गौरवपूर्ण रहा आझाद हिंद मंडल का गुरु पूर्णिमा उत्सव

मंडल द्वारा किया गया वरिष्ठों का पूजन व युवाओं का सम्मान

* सभी ने पूर्व महापौर विलास इंगोले को बताया गुरुतुल्य
अमरावती/दि.11 – स्थानीय बुधवारा परिसर स्थित आझाद हिंद मंडल में गत रोज वर्षों से आ रही परंपरा के तहत गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंडल के पदाधिकारियों द्वारा अपने वरिष्ठों का पूजन करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करनेवाले युवाओं का सम्मान किया गया. साथ ही स्व. नानासाहेब बामणगांवकर की स्मृति में कक्षा 10 वीं व 12 वीं सहित उच्च शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों का भी गणमान्य अतिथियों के हाथों भावपूर्ण सत्कार किया गया.
बुधवारा परिसर स्थित आझाद हिंद मंडल के स्व. हरिभाऊ कलोती स्मारक सभागार में गत रोज जिले के सांसद बलवंत वानखडे की अध्यक्षता के तहत आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव समारोह में बतौर प्रमुख अतिथि पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल, पूर्व सांसद अनंत गुढे, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व पार्षद सुनिता भेले, धीरज हिवसे व प्रदीप हिवसे, प्रा. डॉ. किशोर फुले, वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे, दीपक कलोती, राजेंद्र महल्ले, ऑटो संगठन के अध्यक्ष नितिन मोहोड व प्रा. डॉ. अंजली ठाकरे आदि गणमान्य उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में दीपक पालिमकर, बाबासाहेब कोल्हे, शशी कोल्हे, कैलाश विंचूरकर, प्रदीप मानेकर, अशोक गंगात्रे, दीपक गुप्ता, संजय मांडवे, राजू गुल्हाने, ज्ञानेश्वर पिंपले, कैलाश गुल्हाने, शिव गुप्ता, आप्पा कुर्‍हे, पंडिता दादा, बाबा मिसे, शालिग्राम गुप्ता, संजय बेलोरे, दयाशंकर केशरवानी, आनंदी लकडे, अभिनंदन पेंढारी, पुरुषोत्तम मुंधडा, दीपक हुंडीकर, महेंद्र देशमुख, अनिल सुराणा, मनीष पावडे, सुरेश रतावा, दिनेश सिंघई, राधेश्याम यादव, प्रा. डॉ. संजय शिरभाते, जगदीश सायसिकमल, अरुण बनारसे, प्रभा आवारे, विनोद गुडधे, अजय कोलमकर, अरविंद लुंकड, डॉ. अजय लाड, शरद गढीकर, राजेश मांडवे, रमेश साहू, दिनेश अग्रवाल, सलामभाई, रफिकभाई चिकू, प्रमोद खारकर, किसन घाटोले, दीपक पांढरे, सुरेश साबू, युसूश मास्तर, पप्पू छांगाणी, श्याम शर्मा, नीतेश पांडे, कुट्टूभाई शर्मा, कमल खंडेलवाल, लक्ष्मण खडेकार, सीए राजेश हेडा, ओमप्रकाश चांडक, चांदुर बाजार की कुश्ती पटू निकिता ढवले, अंजनगांव की दिशा नाठे, परतवाडा की तन्वी काले, क्रीडा प्रशिक्षक राजेश देशमुख व जितेंद्र राजपूत सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्यों तथा कक्षा 10 वीं व 12 वीं एवं स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं में पढते हुए शानदार प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों का शाल-श्रीफल, स्मृतिचिन्ह व पुष्पगुच्छ प्रदान करते हुए सम्मान व सत्कार किया गया. इस कार्यक्रम में संचालन व आभार प्रदर्शन संजय मुचलंबे ने किया. इस अवसर पर क्षेत्र के अनेकों गणमान्य बडी संख्या में उपस्थित थे.

* ‘कान’ यानि कायम नगरसेवक है विलास इंगोले
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सांसद बलवंत वानखडे ने विलास इंगोले को ‘कान’ यानि कायम नगरसेवक की उपाधि से सम्मानित किया और कहा कि, विलास इंगोले हमेशा ही दूसरों के बारे में सोचते आए है और लोगों की आजीवन सेवा करते रहे. वे एकतरह से कई लोगों के लिए गुरु की भूमिका भी निभाते है. अत: ऐसे सभी लोगों ने हमेशा ही विलास इंगोले के साथ खडे रहना चाहिए, यही सही मायनो में गुरु दक्षिणा होगी. साथ ही साथ बलवंत वानखडे ने यह भी कहा कि, विलास इंगोले ने कभी भी खुद के लिए कोई अपेक्षा नहीं की और जब भी मांगा तो दूसरों के लिए ही मांगा. साथ ही वे हमेशा बिना जान-पहचान देखे भी लोगों के सुख-दुख में काम आते रहे.

