हमारा किसी से कोई बैर नहीं

पूर्व मंत्री बच्चू कडू की ‘एक्स’ पर पोस्ट वायरल

अमरावती/दि.22 – आज राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का जन्मदिवस रहा. जिसके चलते कई नेताओं ने सीएम फडणवीस को सोशल मीडिया साईट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी है. जिसमें से प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू की पोस्ट सबसे अधिक चर्चा में है. अपनी पोस्ट में बच्चू कडू ने सीएम फडणवीस को संबोधित करते हुए लिखा कि, आपके हाथ में महाराष्ट्र का सर्वोच्च पद है और आप सही अर्थो में यशवंत व कीर्तिवंत हो, ऐसी मौजूदा समय की जरुरत भी है. आपने हमारे द्वारा उठाई गई मांगों को मान्यता देकर सभी मेहनतकशों, किसानों, वंचितो व दिव्यांगों को दिलासा देना चाहिए. हमारा किसी से कोई व्यक्तिगत बैर नहीं है. हमारी मांगे पूर्ण हो जाती है तो मेहनतकश समाज की मैत्री का नया पर्व शुरु होगा.
उल्लेखनीय है कि, किसानों की कर्जमाफी हेतु यद्यपि सरकार द्वारा समिति गठित की गई है, परंतु बच्चू कडू का इससे समाधान नहीं हुआ है. बल्कि बच्चू कडू ने अब यह भूमिका अपनाई है कि, जब तक कर्जमाफी को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं हो जाता और दिव्यांगों को प्रति माह 6 हजार रुपए का मानधन नहीं मिलता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. इसी के तहत बच्चू कडू ने आगामी 24 जुलाई को पूरे राज्यभर में चक्काजाम आंदोलन करने की घोषणा कर रखी है और वे अपने फैसले पर पूरी तरह से अडीग भी है. जिसके चलते बच्चू कडू इस समय राज्यव्यापी दौरा कर रहे है और राज्य में जगह-जगह पर किसानों से संपर्क साधते हुए उन्हें कर्जमाफी हेतु किए जा रहे आंदोलन के साथ जोड रहे है. वहीं बच्चू कडू के आंदोलन को शरद पवार गुट वाली राकांपा, शिवसेना उबाठा, राष्ट्रीय समाज पार्टी, महाराष्ट्र स्वराज्य पार्टी सहित कई राजनीतिक दलो व संगठनों की ओर से समर्थन भी मिल रहा है.
* अभी नहीं तो कभी नहीं, बच्चू ने भरी हुंकार
– उग्र आंदोलन होने पर सरकार की जिम्मेदारी रहने की बात कही
इस बीच पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने किसान कर्जमाफी एवं सातबारा कोरा की मांग को लेकर 24 जुलाई को महाराष्ट्र की सडकों पर उग्र व निर्णायक आंदोलन करने की बात कहते हुए किसानों के समक्ष हुंकार भरी कि, राज्य के सभी किसानों ने अभी नहीं तो कभी नहीं वाले अंदाज में किसान कर्जमाफी की मांग के लिए सडकों पर उतरना चाहिए. साथ ही बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, यदि 24 जुलाई को राज्य में किसानों का आंदोलन उग्र होता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर रहेगी.

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