने जिले के शासकीय अस्पताल में उपचार लिया है. इसमें सर्वाधिक घटना अमरावती शहर की है. श्वान दंश के कारण एक को अपनी जान गंवानी पडी है.
* 7 माह में 15 हजार लोगों को श्वान दंश
जनवरी से जुलाई इस 7 माह में श्वान दंश होने से जिले के शासकीय अस्पताल करीबन 15 हजार 304 नागरिकों ने उपचार लिया. इसमें सर्वाधिक 6238 लोगों पर शहर के जिला अस्पताल में उपचार किया गया.
* रेबीज यानि क्या?
रेबीज यह एक वायरस यानि ही विषाणूजन्य बीमारी है. विषाणू शरीर में जाने के बाद सेंट्रल नर्वस सिस्टीम पर यानि मज्जासंस्था पर हमला करता है, इस कारण मरीज के सिर और रीढ की हड्डी पर सुजन आती है. इसमें बुखार और बदनदर्द होना, मस्तिष्क और रीढ की हड्डी में सुजन आना और धीरे-धीरे मांसपेशियों में कमजोरी आना आदि लक्षण दिखाई देते है.
* प्राणियों का टीकाकरण जरुरी
हमारे घरेलू पालतु जानवरों का टीकाकरण करना आवश्यक है. प्रशासन को आवारा कुत्तो का टीकाकरण कराने की भी पहल करनी चाहिए.
* शहर में हजारों आवारा कुत्ते
शहर में हजारों की संख्या में आवारा कुत्ते है. प्रत्येक चौराहों पर 8 से 10 आवारा कुत्तों का जत्था देखने मिलता है. यह आवारा कुत्ते रात के समय वाहन के पीछे दौडते है.
* निजी तौर पर 500 रुपए में मिलता है टीका
कुत्ता काटने के बाद आवश्यक रेबीज प्रतिबंधक टीका प्रति डोज 400 से 500 रुपए में मिलता है. करीबन 4 से 5 दफा टीका लेना पडता है.
* हर दिन 7 से 8 मरीज पर उपचार
श्वान दंश की घटनाओं में बढोतरी हुई है. अस्पताल में हर दिन 7 से 8 मरीज उपचार के लिए आते है. अस्पताल में रेबीज प्रतिबंधात्मक टीका उपलब्ध है. वह निशुल्क उपलब्ध किया जाता है.
– दिलीप सौंदले
जिला शल्य चिकित्सक, अमरावती.
* मनपा आयुक्त द्वारा समीक्षा
शहर में श्वान दंश की बढती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए 5 अगस्त को मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा चांडक ने बैठक ली. सभी आवारा कुत्तों का टीकाकरण तथा हिंसक व रेबीजग्रस्त कुत्तों पर तत्काल उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए.