* बिना पद के भी काम करने में तत्पर व सक्षम विलास इंगोले
इस समारोह में दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने कहा कि, विलास इंगोले शहर में एकमात्र ऐसे व्यक्ति है, जिनके पास चाहे कोई पद हो अथवा न हो, लेकिन वे हमेशा ही लोगों के काम करने हेतु तत्पर व सक्षम रहते है. साथ ही अपने संपर्क में आनेवाले हर एक व्यक्ति से पूरी आत्मियता भी दिखाते है. इस समय संपादक अग्रवाल ने एक किस्सा याद दिलाते हुए कहा कि, लोकसभा चुनाव के समय विलास इंगोले की पीठ में काफी तकलिफ हो रही थी. जिसके चलते उन्हें ऑपरेशन कराना पडा था और डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी. लेकिन इसके बावजूद भी विलास इंगोले चुनाव के समय बिना रुके सभी कार्यक्रमों में उपस्थित रहते थे और जब उन्हें ऐसा करने से रोका गया तो उनका कहना रहा कि, अगर वे चुनाव के समय आराम करेंगे तो अफवाहें फैलना शुरु हो जाएंगी. उन्होंने विरोधी प्रत्याशी के साथ को कोई साठगांठ कर ली है और वे ऐसा कोई गलत संदेश फैलने नहीं देना चाहते. अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा रखनेवाले ऐसे लोग अब गिने-चुने ही बचे है. अत: अब पार्टी ने विलास इंगोले को एक कदम उपर उठाते हुए पार्षद की बजाए विधायक पद के लिए चुनना चाहिए. संपादक अग्रवाल ने यह भी याद दिलाया कि, इससे पहले भी विधानसभा चुनाव के समय विलास इंगोले के मित्र परिवार ने उनके लिए प्रयास किए थे. लेकिन हमेशा ही दूसरों के लिए काम करनेवाले और पार्टी के आदेश को सर्वोपरी माननेवाले विलास इंगोले ने डॉ. सुनील देशमुख की दावेदारी को स्वीकार किया था तथा डॉ. देशमुख का पूरी तरह से साथ निभाया था. अपने इसी स्वभाव के चलते विलास इंगोले सभी के लिए गुरुतुल्य है.
* इंगोले ने बढाया मंडल के कामों का दायरा
वरिष्ठ शिक्षाविद प्रा. डॉ. किशोर फुले ने कहा कि, आझाद हिंद मंडल का गुरु पूर्णिमा उत्सव विगत कई वर्षों से परंपरागत तौर पर मनाया जा रहा है. जिसे विलास इंगोले ने केवल मंडल तक सीमित रखने की बजाए इससे समाज के हर वर्ग को जोडने का प्रयास किया है. ऐसे में उन्हें पूरा विश्वास है कि, अमरावती की नई पीढी इस मंडलरुपी मिट्टी को स्वीकार करने के साथ ही गुरुचरणों में शीश झुकाकर इस परंपरा को निश्चित तौर पर आगे ले जाएगी, जिसका पूरा श्रेय विलास इंगोले की वृृहद सोच को रहेगा.

* क्रीडा क्षेत्र पर समाज की रक्षा का भी दायित्व
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आझाद हिंद मंडल के अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर विलास इंगोले ने कहा कि, गुरु पूर्णिमा का अवसर गुरु-शिष्य परंपरा के प्रति सद्भावना व्यक्त करने का मौका होता है. जिसका अखाडे में विशेष महत्व रहता है और आझाद हिंद मंडल द्वारा इस परंपरा का विगत कई वर्षों से श्रद्धापूर्वक पालन किया जा रहा है. हमारा स्पष्ट मानना है कि, क्रीडा क्षेत्र यह शारीरिक व मानसिक क्षमता को बढाने का सबसे सशक्त माध्यम है. जिस पर समाज की रक्षा का दायित्व भी है. जिसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, परंतु ‘हाफ पैंट’ वाले लोग इन दिनों अपनी राजनीति के लिए क्रीडा क्षेत्र का भी इस्तेमाल करने लगे है. ऐसे लोगों को निश्चित तौर पर बचकर रहना चाहिए. साथ ही इंगोले ने यह भी कहा कि, आझाद हिंद मंडल अपने दायित्वों को विगत 98 वर्षों से पूरी इमानदारी के साथ निभा रहा है, तथा सामाजिक, धार्मिक व शैक्षणिक सहित अन्य क्षेत्रों में अपना पूरा योगदान दे रहा है.

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